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Special : जोधपुर की बेटी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में मिली जगह, बनाया ये अनोखा रिकॉर्ड - ऑब्जेक्ट्स पर उकेरा उमेद भवन

कहते हैं न कला किसी की मोहताज नहीं होती है. बस कलाकार का जज्बा होना चाहिए, जो उसे बुलंदियों पर ले जा सके. कुछ ऐसा ही कारनामा जोधपुर की यशस्वी सोनी (Yashasvi Soni) ने कर दिखाया है. उन्होंने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड (India Book of Records) में अपना नाम दर्ज करवाया है. यशस्वी मिनिएचर आर्ट (miniature art) में अलग-अलग ऑब्जेक्ट पर जोधपुर के विश्व प्रसिद्ध उम्मेद भवन (Umaid Bhawan) को उकेर कर यह उपलब्धि हासिल की है.

ऑब्जेक्ट्स पर उकेरा उमेद भवन, Umaid Bhawan engraved on objects
यशस्वी ने मिनिएचर आर्ट से दिखाया कमाल
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Published : Jul 2, 2021, 2:09 PM IST

जोधपुर. शहर की यशस्वी सोनी (Yashasvi Soni) ने एक बार फिर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड (book of records) में अपना नाम दर्ज करवाया है. जहां यशस्विनी ने इस बार मिनिएचर आर्ट (miniature art) में अलग-अलग ऑब्जेक्ट पर जोधपुर के विश्व प्रसिद्ध उम्मेद भवन (Umaid Bhawan) को उकेर कर यह उपलब्धि हासिल की है. खास बात यह है कि लगातार दूसरे साल यशस्वी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड (India Book of Records) में जगह मिली है. इससे पहले यशस्वी में 2020 में 10 साल तक बिना कोई छुट्टी लिए लगातार स्कूल जाने पर रिकॉर्ड अपने नाम किया था.

ऑब्जेक्ट्स पर उकेरा उमेद भवन, Umaid Bhawan engraved on objects
यशस्वी बनी जोधपुर की शान

यशस्वी वर्तमान में नेशनल स्कूल ऑफ जोरहाट डिजाइनिंग इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के जोरहाट (आसाम) की छात्रा है. लॉक डाउन के चलते घर पर है. इस दौरान ही उसने सोचा कि कुछ अलग किया जाए, तो मिनिएचर आर्ट को चुना. जहां उसने विश्व प्रसिद्ध हेरिटेज साइट उम्मेद भवन को अलग-अलग ऑब्जेक्ट पर बनाया.

यशस्वी ने मिनिएचर आर्ट से दिखाया कमाल

पढ़ें- Special : डीजल ने किया मजबूर तो CNG पर दौड़ने लगी बसें, प्रदेश में पहली बस भी कोटा से और किट भी यहीं लगना शुरू

कॉफी से लेकर पीपल के पत्ते पर उमेद भवन

यशस्वी ने अपने ऑब्जेक्ट चुनने में पूरी दिमागी कसरत की. खासतौर से कुछ ऑब्जेक्ट्स बिल्कुल अलग थे. जिनमें कॉफी से भरा कप भी शामिल था. जिस पर पेय पदार्थ के मिश्रण से उमेद भवन उकेरा. इसी तरह से फल के रूप में सेव का चयन किया. इसके अलावा बादाम, राजमा, मेडिसिन टैबलेट, टी शर्ट, चावल, नाखून, पेंट ब्रश सहित 12 ऑब्जेक्ट्स पर उमेद भवन बनाया.

ऑब्जेक्ट्स पर उकेरा उमेद भवन, Umaid Bhawan engraved on objects
मिनिएचर आर्ट में बनाई इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड

यशस्वी का कहना है कि वह यह चाहती थी कि कुछ अलग करें, इसलिए उसने यह ऑब्जेक्ट चुने और उन पर उम्मेद भवन बनाया. वह कहती है कि मुझे हमेशा नया करने का शौक है, कभी भी कोई चीज रिपीट नहीं करती हूं. उसे उम्मीद है कि वह इससे भी आगे बढ़ेगी. यशस्वी वर्तमान में नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइनिंग की छात्रा है और वह इंडस्ट्रियल डिजाइनिंग में पढ़ाई कर रही है.

ऑब्जेक्ट्स पर उकेरा उमेद भवन, Umaid Bhawan engraved on objects
जोधपुर की बेटी का कमाल

पढ़ें- Special: ऐतिहासिक परकोटा बाजार पर अतिक्रमण का 'पैबंद'...UNESCO ने दिया था विश्व विरासत का तमगा

10 लगातार स्कूल जाने का अलग तरह का रिकॉर्ड

ऑब्जेक्ट्स पर उकेरा उमेद भवन, Umaid Bhawan engraved on objects
10 साल तक बिना छुट्टी के स्कूल जाने पर रिकॉर्ड

यह सूची जोधपुर के जाने-माने सेंट पैट्रिक गर्ल्स स्कूल की छात्रा रही है. 2020 में ही उसने लगातार 10 साल तक स्कूल जाने का रिकॉर्ड बनाया. इसके लिए भी उसे इंडिया बुक वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली. यशस्वी इस तरह के जुनून में उसका परिवार भी उसका सहयोग करता है. उसके पिता महेश सोनी ज्वेलरी का काम करते हैं, जबकि माता नीता ग्रहणी है, लेकिन वह हमेशा अपने बेटी को एंकरेज करती है. उनका कहना है कि मुझे अपनी बेटी की सफलता पर गर्व है. मैं चाहती हुं कि यह हमेशा ही कुछ अलग करे. कुछ अलग करने की ही वजह चलते वह आज घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर आसाम में नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइनिंग में प्रवेश लेकर अध्ययन कर रही है.

