कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा चौकी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जिले के सांगोद थाने के एसएचओ को 8000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. उन्होंने यह रिश्वत की राशि सांगोद कस्बे में संचालित भांग के ठेके को चलने देने और अवैध रूप से बिकने वाली भांग पर रोक लगाने की एवज में मांगी थी. यह रिश्वत की राशि उसने आज कोटा शहर के बोरखेड़ा थाने के सामने अपनी कार में ली. इसके बाद ACB की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. रिश्वत की राशि उनकी कार की अगली सीट से बरामद कर ली गई है.
मामले के अनुसार 22 सितंबर को महावीर नगर तृतीय निवासी बलराज सिंह राजपूत ने कोटा एसीबी चौकी में उपस्थित होकर परिवाद दिया था. इसमें उसने बताया था कि उनके मालिक उदल सिंह का सरकारी भांग का ठेका सांगोद कस्बे में है जिसको वही संभालता है. मालिक उदल सिंह ने उसे ही अधिकृत किया हुआ है. यह ठेका कुंदनपुर रोड सांगोद पर चल रहा है. ठेके के आसपास अवैध रूप से भांग भी बेची जा रही है जिसको बंद करवाने के लिए मैंने सांगोद एसएचओ बदन सिंह से बातचीत की थी, लेकिन उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.
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जब दोबारा अवैध भांग की बिक्री बंद करवाने के लिए सीआई बदन सिंह से मिला तो उन्होंने मंथली के रूप में 10,000 रुपए रिश्वत की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह राशि मिलने के बाद वह आसपास सभी अवैध रूप से बिकने वाली भांग को भी बंद करवा देंगे.
कोटा एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि इस शिकायत का गोपनीय सत्यापन भी 22 सितंबर को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने करवाया. इसमें 10 हजार रुपए की रिश्वत का सत्यापन हुआ. इसके साथ ही एसएचओ बदन सिंह ने 2000 रुपए भी परिवादी से प्राप्त कर लिए थे जिसके बाद कोटा एसीबी की टीम ने आज ट्रैप की कार्रवाई की. गुरुवार को एसएचओ बदन सिंह मीणा ने परिवादी बलराज सिंह को रिश्वत की राशि लेकर बोरखेड़ा थाने के सामने बुलाया जहां पर उन्होंने अपनी कार में यह रिश्वत की राशि लेकर रख दी.
इसके बाद कोटा एसीबी की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके साथ ही इस मामले में अग्रिम कार्रवाई जारी है. इस कार्रवाई में पुलिस उप अधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा, पुलिस निरीक्षक नरेश चौहान, चंद्रकंवर, कांस्टेबल भरत सिंह, मुकेश सैनी, मनोज शर्मा, देवेंद्र सिंह, योगेंद्र सिंह, मोहम्मद खालिक, जोगेंद्र सिंह, सरोज और हेमंत सिंह शामिल है.
कार्रवाई के तुरंत बाद एसपी ने किया निलंबित, एसीबी ने शुरू की घर की तलाशी
सांगोद के एसएचओ बदन सिंह मीणा कोटा में किसी आरोपी को पेश करने के लिए आया था. इसके बाद वह कोटा अपने घर ही रुक गया था. उसका रिद्धि सिद्धि नगर बोरखेड़ा इलाके में ही अपना घर है. जहां से वह रिश्वत की राशि लेने के लिए बोरखेड़ा थाने के सामने आया था और एसीबी के हत्थे चढ़ गया. ऐसे में उसके रिद्धि सिद्धि नगर स्थित आवास पर भी एसीबी टीम ने धावा बोल दिया है और तलाशी ली जा रही है. एसएचओ बदन सिंह मीणा के ट्रैप होने के तुरंत बाद कोटा ग्रामीण एसपी शरद चौधरी भी एक्टिव हो गए. उन्होंने बदन सिंह मीणा को निलंबित कर दिया है.
सांगोद के पूर्व SHO फंसे थे एसीबी में, अभी तक फरार
कोटा एसीबी ने सांगोद एसएचओ बदन सिंह मीणा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गय है. इससे पहले भी सांगोद थाने में तैनात एसएचओ जयराम जाट को भी एसीबी ने पकड़ लिया था. उसके लिए रिश्वत लेते हुए कांस्टेबल दिनेश मीणा कोटा में गिरफ्तार हुआ था. इस मामले में कॉन्स्टेबल के गिरफ्तार होने की सूचना मिलते ही एसएचओ जयराम जाट थाना छोड़कर फरार हो गया था, जो कि करीब 3 महीने बाद भी अभी फरार ही हैं. यह मामला प्लॉट के विवाद के बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर गिरफ्तारी रोक दी थी, लेकिन पीड़ित को गिरफ्तार करने की धमकी देकर इस मामले में रिश्वत मांगी जा रही थी.
मुझसे कहा था दक्षिणा चढ़ाओ, पैसा देने के बाद भी मेरा काम नहीं किया
पीड़ित बलराज सिंह राजपूत का कहना है कि उसकी भांग की दुकान के नजदीक ही अवैध रूप से किराने की दुकान पर भांग का बेचान किया जा रहा था. इस संबंध में जब सांगोद एसएचओ बदन सिंह मीणा के पास में पहुंचे थे, तब उसने दक्षिणा चढ़ाने की बात कही. मैंने उन्हें पांच हजार रुपए दे दिए, लेकिन मेरा काम नहीं हुआ. इसके बाद जब मैं दोबारा गया तब उसने 5 हजार रुपए और मांग लिए, वह भी मैंने दे दिए. उसके बाद में पड़ोसी किराने की दुकान वाले ने मुझ से लड़ाई झगड़ा शुरू कर दिया. साथ ही मेरे खिलाफ रिपोर्ट लिखा दी, लेकिन उसके यहां बिक रही अवैध भांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद जब मैं गया तो मेरे से 10 हजार रुपए की मांग की जिसपर मैंने एसीबी से शिकायत कर दी.