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कोटा में एल्बुमिन इंजेक्शन गबन मामले में एसीबी ने सात साल बाद दो आरोपियों को किया गिरफ्तार - एमबीएस अस्पताल में एल्बुमिन इंजेक्शन गबन

एसीबी ने एल्बुमिन इंजेक्शन गायब होने के मामले में एमबीएस अस्पताल के तत्कालीन सेंटर स्टोर प्रभारी और नर्सिंग कर्मी विनोद गुप्ता और बीपीएल दवा वितरण प्रभारी बालचंद पंवार को जांच में दोषी माना था. इन्होंने एक हजार से ज्यादा इंजेक्शन का गबन किया था. इस मामले में एसीबी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है.

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कोटा में एल्बुमिन इंजेक्शन गबन मामले में एसीबी ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार
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Published : Jan 21, 2021, 11:55 PM IST

कोटा. एसीबी कोटा देहात की टीम ने एमबीएस अस्पताल में किडनी मरीजों के जीवन रक्षक एल्बुमिन इंजेक्शन के 7 साल पुराने गबन के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक नर्सिंग कार्मिक विनोद गुप्ता है, जबकि दूसरे रिटायर्ड कार्मिक बालचंद पंवार हैं. दोनों को आज न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है.

मामले के अनुसार निजी मेडिकल स्टोर पर 2014 में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत सप्लाई होने वाला एल्बुमिन इंजेक्शन मिला था. इस पर औषध नियंत्रण संगठन ने कार्रवाई भी की थी. इसके बाद में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी थी. इसमें एमबीएस अस्पताल के रिकॉर्ड की पड़ताल के दौरान रिकॉर्ड में हेरफेर मिली और इंजेक्शन भी गायब थे, जिसके बाद गबन का मामला एसीबी ने बनाया था.

यह भी पढ़ें- गहलोत सरकार के संरक्षण में हो रहा बजरी का अवैध खनन...कानून-व्यवस्था हुई बेपटरी : पूनिया

इस मामले में एमबीएस अस्पताल के तत्कालीन सेंटर स्टोर प्रभारी और नर्सिंग कर्मी विनोद गुप्ता और बीपीएल दवा वितरण प्रभारी बालचंद पंवार को जांच में दोषी माना था. इन्होंने एक हजार से ज्यादा इंजेक्शन का गबन किया था. ऐसे में करीब 27 लाख रुपए का नुकसान राज्य सरकार को हुआ था. इसके बाद एसीबी की अनुशंसा पर ही विनोद गुप्ता और बालचंद पंवार के साथ अस्पताल के तत्कालीन अधीक्षक एआर गुप्ता और कैंसर रोग विभागाध्यक्ष डॉ. आरके तंवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में कोटा देहात एसीबी ने कार्रवाई करते हुए विनोद गुप्ता और बालचंद पवार को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया है.

कोटा. एसीबी कोटा देहात की टीम ने एमबीएस अस्पताल में किडनी मरीजों के जीवन रक्षक एल्बुमिन इंजेक्शन के 7 साल पुराने गबन के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें एक नर्सिंग कार्मिक विनोद गुप्ता है, जबकि दूसरे रिटायर्ड कार्मिक बालचंद पंवार हैं. दोनों को आज न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है.

मामले के अनुसार निजी मेडिकल स्टोर पर 2014 में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत सप्लाई होने वाला एल्बुमिन इंजेक्शन मिला था. इस पर औषध नियंत्रण संगठन ने कार्रवाई भी की थी. इसके बाद में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी थी. इसमें एमबीएस अस्पताल के रिकॉर्ड की पड़ताल के दौरान रिकॉर्ड में हेरफेर मिली और इंजेक्शन भी गायब थे, जिसके बाद गबन का मामला एसीबी ने बनाया था.

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इस मामले में एमबीएस अस्पताल के तत्कालीन सेंटर स्टोर प्रभारी और नर्सिंग कर्मी विनोद गुप्ता और बीपीएल दवा वितरण प्रभारी बालचंद पंवार को जांच में दोषी माना था. इन्होंने एक हजार से ज्यादा इंजेक्शन का गबन किया था. ऐसे में करीब 27 लाख रुपए का नुकसान राज्य सरकार को हुआ था. इसके बाद एसीबी की अनुशंसा पर ही विनोद गुप्ता और बालचंद पंवार के साथ अस्पताल के तत्कालीन अधीक्षक एआर गुप्ता और कैंसर रोग विभागाध्यक्ष डॉ. आरके तंवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में कोटा देहात एसीबी ने कार्रवाई करते हुए विनोद गुप्ता और बालचंद पवार को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया है.

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