जोधपुर. शहर की यशस्वी सोनी (Yashasvi Soni) ने एक बार फिर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड (book of records) में अपना नाम दर्ज करवाया है. जहां यशस्विनी ने इस बार मिनिएचर आर्ट (miniature art) में अलग-अलग ऑब्जेक्ट पर जोधपुर के विश्व प्रसिद्ध उम्मेद भवन (Umaid Bhawan) को उकेर कर यह उपलब्धि हासिल की है. खास बात यह है कि लगातार दूसरे साल यशस्वी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड (India Book of Records) में जगह मिली है. इससे पहले यशस्वी में 2020 में 10 साल तक बिना कोई छुट्टी लिए लगातार स्कूल जाने पर रिकॉर्ड अपने नाम किया था.

ऑब्जेक्ट्स पर उकेरा उमेद भवन, Umaid Bhawan engraved on objects
यशस्वी बनी जोधपुर की शान

यशस्वी वर्तमान में नेशनल स्कूल ऑफ जोरहाट डिजाइनिंग इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के जोरहाट (आसाम) की छात्रा है. लॉक डाउन के चलते घर पर है. इस दौरान ही उसने सोचा कि कुछ अलग किया जाए, तो मिनिएचर आर्ट को चुना. जहां उसने विश्व प्रसिद्ध हेरिटेज साइट उम्मेद भवन को अलग-अलग ऑब्जेक्ट पर बनाया.

यशस्वी ने मिनिएचर आर्ट से दिखाया कमाल

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कॉफी से लेकर पीपल के पत्ते पर उमेद भवन

यशस्वी ने अपने ऑब्जेक्ट चुनने में पूरी दिमागी कसरत की. खासतौर से कुछ ऑब्जेक्ट्स बिल्कुल अलग थे. जिनमें कॉफी से भरा कप भी शामिल था. जिस पर पेय पदार्थ के मिश्रण से उमेद भवन उकेरा. इसी तरह से फल के रूप में सेव का चयन किया. इसके अलावा बादाम, राजमा, मेडिसिन टैबलेट, टी शर्ट, चावल, नाखून, पेंट ब्रश सहित 12 ऑब्जेक्ट्स पर उमेद भवन बनाया.

ऑब्जेक्ट्स पर उकेरा उमेद भवन, Umaid Bhawan engraved on objects
मिनिएचर आर्ट में बनाई इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड

यशस्वी का कहना है कि वह यह चाहती थी कि कुछ अलग करें, इसलिए उसने यह ऑब्जेक्ट चुने और उन पर उम्मेद भवन बनाया. वह कहती है कि मुझे हमेशा नया करने का शौक है, कभी भी कोई चीज रिपीट नहीं करती हूं. उसे उम्मीद है कि वह इससे भी आगे बढ़ेगी. यशस्वी वर्तमान में नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइनिंग की छात्रा है और वह इंडस्ट्रियल डिजाइनिंग में पढ़ाई कर रही है.

ऑब्जेक्ट्स पर उकेरा उमेद भवन, Umaid Bhawan engraved on objects
जोधपुर की बेटी का कमाल

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10 लगातार स्कूल जाने का अलग तरह का रिकॉर्ड

ऑब्जेक्ट्स पर उकेरा उमेद भवन, Umaid Bhawan engraved on objects
10 साल तक बिना छुट्टी के स्कूल जाने पर रिकॉर्ड

यह सूची जोधपुर के जाने-माने सेंट पैट्रिक गर्ल्स स्कूल की छात्रा रही है. 2020 में ही उसने लगातार 10 साल तक स्कूल जाने का रिकॉर्ड बनाया. इसके लिए भी उसे इंडिया बुक वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली. यशस्वी इस तरह के जुनून में उसका परिवार भी उसका सहयोग करता है. उसके पिता महेश सोनी ज्वेलरी का काम करते हैं, जबकि माता नीता ग्रहणी है, लेकिन वह हमेशा अपने बेटी को एंकरेज करती है. उनका कहना है कि मुझे अपनी बेटी की सफलता पर गर्व है. मैं चाहती हुं कि यह हमेशा ही कुछ अलग करे. कुछ अलग करने की ही वजह चलते वह आज घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर आसाम में नेशनल स्कूल ऑफ डिजाइनिंग में प्रवेश लेकर अध्ययन कर रही है.

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