जोधपुर. स्थानीय सांसद और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का प्रयास रंग लाया. गुरुवार को सूर्यनगरी को एलिवेटेड रोड की सौगत मिल गई. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस आशय की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि देश के श्रेष्ठ डिजाइनर से एलिवेटेड रोड का डिजाइन बनवाया जाएगा और ये रोड अंडर ग्राउंड और डबल डेकर दोनो होगी, जिससे 50 साल तक शहर की ट्रैफिक की समस्या दूर हो जाएगी. राजस्थान की समृद्धि को समर्पित 1127 किलोमीटर लंबी 18 हाईवे जोधपुर परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम में गडकरी ने कहा जोधपुर एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है. इस प्रोजेक्ट पर 1500 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
लाइन शिफ्टिंग में आएगा 250 करोड़ का खर्च
उन्होंने कहा कि एलिवेटेड रोड बनाने के दौरान बिजली और पानी की लाइन शिफ्टिंग में भी 250 करोड़ का खर्च आएगा. सचिव ने फाइल देकर कहा है कि इस यूटिलिटी शिफ्टिंग का खर्च राज्य सरकार को वहन करना होगा, लेकिन मैं राज्य सरकार की परिस्थितियों को जानता हूं. मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि आप स्टील और सीमेंट पर जीएसटी और मैटेरियल पर लगने वाली रॉयल्टी को छोड़ देंगे तो हम यूटिलिटी शिफ्टिंग के 250 करोड़ नहीं मांगेंगे. इससे आपकी समस्या का समाधान भी हो जाएगा और 250 करोड़ का दबाव भी नहीं आएगा. गडकरी ने कहा कि आप जब भी आएंगे इस पर चर्चा होगी.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में एलिवेटेड रोड बनाने की डीपीआर बनाने की अपने बजट में घोषणा की थी, लेकिन गत माह जोधपुर आए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने इसे नकारते हुए विकल्प ढूंढने बात कही. इसके बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोधपुर में यातायात की समस्या का समाधान करने के लिए केंद्रीय मंत्री गडकरी से मिलकर एलिवेटेड रोड बनाने का आग्रह किया जिसे आज नितिन गडकरी ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है.
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उन्होंने कहा कि जोधपुर में ट्रैफिक का दबाव बहुत अधिक है. उस दबाव के कारण जब मैंने आपने से निवेदन किया कि जोधपुर में एक रिंग रोड बननी चाहिए, आपने एक क्षण भी गंवाए बिना जोधपुर को 1100 करोड़ रुपए से ज्यादा की रिंग रोड की सौगात दी, जो आगे आने वाले छह महीने में पूरी हो जाएगी. जोधपुर के भाजपाइयों ने इसको उस्मा का स्वागत करते हुए शहर के आखलिया चौराहे पर मिठाइयां बांटी.
शहर को मिलेगी जाम से राहत
जोधपुर शहर से तीन राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमशः एनएस-62 (नागौर-जोधपुर-पाली), एनएच-25 (बाडमेर-जोधपुर-बर) और एनएच-125 (जैसलमेर-पोकरण-जोधपुर) गुजरते हैं. तीनों राष्ट्रीय राजमार्गों के शहर के बीच से गुजरने के कारण जोधपुर की हार्टलाइन (मण्डोर-पावटा-सोजती गेट-आखलिया चैराहा) पर यातायात का दबाव बना रहता है. शहर में इस हार्टलाइन के अतिरिक्त ऐसी कोई वैकल्पिक रोड नहीं है, जिससे यातायात सुगम हो सके. 9.6 किलोमीटर की एलिवेटेड रोड बनने से सूर्यनगरी के लोगों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी.