कोटा. जेके लोन अस्पताल के डॉक्टरों पर एक बार फिर लापरवाही का आरोप लगा है. सोमवार सुबह एक 8 माह की गर्भवती की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. परिजनों ने आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने मरीज को 24 घंटे तक भर्ती नहीं किया, जबकि उसे सांस लेने में तकलीफ थी. एमबीएस अस्पताल में हंगामा होता देख चौकी पुलिस ने महिला के शव को मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है. वहीं परिजन रो रोकर परिसर में ही बेहाल हो रहे थे.
जानकारी के अनुसार बूंदी जिले के भोमा का खेड़ा लाड़पुर निवासी 32 वर्षीय द्वारका बाई 8 माह की गर्भवती थी, जिसे रविवार सुबह 8 बजे परिजन जेके लोन अस्पताल लेकर आए थे. जहां पर उन्होंने सांस की तकलीफ होना बताया. साथ ही कहा था कि वह बैठ और लेट भी नहीं पाती है. परिजनों का कहना है कि चिकित्सकों ने केवल उसका बीपी चेक किया और नॉर्मल बताकर उसे भर्ती करने से मना कर दिया. उसके बाद परिजन उसे लेकर जेके लोन अस्पताल के बाहर रहे और सोमवार होने का इंतजार करते रहे.
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लेकिन सोमबार सुबह 7 बजे महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. इसके बाद जब परिजन उसे लेकर एमबीएस अस्पताल गए. जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों ने एमबीएस अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया और चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
महिला के परिजनों का आरोप है कि उसकी गंभीर स्थिति के बावजूद चिकित्सकों ने भर्ती नहीं किया और जिस कारण उसकी मौत हुई. पुलिस ने एहतियात बरतते हुए महिला के शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है. दूसरी तरफ परिजनों का हंगामा एमबीएस अस्पताल में जारी है. जिसमें डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की बात की कर रहे हैं.