जोधपुर. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि वर्तमान समय में राजनेता बहुत तेजी से पार्टियां बदल रहे हैं. जैसे बच्चे कपड़े बदलते हैं. पार्टी बदलना बुरी बात नहीं है, यह विचारधारा में बदलाव की वजह से होता है, लेकिन जो लोग सत्ता में आने के लिए पार्टियां बदलते हैं, यह ठीक नहीं है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि इससे लोग आहत भी होते हैं. ऐसा कई जगह देखा भी जा रहा है. जोधपुर आईआईटी में आयोजित कार्यक्रम में आईआईटी के स्टूडेंट से संवाद करते समय आईआईटी के छात्र हैदर की ओर से राजनीति को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उपराष्ट्रपति ने यह बात कही. हैदर ने सवाल किया था कि वर्तमान में देश की राजनीति में में बहुत कम युवा हैं, ऐसे में हमारे राजनेता क्या करें, जिससे राजनीति में युवाओं की भागीदारी अधिक हो.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय फिलोसॉफी में शेयर एंड केयर काम करता है. इसलिए राजनीति में आने से पहले लोगों को शिक्षित होना चाहिए और इसके बाद सोशल सर्विस करनी चाहिए. इसके बाद राजनीति में आना चाहिए. इसके लिए भी विचारधारा आवश्यक है. क्योंकि विचारधारा से ही प्रोग्राम निर्धारित होते हैं और हमारी वैल्यू तय होती है.
कुछ लोगों ने राजनीतिक मूल्य बदल दिये..
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सही प्रक्रिया अपनाकर एक विचारधारा के साथ अगर युवा राजनीति में आते हैं तो निश्चित तौर पर हम अपनी राजनीति को बदल सकते हैं. मिशन बनाकर काम किया जा सकता है. लेकिन दुर्भाग्य से वर्तमान समय में हमारी पॉलिटिकल वैल्यूज को कुछ लोगों ने बदल दिया है. उन्होंने अपने जवाब में छात्रों को राजनीति का मूल्य भी बताया. उन्होंने कहा कि सभी तरह के वैल्यूज के साथ युवाओं को राजनीति में आना चाहिए और इस तरह के युवा राजनीति को बदलेंगे तो देश में बदलाव आएगा.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं युवाओं को इसके लिए आमंत्रित करता हूं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में क्या हो रहा है, राजनीति का स्तर कहां जा रहा है. हमने संसद और विधानसभाओं में देखा है, क्या स्थिति है. मैं इसका वर्णन नहीं करना चाहता हूं. लेकिन युवाओं को राजनीति में आना चाहिए, भले ही किसी भी पार्टी को ज्वाइन करें.
राजनीति में आने के लिए चार 'C' जरूरी
उपराष्ट्रपति ने देश में गिरते राजनीतिक मूल्यों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कहा कि राजनीति में आने के लिए किसी में अंग्रेजी के चार C होने चाहिएं, करैक्टर, कैलिबर, कैपेसिटी और कांटेक्ट. जिसके पास ये चारों गुण होते हैं उसे राजनीति में आना चाहिए. लेकिन कुछ लोगों ने इन्हें बदल दिया है, बदल कर इन्हें कास्ट, कम्युनिटी, केस और क्रिमिनलिटी कर दिया है. उन्होंने कहा कि कास्ट-कम्युनिटी नहीं होनी चाहिए. राजनीति में सबसे पहले देश होना चाहिए. उन्होंने राजनीति में बढ़ते जातिवाद पर भी चिंता प्रकट की.
नई शिक्षा नीति हमें संस्कृति से जोड़ती है..
आईआईटी की स्टूडेंट माधुरी ने उपराष्ट्रपति से पूछा कि देश में नई शिक्षा नीति लागू हुई है, उसे आप किस नजर से देखते हैं. इस पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति में सभी पहलुओं का ध्यान रखा गया है. खासतौर से हम अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़े रहें, हमारी विचारधारा बनी रहे और रोजगार मिले. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति बहुत अद्भुत है, हमारे विद्वानों ने जो चीजें दुनिया को दी हैं, अगर हम उनका सही अध्ययन करें, तो बहुत कुछ कर सकते हैं.
फास्ट फूड पर प्रहार, जोधपुर की प्याज की कचौरी का जिक्र
एक छात्रा ने पूछा कि महामारी के दौरान कई चीजों की कमी सामने आई है, अब रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए क्या होना चाहिए. उपराष्ट्रपति ने जवाब में कहा कि महामारी का दौर है, रिसर्च भी हो रही हैं, सभी पर काम किया जा रहा है. हमारी प्राथमिकता स्वस्थ रहने की है, हम अपने शरीर को कैसे तंदुरुस्त रख सकते हैं, इसके लिए प्रतिदिन योगा करें.
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि फास्ट फूड का चलन मार्केटिंग की वजह से बढ़ा है, पिज़्ज़ा बर्गर और भी कई चीजें मार्केटिंग के प्रभाव में चल रहे हैं. हमें हमारे साउथ इंडियन, नॉर्थ इंडियन और हमारे पुरातन व्यंजन अपनाने चाहिएं. उन्होंने इस दौरान जोधपुर की प्याज की कचौरी का भी जिक्र किया.