कोटा. सार्वजनिक निर्माण विभाग (Kota PWD) को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा है. कोटा संभाग में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन 3737 सड़कें हैं, जो कि 12823 किलोमीटर लंबी है. इनमें से 1602 सड़कों को नुकसान पहुंचा है. ऐसे में देखा जाए तो करीब 30 फीसदी सड़कों को नुकसान हो गया है. कुल 2194 करोड़ रुपए की सड़कें पानी में बह गई.
हाड़ौती संभाग में चले बारिश के भीषण दौर के बाद प्रदेश में सड़कें और पुलियाएं तबाह हो गई हैं. इसके चलते सार्वजनिक निर्माण विभाग को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा है. संभाग में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीन 3737 सड़कें हैं, जो कि 12823 किलोमीटर लंबी है. इनमें से 1602 सड़कों को नुकसान पहुंचा है, जो कि 3656 किलोमीटर लंबी है. ऐसे में देखा जाए तो करीब 30 फीसदी सड़कों को नुकसान हो गया है. इन सड़कों की कीमत की बात की जाए तो यह 2194 करोड़ रुपए की थी, जो कि पानी में लगभग बह गई है. इनमें से कई सड़कों पर आवागमन अभी बाधित है.
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सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता सुरेश कुमार बैरवा का कहना है कि करीब लगातार 15 दिनों तक बारिश हुई है. उसके चलते सड़कों और पुलियाओं को नुकसान हुआ है. हालांकि, अभी पूरा अगस्त का महीना बाकी है. हाड़ौती में सितंबर महीने तक बारिश होती है. ऐसे में प्रारंभिक रूप में सड़कों का खराबा बढ़ सकता है. क्योंकि अभी भी सर्वे लगातार पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर कर रहे हैं. सड़कों को दुरुस्त करने के लिए भी निर्देशित किया हुआ है. जिससे आवागमन में लोगों को असुविधा नहीं हो.
बजट का टोटा कैसे होगी मरम्मत
खराब हुई हजारों किमी सड़कों से आवागमन को तत्काल रूप से शुरू करने के लिए करीब 20 करोड़ रुपए की आवश्यकता है. इसके अलावा इन सड़कों की मरम्मत के लिए भी 211 करोड़ों रुपए की जरूरत है. हालांकि, सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास पहले ही पैसों का टोटा है. ऐसे में इन सड़कों की मरम्मत किस तरह होगी, यह भी एक बड़ा सवाल उभर कर आ रहा है. सार्वजनिक निर्माण विभाग को पूरे संभाग में ही बारिश के बाद मरम्मत के लिए 30 से 40 करोड़ रुपए का बजट आवंटित होता है, जो कि 17 डिवीजन में बांटा जाता है. ऐसे में 1 जिले के हिस्से में महज 7 से 8 करोड़ रुपए ही मिल पाते हैं. जबकि सड़कों और पुलों को हुए नुकसान के लिए उन्हें 50 करोड़ से ज्यादा की राशि चाहिए.
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पानी के तोड़ दिए 399 पुल, रास्ते अवरुद्ध
सड़कों के अलावा कई पुलियाएं टूट गई. जिससे गांवों का शहरों से संपर्क टूट गया और लोगों की मुसीबत दुगनी हो गई. कोटा संभाग की बात की जाए तो 399 छोटे बड़े पुलों को इस अतिवृष्टि से नुकसान पहुंचा है. इसमें कोटा जिले के 135, बारां में 128, झालावाड़ में 100 और बूंदी जिले में 34 पुल शामिल हैं. कई पुल ऐसे हैं, जो की पूरी तरह ही बह गए हैं. जिनका निर्माण अब नए सिरे से ही किया जाएगा, तभी ग्रामीण इलाकों के रास्ते सुचारू हो पाएंगे.
सबसे ज्यादा कोटा जिले को नुकसान
सड़कों के खराब होने की बात की जाए तो सबसे ज्यादा कोटा जिले में 523 सड़कें खराब हुई है, जो कि 1193 किलोमीटर लंबी है. इसके बाद बारां जिले में 421 सड़कें खराब हुई है, जो कि 1155 किलोमीटर लंबी है. वहीं झालावाड़ जिले की बात की जाए तो 420 किलोमीटर सड़कें खराब हुई है, जो कि 1022 किलोमीटर लंबी है. बूंदी जिले में 238 सड़कों को नुकसान पहुंचा है, जो 285 किलोमीटर लंबी है.
पुलिया क्षतिग्रस्त नहीं शुरू होगा खातोली: सवाई माधोपुर मार्ग
बारिश के चलते खातोली से कैथूदा और सवाई माधोपुर मार्ग पूरी तरह से जर्जर हो गया है. यहां तक कि एक पुलिया इस मार्ग पर थी जो कि बारिश में बह गई है. वहीं झरेल के बालाजी पर चंबल नदी की रपट भी पूरी तरह से उधर गई है. ऐसे में अब इसकी मरम्मत की आवश्यकता है, जो कि बारिश के पूरे सीजन में नहीं हो पाएगी. ऐसे में यह रास्ता अक्टूबर-नवंबर में ही अब शुरू हो पाएगा. करीब ढाई महीने अभी भी रास्ता बंद ही रहेगा. इसके चलते सीधा इटावा से सवाई माधोपुर का संपर्क कट गया है. साथ ही बारां जिले से सीधे सवाई माधोपुर जाने वाले वाहनों को भी लंबे रूट से जाना होगा.