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राउरकेला के 113 स्टूडेंट खुद किराया देकर कोटा से हुए रवाना, नहीं मिली उड़ीसा सरकार की मदद - नहीं मिली उड़ीसा सरकार की मदद

कोटा में फंसे हुए कोचिंग छात्रों को उनकी सरकारी की ओर से रेस्क्यू किया जा रहा है, लेकिन कई राज्य ऐसे हैं, जहां के बच्चों को उनकी सरकार रेस्क्यू नहीं कर रही हैं. ऐसे में स्टूडेंट अपने खर्चे पर ही बसें लेकर अपने गृह जिलों की तरफ लौट रहे हैं. बता दें कि उड़ीसा के राउरकेला जिले के स्टूडेंट्स ने भी ऐसा किया है.

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खुद किराया देकर कोटा से हुए रवाना उड़ीसा के छात्र
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Published : Apr 30, 2020, 4:59 PM IST

कोटा. देश के कई राज्यों की सरकारों ने कोटा में फंसे हुए अपने बच्चों को रेस्क्यू कर निकाला है और गृह जिलों तक पहुंचा दिया है, लेकिन कई राज्य ऐसे हैं, जहां की सरकार मदद के लिए आगे नहीं आ रही है. इसमें बिहार, झारखंड और उड़ीसा सहित कुछ राज्य शामिल हैं. ऐसे में अब कोटा में फंसे हुए कोचिंग छात्र खुद के स्तर पर ही बसें कर गृह राज्यों की तरफ रवाना हो रहे हैं. ऐसा ही कुछ गुरुवार को उड़ीसा के राउरकेला जिले के स्टूडेंट्स ने किया है.

खुद किराया देकर कोटा से हुए रवाना उड़ीसा के छात्र

बता दें कि कोटा से गुरुवार को 4 बसों में 113 स्टूडेंट्स राउरकेला के लिए रवाना हुए. ऐसे में हर एक स्टूडेंट को हजारों रुपये खर्च कर अपने गृह जिले में वापस लौटना पड़ रहा है. इसी तरह से फंसे कुछ अन्य राज्यों के छात्र भी ऐसा करने वाले हैं. बता दें कि उड़ीसा के जो अन्य जिलों के छात्र यहां पर फंसे हुए हैं, वह भी इस तरह की प्लानिंग कर रहे हैं. जबकि कोटा से 24000 बच्चों का रेस्क्यू किया जा चुका है, यह 15 राज्यों और यूनियन टैरिटरी के स्टूडेंट्स थे. जिन्हें किसी तरह का कोई किराया नहीं देना पड़ा.

पढ़ें: फिल्म अभिनेता ऋषि कपूर का निधन, अमिताभ बोले- टूट गया हूं

इन बच्चों को राजस्थान सरकार की सहमति से उन राज्यों की सरकारों ने या तो रेस्क्यू किया है या फिर कोटा से ही बसे मंगवाकर गृह जिलों तक पहुंचाया है. इसके अलावा महाराष्ट्र की 71 बसें कोटा पहुंच गई हैं. जिनसे महाराष्ट्र के करीब 2100 से ज्यादा बच्चों की वापसी होगी.

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अपने घर की ओर रवाना हुए 113 छात्र
अभी तक इतने बच्चों की हो चुकी है कोटा से वापसी
  • उत्तर प्रदेश : 406 बसों से 12 हजार स्टूडेंट्स
  • उत्तराखंड : 18 बसों से 500 स्टूडेंट्स
  • मध्यप्रदेश : 110 बसों 2844 स्टूडेंट्स
  • गुजरात : 15 बसों से 400 स्टूडेंट्स
  • दादरा नगर हवेली व दमन एवं दीव : 3 बसों में 44 स्टूडेंट्स
  • राजस्थान : 91 बसों में 2335 स्टूडेंट्स
  • आसाम : 18 बसों से 389 स्टूडेंट्स
  • हरियाणा : 9 बसों से 112 स्टूडेंट्स
  • जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख: 15 बसों से के 397 स्टूडेंट्स
  • पंजाब-चंडीगढ़ : 7 बसों से 152 स्टूडेंट्स
  • छत्तीसगढ़ : 82 बसों से 2247 स्टूडेंट्स
  • कर्नाटक : 7 बसों से 162 स्टूडेंट्स
  • पश्चिम बंगाल : 83 बसों से 2368 से अधिक स्टूडेंट्स

