जोधपुर. बनाडा थाना क्षेत्र में 14 जुलाई की रात को कबाड़ में लगी आग में मिले शव के मामले का खुलासा हो गया है. कबाड़ मालिक तुलछाराम की आग में जलने से मौत नहीं हुई थी बल्कि आपसी रंजिश में हत्या करने के बाद उसे आग में फेंका गया था जिससे शव पूरी तरह जल जाए और किसी को कुछ पता नहीं चले. लेकिन समय रहते आग को फायर बिग्रेड ने बुझा दिया जिसके चलते तुलछाराम का शव पूरी तरह से नहीं जला.
इसके बाद परिजनों ने इस प्रकरण में हत्या की आशंका जताते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया था. परिजनों ने इस प्रकरण में पुलिस की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए थे. इसके बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया. इधर मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने भी तेजी दिखाई गहन छानबीन की. आज पुलिस ने इस प्रकरण में आरोपी जबरनाथ को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में उसने अपना जुर्म भी कबूल लिया.
थाना प्रभारी सीताराम खोजा ने बताया कि जबरनाथ की तुलछाराम से हत्या से करीब 15-20 दिन पहले कहासुनी हो गई थी. 14 जुलाई की रात को रंजिश के चलते बदला लेने के लिए जबरनाथ कबाड़ के गोदाम पहुंचा और तुलछाराम के सिर पर कुल्हाडी से वार किया.
इससे तुलछाराम जमीन पर गिर गया और उसका सिर एक पत्थर से टकारा गया. पत्थर पर खून लग गया जिसे जबरनाथ ने गोदाम के पीछे फेंक दिया था. पुलिस ने पत्थर बरामद किया जिस पर खून के निशान व तुलछाराम के बाल चिपके हुए थे. जबरनाथ ने पुलिस को बताया कि उसने कुल्हाड़ी से वार करने के बाद गोदाम में रखे रद्दी के कार्टन उस पर गिराकर आग लगा दी.