जोधपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बारां में सांप्रदायिक हिंसा, राज्य में बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर राजस्थान सरकार पर तीखा हमला बोला है. शेखावत ने कहा कि 'मुख्यमंत्री सो रहा है और राज्य जल रहा है' कथन को चरितार्थ करते विचलित करते दृश्य बारां जिले के छबड़ा में साक्षात देखने को मिले. स्थिति चिंताजनक है.
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शेखावत ने कहा कि मामूली कहासुनी के बाद चाकू से हमला और फिर उस विवाद का थोड़े से समय में सांप्रदायिक हिंसा में बदल जाना, राजस्थान की दुर्दशा का एक और चित्र है. प्रशासन इस हिंसा पर तुरंत काबू पाए और माहौल को और बिगड़ने से रोके. उन्होंने कहा कि कानून का डर हो तो अपराधियों की हिम्मत नहीं होती किसी से भी बैर लेने की, लेकिन जिस राज्य से कानून नाम की चिड़िया फुर्र हो चुकी हो वहां अपराधियों के हौसले बुलंद होंगे ही. आपसी सौहार्द से ही समाज में शांति बनी रहती है, इसलिए सभी से अपील है कि सामंजस्य बनाएं. प्रशासन से दोषियों के विरुद्ध जल्द कार्रवाई की मांग की.
वहीं, भ्रष्टाचार के बढ़ते मामलों पर शेखावत ने कहा कि गहलोत सरकार में शासन से लेकर प्रशासन तक लग चुका भ्रष्टाचार का दीमक सरकारी तंत्र को कितना खोखला कर चुका है. इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि मात्र चार महीनों के भीतर जिला पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर समेत पांच राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त पाया गया है.
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लोकसेवा के लिए जिम्मेदार अधिकारी ही जब निजी स्वार्थ के लिए जनता की जरूरतों के साथ खिलवाड़ करने लगे तो नागरिकों का विश्वास व्यवस्था से उठना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के वरिष्ठ विधायक अपने ही मंत्री पर अवैध खनन के आरोप लगाते हुए काफी समय से मुख्यमंत्री से उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं, उनकी मांग पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई. इस मामले में चुप्पी साधकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भ्रष्टाचारियों के हौसले क्यों बढ़ा रहे हैं. क्या जनता के हितों से उनका कोई सरोकार नहीं है.
राज्य की कानून-व्यवस्था तार-तार
राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान की कानून-व्यवस्था तार-तार होकर बिखर चुकी है. अपराधी पुलिस पर भी गोलियां चलाने से नहीं चूक रहे हैं. भीलवाड़ा के कोटडी क्षेत्र में तस्करों की फायरिंग में दो वीर पुलिस जवानों की मौत का समाचार सुनकर अत्यंत दुःख पहुंचा और राज्य सरकार के प्रति रोष भी उपजा. वीरगति को प्राप्त ओंकार रेबारी और पवन चौधरी के हम ऋणी रहेंगे.