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Special: जोधपुर में सरकार ने बढ़ाए 350 से ज्यादा बेड...ICU और ऑक्सीजन बेड की ज्यादा दरकार

जोधपुर में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सरकार की मदद से 350 से ज्यादा बेड बढ़ाए हैं. हालांकि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आईसीयू और ऑक्सीजन बेड की ज्यादा दरकार है क्योंकि घातक हो रहे कोरोना वायरस की वजह से मरीजों में गंभीर लक्ष्ण देखे जा रहे हैं.

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सरकार ने बढ़ाए 350 बेड
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Published : Nov 26, 2020, 10:09 PM IST

जोधपुर. शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते स्थानीय प्रशासन ने सरकार की मदद से 350 से ज्यादा बेड बढ़ाए हैं. इनमें ज्यादातर आईसीयू ऑक्सीजन बेड है. क्योंकि वर्तमान में समय कोरोना की रफ्तार है और सक्रमण का गंभीर असर सामने आ रहा है. जिसमें लोगों को ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है.

सरकार ने बढ़ाए 350 बेड

सरकारी अस्पतालों के साथ साथ निजी अस्पतालों ने भी प्रशासन की पहल पर कोरोना मरीजों के लिए बेड बढ़ाए है. संभागीय आयुक्त और मेडिकल कॉलेज रिलीफ सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. समित शर्मा ने बताया कि कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही सभी जगहों पर जिला कलेक्टर ने बेड स्ट्रेंथ बढ़ाने का प्लान बनाया था. जिसमें ज्यादा फोकस आईसीयू और ऑक्सीजन बेड पर रखा गया है.

पढ़ेंः कोरोना की दूसरी लहर के बीच पुलिसकर्मियों के लिए जारी हुए विशेष दिशा-निर्देश

उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से लगातार बजट मिल रहा है. राज्य सरकार ने करीब 20 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की है. महात्मा गांधी अस्पताल की अधीक्षक डॉ. राजश्री बेहरा के अनुसार हमारे पास 400 बेड रिजर्व किए गए हैं. अभी संख्या बढ़ने पर 50 बेड बढ़ाए जा रहे हैं. इनमें 12 आईसीयू बेड बढ़ाए हैं बाकी सामान्य ऑक्सीजन बेड है. कॉटेज वार्ड मेंऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए गए हैं. डॉ बेहरा के अनुसार अस्पताल में अब सिर्फ 13 बेड ही हैं, जिन पर ऑक्सीजन प्वाइंट नहीं है.

डे-केयर से बेड ऑक्यूपेंसी कम होगी

जिला प्रशासन ने जोधपुर में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए डे-केयर सुविधा भी प्रारंभ कर दी है. इससे वे मरीज जो होम आइसोलेशन में हैं, लेकिन उन्हें एंटीबायोटिक की जरूरत है. वे अस्पताल आकर उपचार लेकर कुछ देर बाद वापस घर जा सकते हैं. इनमें पोस्ट कोविड मरीज भी है. वर्तमान में एमडीएमएच में ही 45 मरीज डे केयर से उपचार ले रहे हैं.

मरीजों को मिलेगी बेड की सूचना

डॉ. समित शर्मा के मुताबिक बेड की उपलब्धता दर्शाने के लिए प्रतिदिन सूचना जारी करने के निर्देश सीएमएचओ का दिए गए हैं. जो बताएंगे के किस अस्पताल में कितने बेड उपलब्ध है. जिससे मरीजों को परेशानी नहीं उठानी पड़े.

300 से ज्यादा बेड खाली

मेडिकल कॉलेज के अधीनस्थ एमडीएमएच और एमजीएच में वर्तमान में 300 से ज्यादा बेड खाली है. इन सभी पर ऑक्सीजन की सुविधा भी है. आईसीयू बेड 90 फीसदी भरे हुए है. कमाबेश निजी अस्पतालों में भी यही स्थिति है.

जोधपुर में कोरोना संक्रमण की स्थिति

जोधपुर में 25 नवंबर तक कुल 52,423 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं. इनमें 43,035 ठीक हो चुके हैं, जबकि 707 रोगियों की अब तक मौत हो चुकी है. बात अगर नवंबर के 25 दिनों की करें तो इस दौरान जोधपुर में 12,799 रोगी सामने आए हैं, जबकि 171 लोगों की मौत हो चुकी है.

