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World Daughter Day: बेटियों को संबल दे रहीं डॉ. कृति भारती...बोलीं- बाल विवाह की बात सिर्फ किताबों में ही रहे

राजस्थान में बाल विवाह एक कुरीति है. इस कुरीति की जद से बेटियों को आजाद करने में जुटी हैं डॉ कृति भारती. वह चाहती हैं कि बाल विवाह की बात लोग सिर्फ किताबों में ही पढे़ं. वे अपने सारथी ट्रस्ट के माध्यम से 15000 से अधिक महिलाओं व बच्चों का पुनर्वास करवा चुकी हैं. इसके अलावा 25000 लोगों को बाल विवाह नहीं करने की शपथ दिला चुकी हैं. वर्ल्ड डॉटर डे पर आज डॉ कृति भारती और उनके संघर्षों के बारे में आपको रूबरू करा रहे हैं.

social activist Dr Kriti Bharti
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Published : Sep 25, 2022, 6:00 AM IST

जोधपुर. राजस्थान में बाल विवाह एक कुरीति की तरह है. सरकार के तमाम प्रयास के बावजूद हर साल सैकड़ों बेटियों को अबोध काल में ही इस बंधन में बधना पड़ रहा है. लेकिन इन बेटियों को इस कुरीति से मुक्त करने का बीड़ा भी एक बेटी ने ही उठाया है. जोधपुर की डॉ कृति भारती बाल विवाह की कुरीतियों से (social activist Dr Kriti Bharti) बेटियों को निकालने के लिए काम कर रही हैं.

कृति आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. अपने खुद के दम पर देश में पहला बाल विवाह निरस्त करवाकर लोगों को राह दिखाने वाली कृति के पास ऐसी बालिकाओं की हमेशा फेहरिस्त होती है जो (Dr Kriti Bharti fighting against child marriage) बाल विवाह का शिकार हो चुकी हैं. वे अपने सारथी ट्रस्ट के माध्यम से इनके लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है. वह चाहती हैं कि बाल विवाह की बात सिर्फ किताबों तक ही सिमिट रह जाए. कई मामलो में खुद कोर्ट में पैरवी भी करती है. डॉ कृति भारती के इस काम को पूरी दुनिया में पहचान मिली है. इतना ही नहीं, सीबीएसई के पाठ्यक्रम में भी उनकी मुहिम को शामिल किया गया है.

social activist Dr Kriti Bharti
बेटियों को संबल दे रहीं डॉ. कृति भारती

पढ़ें. अब बेटियां नहीं रहेंगी पीछे : गहलोत सरकार बच्चियों के जन्म से लेकर शिक्षा तक की उठाएगी जिम्मेदारी, यहां जानिए सबकुछ...

संघर्षमय बीता कृति का जीवनः डॉ. कृति बताती हैं कि मेरा खुद का जीवन बचपन में बहुत संघर्षमय रहा है. पिता ने कृति के जन्म के पहले ही मां का साथ छोड़ दिया था. यानी की आंख खुली तो सिर्फ मां का साथ मिला. जब वह दस साल की थी तो एक रिश्तेदार ने उन्हें स्लो पायजन दे दिया था. वे बच तो गई, लेकिन बिस्तर पर आ गई. हालत इतनी खराब थी कि वे हिल भी नहीं सकती थीं. पूरी तरह से ठीक होने में दो साल से ज्यादा का समय लगा. ठीक होने के बाद पढ़ाई पूरी की. उसके बाद तय किया कि वह अपना जीवन उन बेटियों के लिए लगाएंगी, जिन्हें छोटी उम्र में संघर्ष करना पड़ता है. इसके बाद बाल विवाह के खिलाफ मुहिम शुरू की.

