कोटा. नेपाल में पशुपतिनाथ के दर्शन करने गए यात्रियों की बस के वापस कोटा लौटने की सूचना से जिला प्रशासन सतर्क हो गया. बस शुक्रवार रात करीब 10 बजे गामछ फाटक पहुंची, जहां उसे रुकवा लिया गया. बस में सवार सभी 49 लोगों की स्क्रीनिंग चार टीमों ने की. इसमें यात्रियों के अलावा ड्राइवर और खलासी भी शामिल था.
किसी को भी को जुकाम खांसी या कोरोना के लक्षण नहीं मिले. रैपिड रिस्पांस टीम ने पूरी बस को सेनेटाइज करवाया है. निजी बस मालिक संघ के प्रदेश महासचिव सत्यनारायण साहू ने इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी थी. इसके बाद प्रशासन अलर्ट पर था. सभी यात्रियों को जरुरी सावधानियां मेडिकल टीम ने बताई है.
सीएमएचओ ऑफिस के कोरोना कंट्रोल रूम प्रभारी डॉ. अभिमन्यु शर्मा ने बताया कि सभी की हथेलियों के पीछे क्वॉरेंटाइन की सील लगाई गई है और उन्हें अगले 14 दिन तक घर में ही होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी है. इस टीम में डॉ. हर्षवर्धन, डॉ. सौरभ शर्मा, डॉ. रुद्राक्ष शर्मा और डॉ. दयानंद राठौर शामिल थे. बताया जा रहा है कि ये यात्री नेपाल से 8 मार्च को निकल गए थे. उसके बाद सीतामढ़ी, बोधगया, गंगासागर, प्रयागराज और चित्रकूट होते हुए शुक्रवार को कोटा पहुंचे.
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निरीक्षकों ने सेनेटाइज करना सिखाया
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते अब परिवहन विभाग सतर्क हो गया है. परिवहन निरीक्षक निजी बस स्टैंड पहुंचे, जहां पर उन्होंने बस संचालकों और ऑपरेटरों को बसों को सैनिटाइजर करना बताया. साथ ही निरीक्षक अपने साथ सैनिटाइजर के लिए केमिकल ले गए थे.
निरीक्षक बनवारी लोदिया ने बताया कि उनकी टीम ने खुद बसों को सैनिटाइज करके पूरी तरह से समझाया है और उन्हें आगाह किया है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बसों को लगातार सैनिटाइज कर साफ करते रहें. साथ ही उन्होंने बस ऑपरेटरों से कहा है कि वे सैनिटाइजर अपनी बसों में रखें और कोई भी यात्री प्रवेश करता है, उसके पहले उसके हाथों को सैनिटाइज करवाया जाए.