जोधपुर. ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ते कोरोना मरीजों के चलते अब जोधपुर के मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में भी ग्रामीण रोगियों की भरमार होने लगी है. ईटीवी भारत की टीम ने 2 ग्रामीण ब्लॉक के अस्पतालों का जायजा लिया. दोनों ही अस्पताल में मरीजों की लंबी कतारें नजर आईं.
बनाड़ की ग्राउंड रिपोर्ट
ज्यादातर बुखार के मरीज: जोधपुर से सटे बनाड़ ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. ज्यादातर बुखार के मरीज हैं. इनकी कोरोना जांच के लिए नमूने भी लिए जा रहे हैं. उनमें संक्रमण भी बड़ी संख्या में सामने आ रहा है.
शादी की वजह से परेशानी: बनाड़ ब्लॉक में 9 दिन में डेढ़ हजार से ज्यादा कोरोना मरीज मिले. ग्रामीण कुंभाराम ने बताया कि जिन घरों में शादियां हुईं हैं, वहां बुखार फैल गया है. चारों तरफ वायरल बुखार के मरीज हैं. कुछ लोगों की मौतें भी हुई हैं.
कोरोना का खौफ: बनाड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नमूना देने वालों की कतार के साथ-साथ वैक्सीनेशन की भी कतार है. लेकिन लोगों में इस बात का डर बैठ गया है कि बुखार हुआ इसलिए कोरोना हो गया.
पीपाड़ की ग्राउंड रिपोर्ट
बुखार के मरीज पहुंच रहे: जोधपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दूसरे घर कहे जाने वाले पीपाड़ कस्बे में भी कोरोना का कहर है. पीपाड़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को अब जिला अस्पताल का दर्जा दे दिया गया है. यहां रोजाना बुखार के 800 से ज्यादा रोगी ओपीडी में आ रहे हैं.
ऑक्सीजन बेड कम होने से परेशानी: पीपाड़ में कुल 15 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था है. लेकिन मरीज को हाईफ्लो ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने पर जोधपुर रेफर करना पड़ता है. यहां रोजाना 15 से 20 सिलेंडर की आपूर्ति की जा रही है.
वैक्सीनेशन के लिए भी भटकना पड़ रहा: पीपाड़ कस्बे में वैक्सीनेशन भी शुरू हो गया है. लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर उत्साह है. लेकिन बुजुर्ग परेशान भी हैं. उन्हें इधर-उधर घुमाया जा रहा है.
आखिर क्यों अस्पताल में बेड नहीं बढ़ा पा रहे?
जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र सुथार का कहना है कि जिला मुख्यालय से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है लेकिन सीमित संख्या में सप्लाई होने से हम बेड नहीं बढ़ा पा रहे हैं. जबकि मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. थोड़ी गंभीर अवस्था होने पर मरीज को जोधपुर रेफर किया जा रहा है.
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'घरों में रहें, सुरक्षित रहें'
ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से अब मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में भी ग्रामीण क्षेत्र से मरीज आने लगे हैं. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसएस राठौर ने कहा है कि पिछली बार ग्रामीण क्षेत्र अछूता था लेकिन अब हालात बदल गए हैं. हमारे पास ग्रामीण क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि वे घरों में ही रहें और सुरक्षित रहें.
मौतों की गिनती नहीं !
ग्रामीण क्षेत्र के मरीज लगातार मथुरादास माथुर अस्पताल पहुंच रहे हैं. इनमें कई लोगों की मौतें भी हो रही है. लेकिन गांव में बुखार से मरने वालों की संख्या कहीं ज्यादा है, जिनकी कोई गिनती नहीं है.
अकेले 9 मई को ही मथुरादास माथुर, महात्मा गांधी और एम्स अस्पताल में ग्रामीण क्षेत्र के 20 मरीजों की मौत हुई. जबकि इन अस्पतालों में कुल 34 मौतें हुईं.
1 से 9 मई की फैक्ट फाइल