2012 में रचा इतिहासः डॉ. कृति भारती ने बाल विवाह के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज किया. कई बालिकाओं से मिली, लेकिन उस समय में बहुत कम ही बच्चियां थी जो खुलकर इसके विरोध में आ सकी. फिर भी कुछ ने हिम्मत दिखाई और आगे आई. कृति ने बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए न्यायालय की शरण ली. तमाम कानूनी पेचीदगियों के बाद वे 2012 में पहला बाल विवाह निरस्त करवाने में सफल रही. इसके बाद डॉ कृति ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. बाल विवाह से जुडे़ परिवारों की धमकियां हमले सभी को अनदेखा करते हुए वह लगातार इस पथ आगे बढ़ रही है. अब तक 47 बाल विवाह निरस्त करवा चुकी हैं. 2015 में तीन दिन में दो जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवाकर भी इतिहास रच चुकी हैं

पढ़ें. अजमेर की बेटी के संघर्ष को गूगल ने दिया सम्मान, फुटबॉल के जुनून को देख बनाया महिला आइकॉन...परिजन कभी कराना चाहते थे बाल विवाह

बाल विवाह की बात सिर्फ किताबों में रहेः डॉ. कृति भारती अब तक अपने सारथी ट्रस्ट के माध्यम से 15000 से अधिक महिलाओं व बच्चों का पुनर्वास करवा चुकी हैं. इसके अलावा 25000 लोगों को बाल विवाह नहीं करने की शपथ दिला चुकी हैं. जिसके चलते अब तक वह 1600 से ज्यादा बाल विवाह भी रूकवा चुकी हैं. कृति चाहती हैं कि बाल विवाह की बात लोग सिर्फ किताबों में ही पढे़ं. समाज से इस कुरीति को मिटाना आवश्यक है. खास बात यह भी है कि बाल विवाह निरस्त करवाने के बाद उनको शिक्षा व रोजगार से जोड़ने के लिए वह कार्यरत हैं, जिससे वे खुद आत्मनिर्भर बन सकें.

7 अंतराष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानितः डॉ.कृति भारती का नाम बाल विवाह की मुहिम में अलग-अलग कीर्तिमान रचने पर 7 अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. डॉ.कृति की मुहिम को सीबीएसई पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया. डॉ.कृति भारती को अन्तर्राष्ट्रीय टेफ्ड मैग्जीन की वर्ल्ड टॉप टेन एक्टिविस्ट लिस्ट में शामिल किया गया. अन्तर्राष्ट्रीय संगठन गर्ल्स नॉट ब्राइट की ओर से चेंजमेकर सम्मान, लंदन में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान, बीबीसी की 100 प्रेरणादायक महिलाओं की सूची में शामिल होने के अलावा ग्लोबल अवॉर्ड, मारवाड़ रत्न, मेवाड़ रत्न सहित कई राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है.

जोधपुर. राजस्थान में बाल विवाह एक कुरीति की तरह है. सरकार के तमाम प्रयास के बावजूद हर साल सैकड़ों बेटियों को अबोध काल में ही इस बंधन में बधना पड़ रहा है. लेकिन इन बेटियों को इस कुरीति से मुक्त करने का बीड़ा भी एक बेटी ने ही उठाया है. जोधपुर की डॉ कृति भारती बाल विवाह की कुरीतियों से (social activist Dr Kriti Bharti) बेटियों को निकालने के लिए काम कर रही हैं.

कृति आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. अपने खुद के दम पर देश में पहला बाल विवाह निरस्त करवाकर लोगों को राह दिखाने वाली कृति के पास ऐसी बालिकाओं की हमेशा फेहरिस्त होती है जो (Dr Kriti Bharti fighting against child marriage) बाल विवाह का शिकार हो चुकी हैं. वे अपने सारथी ट्रस्ट के माध्यम से इनके लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है. वह चाहती हैं कि बाल विवाह की बात सिर्फ किताबों तक ही सिमिट रह जाए. कई मामलो में खुद कोर्ट में पैरवी भी करती है. डॉ कृति भारती के इस काम को पूरी दुनिया में पहचान मिली है. इतना ही नहीं, सीबीएसई के पाठ्यक्रम में भी उनकी मुहिम को शामिल किया गया है.

social activist Dr Kriti Bharti
बेटियों को संबल दे रहीं डॉ. कृति भारती

पढ़ें. अब बेटियां नहीं रहेंगी पीछे : गहलोत सरकार बच्चियों के जन्म से लेकर शिक्षा तक की उठाएगी जिम्मेदारी, यहां जानिए सबकुछ...