जोधपुर में कहां कितने बेड

  • एम्स: आईसीयू बेड- 40
  • एमजीएच: आईसीयू बेड-12, ऑक्सीजन-38
  • एमडीएमएच: आईसीयू बेड-12, ऑक्सीजन-80
  • निजी अस्पताल: आईसीयू -30, ऑक्सीजन-38

जोधपुर. शहर में बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते स्थानीय प्रशासन ने सरकार की मदद से 350 से ज्यादा बेड बढ़ाए हैं. इनमें ज्यादातर आईसीयू ऑक्सीजन बेड है. क्योंकि वर्तमान में समय कोरोना की रफ्तार है और सक्रमण का गंभीर असर सामने आ रहा है. जिसमें लोगों को ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है.

सरकार ने बढ़ाए 350 बेड

सरकारी अस्पतालों के साथ साथ निजी अस्पतालों ने भी प्रशासन की पहल पर कोरोना मरीजों के लिए बेड बढ़ाए है. संभागीय आयुक्त और मेडिकल कॉलेज रिलीफ सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. समित शर्मा ने बताया कि कोरोना मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही सभी जगहों पर जिला कलेक्टर ने बेड स्ट्रेंथ बढ़ाने का प्लान बनाया था. जिसमें ज्यादा फोकस आईसीयू और ऑक्सीजन बेड पर रखा गया है.

पढ़ेंः कोरोना की दूसरी लहर के बीच पुलिसकर्मियों के लिए जारी हुए विशेष दिशा-निर्देश

उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से लगातार बजट मिल रहा है. राज्य सरकार ने करीब 20 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की है. महात्मा गांधी अस्पताल की अधीक्षक डॉ. राजश्री बेहरा के अनुसार हमारे पास 400 बेड रिजर्व किए गए हैं. अभी संख्या बढ़ने पर 50 बेड बढ़ाए जा रहे हैं. इनमें 12 आईसीयू बेड बढ़ाए हैं बाकी सामान्य ऑक्सीजन बेड है. कॉटेज वार्ड मेंऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगाए गए हैं. डॉ बेहरा के अनुसार अस्पताल में अब सिर्फ 13 बेड ही हैं, जिन पर ऑक्सीजन प्वाइंट नहीं है.

डे-केयर से बेड ऑक्यूपेंसी कम होगी

जिला प्रशासन ने जोधपुर में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए डे-केयर सुविधा भी प्रारंभ कर दी है. इससे वे मरीज जो होम आइसोलेशन में हैं, लेकिन उन्हें एंटीबायोटिक की जरूरत है. वे अस्पताल आकर उपचार लेकर कुछ देर बाद वापस घर जा सकते हैं. इनमें पोस्ट कोविड मरीज भी है. वर्तमान में एमडीएमएच में ही 45 मरीज डे केयर से उपचार ले रहे हैं.

मरीजों को मिलेगी बेड की सूचना

डॉ. समित शर्मा के मुताबिक बेड की उपलब्धता दर्शाने के लिए प्रतिदिन सूचना जारी करने के निर्देश सीएमएचओ का दिए गए हैं. जो बताएंगे के किस अस्पताल में कितने बेड उपलब्ध है. जिससे मरीजों को परेशानी नहीं उठानी पड़े.

300 से ज्यादा बेड खाली

मेडिकल कॉलेज के अधीनस्थ एमडीएमएच और एमजीएच में वर्तमान में 300 से ज्यादा बेड खाली है. इन सभी पर ऑक्सीजन की सुविधा भी है. आईसीयू बेड 90 फीसदी भरे हुए है. कमाबेश निजी अस्पतालों में भी यही स्थिति है.

जोधपुर में कोरोना संक्रमण की स्थिति

जोधपुर में 25 नवंबर तक कुल 52,423 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं. इनमें 43,035 ठीक हो चुके हैं, जबकि 707 रोगियों की अब तक मौत हो चुकी है. बात अगर नवंबर के 25 दिनों की करें तो इस दौरान जोधपुर में 12,799 रोगी सामने आए हैं, जबकि 171 लोगों की मौत हो चुकी है.

जोधपुर में कहां कितने बेड

  • एम्स: आईसीयू बेड- 40
  • एमजीएच: आईसीयू बेड-12, ऑक्सीजन-38
  • एमडीएमएच: आईसीयू बेड-12, ऑक्सीजन-80
  • निजी अस्पताल: आईसीयू -30, ऑक्सीजन-38
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