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चाय पत्ती कारोबारियों के समर्थन में व्यापारियों ने की हड़ताल - Rajasthan hindi news

कृषि मंडी में चाय पत्ती का होलसेल कारोबार करने वाले व्यापारी आंदोलनरत हैं. शनिवार को जोधपुर की मंडोर कृषि मंडी में सभी व्यापारियों ने हड़ताल (Traders strike in support of tea leaf traders) की.

Traders strike in support of tea leaf traders
चाय पत्ती व्यापारियों की हड़ताल
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Published : May 7, 2022, 3:36 PM IST

जोधपुर. कृषि मंडी में चाय पत्ती का होलसेल कारोबार करने वाले व्यापारी आंदोलनरत है. इनके समर्थन में शनिवार को जोधपुर की मंडोर कृषि मंडी में सभी व्यापारियों ने हड़ताल (Traders strike in support of tea leaf traders) की. व्यापारियों का कहना है कि पूरे राजस्थान में जोधपुर, बाड़मेर व उदयपुर कृषि मंडी में ही चाय पत्ती का व्यापार होता है. इसमें सर्वाधिक व्यापारी जोधपुर में है.

चाय का उत्पादन राजस्थान में नहीं होता है. ऐसे में 2006 में चाय पत्ती के कारोबार पर मंडी शुल्क व कृषक कल्याण शुल्क वसूलने पर 2006 से ही सरकार ने रोक लगा रखी थी. इसकी बड़ी वजह यह है कि मंडियों के बाहर कहीं ज्यादा चाय पत्ती का कारोबार होता है. लेकिन 29 अप्रैल को एक आदेश जारी कर सरकार ने रोक को हटा दिया. जिसके बाद मंडी से बिकने वाली होलसेल चाय पर 2.10 फीसदी शुल्क लागू हो गया. इस शुल्क के लगने से मंडी के व्यापारियों के भाव तेज हो गए. जबकि मंडी के बाहर चाय पत्ती उनसे सस्ती बिक रही है. जिसके विरोध में मंडी के व्यपारियों ने हड़ताल कर दी.

पढ़े:एलपीजी पर राजनीति गर्म, कांग्रेस बोली- बढ़े दाम वापस हों, कीमत 2014 के स्तर पर लाई जाए

व्यापारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र स्थित कृषि मंडी में राजस्थान का चाय पत्ती का कारोबार होता है. व्यापारियों में इसको लेकर सीएम के प्रति नाराजगी भी जाहिर करते हुए कहा है कि अगर इस आदेश पर वापस रोक नहीं लगी तो हमारा आंदोलन और तेज होगा. किसान कल्याण शुल्क व मंडी शुल्क वापस लिया जाए. इससे पांच से दस रुपए प्रति किलो चाय के भाव बढ़ जाएंगे. जिससे पूरा व्यापार ही ठप हो जाएगा.

जोधपुर. कृषि मंडी में चाय पत्ती का होलसेल कारोबार करने वाले व्यापारी आंदोलनरत है. इनके समर्थन में शनिवार को जोधपुर की मंडोर कृषि मंडी में सभी व्यापारियों ने हड़ताल (Traders strike in support of tea leaf traders) की. व्यापारियों का कहना है कि पूरे राजस्थान में जोधपुर, बाड़मेर व उदयपुर कृषि मंडी में ही चाय पत्ती का व्यापार होता है. इसमें सर्वाधिक व्यापारी जोधपुर में है.

चाय का उत्पादन राजस्थान में नहीं होता है. ऐसे में 2006 में चाय पत्ती के कारोबार पर मंडी शुल्क व कृषक कल्याण शुल्क वसूलने पर 2006 से ही सरकार ने रोक लगा रखी थी. इसकी बड़ी वजह यह है कि मंडियों के बाहर कहीं ज्यादा चाय पत्ती का कारोबार होता है. लेकिन 29 अप्रैल को एक आदेश जारी कर सरकार ने रोक को हटा दिया. जिसके बाद मंडी से बिकने वाली होलसेल चाय पर 2.10 फीसदी शुल्क लागू हो गया. इस शुल्क के लगने से मंडी के व्यापारियों के भाव तेज हो गए. जबकि मंडी के बाहर चाय पत्ती उनसे सस्ती बिक रही है. जिसके विरोध में मंडी के व्यपारियों ने हड़ताल कर दी.

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व्यापारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री के सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र स्थित कृषि मंडी में राजस्थान का चाय पत्ती का कारोबार होता है. व्यापारियों में इसको लेकर सीएम के प्रति नाराजगी भी जाहिर करते हुए कहा है कि अगर इस आदेश पर वापस रोक नहीं लगी तो हमारा आंदोलन और तेज होगा. किसान कल्याण शुल्क व मंडी शुल्क वापस लिया जाए. इससे पांच से दस रुपए प्रति किलो चाय के भाव बढ़ जाएंगे. जिससे पूरा व्यापार ही ठप हो जाएगा.

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