संघर्षमय बीता कृति का जीवनः डॉ. कृति बताती हैं कि मेरा खुद का जीवन बचपन में बहुत संघर्षमय रहा है. पिता ने कृति के जन्म के पहले ही मां का साथ छोड़ दिया था. यानी की आंख खुली तो सिर्फ मां का साथ मिला. जब वह दस साल की थी तो एक रिश्तेदार ने उन्हें स्लो पायजन दे दिया था. वे बच तो गई, लेकिन बिस्तर पर आ गई. हालत इतनी खराब थी कि वे हिल भी नहीं सकती थीं. पूरी तरह से ठीक होने में दो साल से ज्यादा का समय लगा. ठीक होने के बाद पढ़ाई पूरी की. उसके बाद तय किया कि वह अपना जीवन उन बेटियों के लिए लगाएंगी, जिन्हें छोटी उम्र में संघर्ष करना पड़ता है. इसके बाद बाल विवाह के खिलाफ मुहिम शुरू की.

2012 में रचा इतिहासः डॉ. कृति भारती ने बाल विवाह के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज किया. कई बालिकाओं से मिली, लेकिन उस समय में बहुत कम ही बच्चियां थी जो खुलकर इसके विरोध में आ सकी. फिर भी कुछ ने हिम्मत दिखाई और आगे आई. कृति ने बाल विवाह निरस्त करवाने के लिए न्यायालय की शरण ली. तमाम कानूनी पेचीदगियों के बाद वे 2012 में पहला बाल विवाह निरस्त करवाने में सफल रही. इसके बाद डॉ कृति ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. बाल विवाह से जुडे़ परिवारों की धमकियां हमले सभी को अनदेखा करते हुए वह लगातार इस पथ आगे बढ़ रही है. अब तक 47 बाल विवाह निरस्त करवा चुकी हैं. 2015 में तीन दिन में दो जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवाकर भी इतिहास रच चुकी हैं

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बाल विवाह की बात सिर्फ किताबों में रहेः डॉ. कृति भारती अब तक अपने सारथी ट्रस्ट के माध्यम से 15000 से अधिक महिलाओं व बच्चों का पुनर्वास करवा चुकी हैं. इसके अलावा 25000 लोगों को बाल विवाह नहीं करने की शपथ दिला चुकी हैं. जिसके चलते अब तक वह 1600 से ज्यादा बाल विवाह भी रूकवा चुकी हैं. कृति चाहती हैं कि बाल विवाह की बात लोग सिर्फ किताबों में ही पढे़ं. समाज से इस कुरीति को मिटाना आवश्यक है. खास बात यह भी है कि बाल विवाह निरस्त करवाने के बाद उनको शिक्षा व रोजगार से जोड़ने के लिए वह कार्यरत हैं, जिससे वे खुद आत्मनिर्भर बन सकें.

7 अंतराष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानितः डॉ.कृति भारती का नाम बाल विवाह की मुहिम में अलग-अलग कीर्तिमान रचने पर 7 अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. डॉ.कृति की मुहिम को सीबीएसई पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया. डॉ.कृति भारती को अन्तर्राष्ट्रीय टेफ्ड मैग्जीन की वर्ल्ड टॉप टेन एक्टिविस्ट लिस्ट में शामिल किया गया. अन्तर्राष्ट्रीय संगठन गर्ल्स नॉट ब्राइट की ओर से चेंजमेकर सम्मान, लंदन में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान, बीबीसी की 100 प्रेरणादायक महिलाओं की सूची में शामिल होने के अलावा ग्लोबल अवॉर्ड, मारवाड़ रत्न, मेवाड़ रत्न सहित कई राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है.

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