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यातायात पुलिस कर्मियों को वैरिकोज वेन्स की परेशानी से बचाने के लिए होगी जांच - Traffic police personnel will be investigated

जोधपुर में वैरिकोज वेन्स से पीड़ित हो रहे है पुलिसकर्मी. यातायात व्यवस्था को संभालने वाले ऐसे पुलिसकर्मियों की स्वास्थ्य जांच के लिए मंगलवार को होगा चिकित्सकीय शिविर का आयोजन.

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Published : Aug 19, 2019, 10:24 PM IST

जोधपुर. प्रतिदिन 7 से 9 घंटे तक लगातार खड़े रहने पर एक समय के बाद व्यक्ति की पांव की नसों में परेशानी होना शुरू हो जाती है. यह नसें फूल जाती हैं और गुच्छा बन जाती हैं, जिसे चिकित्सकीय भाषा में वैरिकोज वेन्स कहा जाता है. ऐसा इसलिए होता है कि हृदय से लेकर नीचे तक इन नसों में रक्त प्रभावित होता है जो ग्रेविटी के विरुद्ध चलता है ऐसी स्थिति में ज्यादा देर तक खड़े रहने कि जॉब करने वाले लोगों को वैरिकोज वेन्स हो जाती है. खासतौर से यातायात पुलिसकर्मी इससे पीड़ित हैं.

यातायात पुलिस कर्मियों की होगी जांच

जोधपुर शहर में यातायात व्यवस्था को संभालने वाले ऐसे पुलिसकर्मियों की स्वास्थ्य जांच के लिए मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर गांधी दर्शन समिति द्वारा एक चिकित्सकीय शिविर और परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा. समिति के डॉ. अजय त्रिवेदी ने बताया कि इस दौरान यात्रा पुलिसकर्मियों के वेरीकोज वेन की जांच के साथ-साथ प्रदूषण से बचने के टिप्स और उनके चेस्ट की भी जांच की जाएगी.

पढ़ें- भीनमाल से गिरफ्तार हथियार तस्करों से SOG की पूछताछ...आरोपियों ने किए कई बड़े खुलासे

वैरिकोज वेन्स से जो पुलिसकर्मी पीड़ित हैं या इस बीमारी के नजदीक पहुंच गए हैं उन्हें इस प्रभाव से बचाने के लिए स्टॉक्स वितरित किए जाएंगे. डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. अजय मालवीय ने बताया कि वेरीकोज वेन नामक बीमारी से शुरुआती दौर में ही बचने से लाभ प्राप्त होता है अगर एक बार नसें फूलना शुरू हो गई और गुच्छा बन जाती है जिसके बाद सिर्फ दर्द से ही बचा जा सकता है.

जोधपुर. प्रतिदिन 7 से 9 घंटे तक लगातार खड़े रहने पर एक समय के बाद व्यक्ति की पांव की नसों में परेशानी होना शुरू हो जाती है. यह नसें फूल जाती हैं और गुच्छा बन जाती हैं, जिसे चिकित्सकीय भाषा में वैरिकोज वेन्स कहा जाता है. ऐसा इसलिए होता है कि हृदय से लेकर नीचे तक इन नसों में रक्त प्रभावित होता है जो ग्रेविटी के विरुद्ध चलता है ऐसी स्थिति में ज्यादा देर तक खड़े रहने कि जॉब करने वाले लोगों को वैरिकोज वेन्स हो जाती है. खासतौर से यातायात पुलिसकर्मी इससे पीड़ित हैं.

यातायात पुलिस कर्मियों की होगी जांच

जोधपुर शहर में यातायात व्यवस्था को संभालने वाले ऐसे पुलिसकर्मियों की स्वास्थ्य जांच के लिए मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर गांधी दर्शन समिति द्वारा एक चिकित्सकीय शिविर और परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा. समिति के डॉ. अजय त्रिवेदी ने बताया कि इस दौरान यात्रा पुलिसकर्मियों के वेरीकोज वेन की जांच के साथ-साथ प्रदूषण से बचने के टिप्स और उनके चेस्ट की भी जांच की जाएगी.

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वैरिकोज वेन्स से जो पुलिसकर्मी पीड़ित हैं या इस बीमारी के नजदीक पहुंच गए हैं उन्हें इस प्रभाव से बचाने के लिए स्टॉक्स वितरित किए जाएंगे. डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. अजय मालवीय ने बताया कि वेरीकोज वेन नामक बीमारी से शुरुआती दौर में ही बचने से लाभ प्राप्त होता है अगर एक बार नसें फूलना शुरू हो गई और गुच्छा बन जाती है जिसके बाद सिर्फ दर्द से ही बचा जा सकता है.

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Body:जोधपुर। सामान्यता प्रतिदिन 7 से 9 घंटे तक लगातार खड़े रहने पर एक समय के बाद व्यक्ति की पांव की नसों में परेशानी होना शुरू हो जाती है यह नसें फूल जाती है गुच्छा बन जाती है जिसे चिकित्सकीय भाषा में वेरीकोज वेन की परेशानी कहा जाता है ऐसा इसलिए होता है कि हृदय से लेकर नीचे तक इन नसों में रक्त प्रभावित होता है जो ग्रेविटी के विरुद्ध चलता है ऐसी स्थिति में ज्यादा देर तक खड़े रहने कि जॉब करने वाले लोगों को वेरीकोज वेन हो जाती है खासतौर से यातायात पुलिसकर्मी इससे पीड़ित है जोधपुर शहर में यातायात व्यवस्था को संभालने वाले ऐसे पुलिसकर्मियों की स्वास्थ्य जांच के लिए मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर गांधी दर्शन समिति द्वारा एक चिकित्सकीय शिविर एवं परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा ।समिति के डॉ अजय त्रिवेदी ने बताया कि इस दौरान यात्रा पुलिसकर्मियों के वेरीकोज वेन की जांच के साथ-साथ प्रदूषण से बचने के टिप्स और उनके चेस्ट की जांच भी की जाएगी । वेरीकोज वेन से जो पुलिसकर्मी पीड़ित है या जो इस बीमारी के नजदीक पहुंच गए हैं उन्हें इस प्रभाव से बचाने के लिए स्टॉक्स वितरित किए जाएंगे । डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ अजय मालवीय ने बताया कि वेरीकोज वेन नामक बीमारी से शुरुआती दौर में ही बचने से लाभ प्राप्त होता है अगर एक बार नसें फूलना शुरू हो गई और गुच्छा बन जाती है तो उसके बाद सिर्फ दर्द से ही बचा जा सकता है। ऐसे में समय रहते बचाव जरूरी है।
bite 1डॉ अजय त्रिवेदी, संयोजक गांधी दर्शन समिति
bite 2 डॉ अजय मालवीय, एचओडी सर्जरी विभाग


Conclusion:
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