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कोटा: वोटिंग के पहले ही बीजेपी के हाथ से गए 2 वार्ड, प्रत्याशियों के पर्चे हुए खारिज - Kota Hindi News

नगर निगम चुनाव में 150 वार्डों के लिए आए 632 उम्मीदवारों के नामांकनों की मंगलवार को जांच हुई. इसके बाद 35 उम्मीदवारों के नामांकन खारिज हुए हैं. भारतीय जनता पार्टी के 2 प्रत्याशियों के बीच पर्चे खारिज हो गए हैं. ऐसे में बीजेपी के पास अब इन वार्डों में दूसरे प्रत्याशियों को ही समर्थन करना मजबूरी हो गया है. इन दोनों में कोटा उत्तर और दक्षिण से एक-एक प्रत्याशी शामिल है.

Kota News, Kota Municipal Corporation News
वोटिंग के पहले ही बीजेपी के हाथ से गए 2 वार्ड
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Published : Oct 21, 2020, 12:02 AM IST

कोटा. नगर निगम चुनाव में 19 अक्टूबर तक हुए नामांकन में 632 उम्मीदवारों ने 706 नामांकन दर्ज करवाएं हैं. इनमें बीजेपी कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार शामिल है. हालांकि मंगलवार नामांकन पत्रों की स्कूटनी का क्रम जारी रहा. इस दौरान 35 प्रत्याशियों के 63 नामांकन खारिज हुए हैं. इसके बाद कुल 150 वार्डों में 597 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें कोटा उत्तर के 260 और कोटा दक्षिण के 337 प्रत्याशी शामिल हैं.

हालांकि सबसे चौंकाने वाली बात है कि भारतीय जनता पार्टी के 2 प्रत्याशियों के बीच पर्चे खारिज हो गए हैं. ऐसे में बीजेपी के पास अब इन वार्डों में दूसरे प्रत्याशियों को ही समर्थन करना मजबूरी हो गया है. इन दोनों में कोटा उत्तर और दक्षिण से एक-एक प्रत्याशी शामिल है. कोटा दक्षिण के वार्ड नंबर 43 से बीजेपी के प्रत्याशी अब्दुल हमीद कानू का नामांकन खारिज हुआ है रिटर्निंग ऑफिसर जिला आबकारी अधिकारी बिरधीचंद गंगवाल ने बताया कि 2 से ज्यादा संताने होने के कारण अब्दुल हमीद कानू का नामांकन खारिज हो गया है.

पढ़ेंः कोटा: मनाही के बाद भी पर प्रचार में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की फोटो का प्रयोग कर रहे प्रत्याशी

इसी तरह से कोटा उत्तर में वार्ड नंबर 30 से भारतीय जनता पार्टी ने निशा यादव को चुनावी मैदान में उतारा था. हालांकि आज नामांकन की जांच के दौरान उनका पर्चा खारिज हो गया है. उनके पास एससी केटेगरी का राजस्थान का सर्टिफिकेट नहीं था. रिटर्निंग ऑफिसर महेंद्र लोढ़ा का कहना है कि मध्य प्रदेश का एससी का सर्टिफिकेट उनका था, लेकिन उसे मान्यता नहीं है.

अब केवल 148 वार्डों में बीजेपी देगी टक्कर

भारतीय जनता पार्टी 148 वार्डों में ही अब टक्कर देगी, बीजेपी के चुनाव के पहले ही 2 प्रत्याशियों के नामांकन खारिज होना बड़ी बात है. जो पार्टी ने टिकट दिए थे, उसके पहले इन सभी सर्टिफिकेट की जांच कर लेनी चाहिए थी. जबकि पहली सूची में दोनों प्रत्याशियों के नाम बीजेपी ने जारी किए थे. इसके बावजूद पार्टी के पदाधिकारियों ने इन प्रत्याशियों के सर्टिफिकेट की जांच नहीं की. इसके चलते ही अब भाजपा को खामियाजा उठाना पड़ेगा. चुनाव के पहले ही उन्हें दो वार्डों में अपने प्रत्याशी खो दिए है.

कोटा. नगर निगम चुनाव में 19 अक्टूबर तक हुए नामांकन में 632 उम्मीदवारों ने 706 नामांकन दर्ज करवाएं हैं. इनमें बीजेपी कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार शामिल है. हालांकि मंगलवार नामांकन पत्रों की स्कूटनी का क्रम जारी रहा. इस दौरान 35 प्रत्याशियों के 63 नामांकन खारिज हुए हैं. इसके बाद कुल 150 वार्डों में 597 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें कोटा उत्तर के 260 और कोटा दक्षिण के 337 प्रत्याशी शामिल हैं.

हालांकि सबसे चौंकाने वाली बात है कि भारतीय जनता पार्टी के 2 प्रत्याशियों के बीच पर्चे खारिज हो गए हैं. ऐसे में बीजेपी के पास अब इन वार्डों में दूसरे प्रत्याशियों को ही समर्थन करना मजबूरी हो गया है. इन दोनों में कोटा उत्तर और दक्षिण से एक-एक प्रत्याशी शामिल है. कोटा दक्षिण के वार्ड नंबर 43 से बीजेपी के प्रत्याशी अब्दुल हमीद कानू का नामांकन खारिज हुआ है रिटर्निंग ऑफिसर जिला आबकारी अधिकारी बिरधीचंद गंगवाल ने बताया कि 2 से ज्यादा संताने होने के कारण अब्दुल हमीद कानू का नामांकन खारिज हो गया है.

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इसी तरह से कोटा उत्तर में वार्ड नंबर 30 से भारतीय जनता पार्टी ने निशा यादव को चुनावी मैदान में उतारा था. हालांकि आज नामांकन की जांच के दौरान उनका पर्चा खारिज हो गया है. उनके पास एससी केटेगरी का राजस्थान का सर्टिफिकेट नहीं था. रिटर्निंग ऑफिसर महेंद्र लोढ़ा का कहना है कि मध्य प्रदेश का एससी का सर्टिफिकेट उनका था, लेकिन उसे मान्यता नहीं है.

अब केवल 148 वार्डों में बीजेपी देगी टक्कर

भारतीय जनता पार्टी 148 वार्डों में ही अब टक्कर देगी, बीजेपी के चुनाव के पहले ही 2 प्रत्याशियों के नामांकन खारिज होना बड़ी बात है. जो पार्टी ने टिकट दिए थे, उसके पहले इन सभी सर्टिफिकेट की जांच कर लेनी चाहिए थी. जबकि पहली सूची में दोनों प्रत्याशियों के नाम बीजेपी ने जारी किए थे. इसके बावजूद पार्टी के पदाधिकारियों ने इन प्रत्याशियों के सर्टिफिकेट की जांच नहीं की. इसके चलते ही अब भाजपा को खामियाजा उठाना पड़ेगा. चुनाव के पहले ही उन्हें दो वार्डों में अपने प्रत्याशी खो दिए है.

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