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कोटा: JK लोन अस्पताल के डॉक्टरों पर एक बार फिर लापरवाही का आरोप, 8 माह की गर्भवती महिला की मौत - कोटा जेके लोन अस्पताल का मामला

जेके लोन अस्पताल में सोमवार सुबह एक 8 माह की गर्भवती की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला को सांस लेने में तकलीफ थी, फिर भी चिकित्सकों ने उसे 24 घंटे तक भर्ती नहीं किया. उसके बाद एमबीएस अस्पताल में सोमवार को इलाज के दौरान गर्भवती महिला की मौत हो गई. वहीं हंगामा होता देख चौकी पुलिस ने महिला के शव को मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है.

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Published : Nov 11, 2019, 12:10 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 12:38 PM IST

कोटा. जेके लोन अस्पताल के डॉक्टरों पर एक बार फिर लापरवाही का आरोप लगा है. सोमवार सुबह एक 8 माह की गर्भवती की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. परिजनों ने आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने मरीज को 24 घंटे तक भर्ती नहीं किया, जबकि उसे सांस लेने में तकलीफ थी. एमबीएस अस्पताल में हंगामा होता देख चौकी पुलिस ने महिला के शव को मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है. वहीं परिजन रो रोकर परिसर में ही बेहाल हो रहे थे.

8 माह की गर्भवती महिला की मौत

जानकारी के अनुसार बूंदी जिले के भोमा का खेड़ा लाड़पुर निवासी 32 वर्षीय द्वारका बाई 8 माह की गर्भवती थी, जिसे रविवार सुबह 8 बजे परिजन जेके लोन अस्पताल लेकर आए थे. जहां पर उन्होंने सांस की तकलीफ होना बताया. साथ ही कहा था कि वह बैठ और लेट भी नहीं पाती है. परिजनों का कहना है कि चिकित्सकों ने केवल उसका बीपी चेक किया और नॉर्मल बताकर उसे भर्ती करने से मना कर दिया. उसके बाद परिजन उसे लेकर जेके लोन अस्पताल के बाहर रहे और सोमवार होने का इंतजार करते रहे.

ये पढ़ें: कोटा : अवैध एलपीजी रिफलिंग करते समय लगी आग, 7 सिलेंडरों में हुए विस्फोट

लेकिन सोमबार सुबह 7 बजे महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. इसके बाद जब परिजन उसे लेकर एमबीएस अस्पताल गए. जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों ने एमबीएस अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया और चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

महिला के परिजनों का आरोप है कि उसकी गंभीर स्थिति के बावजूद चिकित्सकों ने भर्ती नहीं किया और जिस कारण उसकी मौत हुई. पुलिस ने एहतियात बरतते हुए महिला के शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है. दूसरी तरफ परिजनों का हंगामा एमबीएस अस्पताल में जारी है. जिसमें डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की बात की कर रहे हैं.

कोटा. जेके लोन अस्पताल के डॉक्टरों पर एक बार फिर लापरवाही का आरोप लगा है. सोमवार सुबह एक 8 माह की गर्भवती की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. परिजनों ने आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने मरीज को 24 घंटे तक भर्ती नहीं किया, जबकि उसे सांस लेने में तकलीफ थी. एमबीएस अस्पताल में हंगामा होता देख चौकी पुलिस ने महिला के शव को मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है. वहीं परिजन रो रोकर परिसर में ही बेहाल हो रहे थे.

8 माह की गर्भवती महिला की मौत

जानकारी के अनुसार बूंदी जिले के भोमा का खेड़ा लाड़पुर निवासी 32 वर्षीय द्वारका बाई 8 माह की गर्भवती थी, जिसे रविवार सुबह 8 बजे परिजन जेके लोन अस्पताल लेकर आए थे. जहां पर उन्होंने सांस की तकलीफ होना बताया. साथ ही कहा था कि वह बैठ और लेट भी नहीं पाती है. परिजनों का कहना है कि चिकित्सकों ने केवल उसका बीपी चेक किया और नॉर्मल बताकर उसे भर्ती करने से मना कर दिया. उसके बाद परिजन उसे लेकर जेके लोन अस्पताल के बाहर रहे और सोमवार होने का इंतजार करते रहे.

ये पढ़ें: कोटा : अवैध एलपीजी रिफलिंग करते समय लगी आग, 7 सिलेंडरों में हुए विस्फोट

लेकिन सोमबार सुबह 7 बजे महिला की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. इसके बाद जब परिजन उसे लेकर एमबीएस अस्पताल गए. जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों ने एमबीएस अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया और चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

महिला के परिजनों का आरोप है कि उसकी गंभीर स्थिति के बावजूद चिकित्सकों ने भर्ती नहीं किया और जिस कारण उसकी मौत हुई. पुलिस ने एहतियात बरतते हुए महिला के शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है. दूसरी तरफ परिजनों का हंगामा एमबीएस अस्पताल में जारी है. जिसमें डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की बात की कर रहे हैं.

Intro:जेके लोन अस्पताल में आज सुबह एक 8 माह की गर्भवती की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया और उन्होंने आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने उसे 24 घंटे तक भर्ती नहीं किया जबकि उसे सांस में तकलीफ थी. एमबीएस अस्पताल में हंगामा होता देख चौकी पुलिस ने महिला के शव को मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है.


Body:कोटा.
कोटा के जेकेलोन चिकित्सालय में एक बार फिर डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. आज सुबह एक 8 माह की गर्भवती की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया और उन्होंने आरोप लगाया कि चिकित्सकों ने उसे 24 घंटे तक भर्ती नहीं किया जबकि उसे सांस में तकलीफ थी. एमबीएस अस्पताल में हंगामा होता देख चौकी पुलिस ने महिला के शव को मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है. वहीं परिजनों का रो-रोकर परिसर में ही बेहाल हो रहे हैं.

जानकारी के अनुसार बूंदी जिले के भोमा का खेड़ा लाड़पुर निवासी 32 वर्षीय द्वारका बाई 8 माह की गर्भवती थी, जिसे रविवार सुबह 8:00 बजे परिजन जेकेलोन अस्पताल लेकर आए थे. जहां पर उन्होंने सांस की तकलीफ होना बताया था. साथ ही कहा था कि वह बैठ और लेट भी नहीं पाती है. परिजनों का कहना है कि चिकित्सकों ने केवल उसका बीपी चेक किया और नॉर्मल बताकर उसे भर्ती करने से मना कर दिया. वह उसे लेकर जेके लोन अस्पताल के बाहर ही रहे और सोमवार होने का इंतजार करते रहे, लेकिन आज सुबह 7:00 बजे उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. इसके बाद जब परिजन उसे लेकर एमबीएस अस्पताल गए जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों ने एमबीएस अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया और चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.


Conclusion:महिला के परिजनों का कहना है कि उसकी गंभीर स्थिति के बावजूद चिकित्सकों ने भर्ती नहीं किया और उसी कारण उसकी मौत हुई. पुलिस ने एहतियात बरतते हुए महिला के शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में शिफ्ट करवाया है. दूसरी तरफ परिजनों का हंगामा एमबीएस अस्पताल में जारी है, जिसमें डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की बात की कर रहे हैं.


बाइट का क्रम

बाइट-- बाबूलाल, परिजन
बाइट-- इंद्रा, परिजन
Last Updated : Nov 11, 2019, 12:38 PM IST
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