कोटा. देश के कई राज्यों की सरकारों ने कोटा में फंसे हुए अपने बच्चों को रेस्क्यू कर निकाला है और गृह जिलों तक पहुंचा दिया है, लेकिन कई राज्य ऐसे हैं, जहां की सरकार मदद के लिए आगे नहीं आ रही है. इसमें बिहार, झारखंड और उड़ीसा सहित कुछ राज्य शामिल हैं. ऐसे में अब कोटा में फंसे हुए कोचिंग छात्र खुद के स्तर पर ही बसें कर गृह राज्यों की तरफ रवाना हो रहे हैं. ऐसा ही कुछ गुरुवार को उड़ीसा के राउरकेला जिले के स्टूडेंट्स ने किया है.

खुद किराया देकर कोटा से हुए रवाना उड़ीसा के छात्र

बता दें कि कोटा से गुरुवार को 4 बसों में 113 स्टूडेंट्स राउरकेला के लिए रवाना हुए. ऐसे में हर एक स्टूडेंट को हजारों रुपये खर्च कर अपने गृह जिले में वापस लौटना पड़ रहा है. इसी तरह से फंसे कुछ अन्य राज्यों के छात्र भी ऐसा करने वाले हैं. बता दें कि उड़ीसा के जो अन्य जिलों के छात्र यहां पर फंसे हुए हैं, वह भी इस तरह की प्लानिंग कर रहे हैं. जबकि कोटा से 24000 बच्चों का रेस्क्यू किया जा चुका है, यह 15 राज्यों और यूनियन टैरिटरी के स्टूडेंट्स थे. जिन्हें किसी तरह का कोई किराया नहीं देना पड़ा.

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इन बच्चों को राजस्थान सरकार की सहमति से उन राज्यों की सरकारों ने या तो रेस्क्यू किया है या फिर कोटा से ही बसे मंगवाकर गृह जिलों तक पहुंचाया है. इसके अलावा महाराष्ट्र की 71 बसें कोटा पहुंच गई हैं. जिनसे महाराष्ट्र के करीब 2100 से ज्यादा बच्चों की वापसी होगी.

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अपने घर की ओर रवाना हुए 113 छात्र
अभी तक इतने बच्चों की हो चुकी है कोटा से वापसी
  • उत्तर प्रदेश : 406 बसों से 12 हजार स्टूडेंट्स
  • उत्तराखंड : 18 बसों से 500 स्टूडेंट्स
  • मध्यप्रदेश : 110 बसों 2844 स्टूडेंट्स
  • गुजरात : 15 बसों से 400 स्टूडेंट्स
  • दादरा नगर हवेली व दमन एवं दीव : 3 बसों में 44 स्टूडेंट्स
  • राजस्थान : 91 बसों में 2335 स्टूडेंट्स
  • आसाम : 18 बसों से 389 स्टूडेंट्स
  • हरियाणा : 9 बसों से 112 स्टूडेंट्स
  • जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख: 15 बसों से के 397 स्टूडेंट्स
  • पंजाब-चंडीगढ़ : 7 बसों से 152 स्टूडेंट्स
  • छत्तीसगढ़ : 82 बसों से 2247 स्टूडेंट्स
  • कर्नाटक : 7 बसों से 162 स्टूडेंट्स
  • पश्चिम बंगाल : 83 बसों से 2368 से अधिक स्टूडेंट्स
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