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कोरोना पर लगेगा 'ब्रेक'....टास्क फोर्स हर क्षेत्र में तेजी से कर रही काम

जोधपुर में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रशासन ने जिले में अलग-अलग टास्क फोर्स टीमों का गठन कर रखा है. बता दें कि जोधपुर में 600 से ज्यादा सर्वे टीमें काम कर रही है. साथ ही 4000 नगर निगम के सफाकर्मी भी अपना योगदान दे रहे हैं.

कोविड 19,  जोधपुर टास्क फोर्स, Jodhpur Task Force,  COVID-19
जोधपुर टास्क फोर्स
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Published : May 28, 2020, 1:59 PM IST

जोधपुर. शहर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैले हुए 2 महीने से अधिक का समय हो गया है. इस दौरान नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लगातार अथक परिश्रम कर कोरोना की रोकथाम और नए रोगियों की पहचान का काम कर रहे हैं. इसमें डोर टू डोर सर्वे और डोर टू डोर सेंपलिंग सबसे महत्वपूर्ण कार्य है. इस पर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमें संयुक्त प्रयास कर रही है. प्रशासन ने जिले में अलग-अलग टास्क फोर्स टीमों का गठन कर रखा है.

जोधपुर टास्क फोर्स का दम

बता दें कि प्रशासन के टास्क फोर्स टीम में डोर-टू-डोर सर्वे, जिसमें बीएलओ और स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं. यह टीम घरों में लक्षण के आधार पर टेस्ट के लिए संदिग्ध चिन्हित करते हैं. इसके अलावा बाहर से आने वालों की जानकारी जुटाते हैं. सैंपलिंग टीम में डॉक्टर, बीएलओ और टेक्नीशियन शामिल किए गए हैं. साथ ही एम्बुलेंस टीम के प्राभारी बनाए गए हैं.

पढ़ें- कोरोना संकट: कोटा स्टोन व्यापार पर मंदी की मार , दिहाड़ी मजदूरों को नहीं मिल रही मजदूरी

प्रशासन में नीति में किया बदलाव

शहर में कोरोना से लड़ने के लिए प्रशासन ने अपनी नीति में थोड़ा सा बदलाव किया है. बता दें कि पूर्व में जहां हॉटस्पॉट इलाके में नमूने लिए जाते थे, अब इसे शहर में मौजूद 25 डिस्पेंसरीज क्षेत्र के रूप में लागू कर दिया है यानी कि हर डिस्पेंसरी के इलाके में हर दिन संदिग्ध रोगियों के नमूने लिए जा रहे हैं. इस काम में 27 टीमें काम कर रही हैं.

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थर्मल स्कीनिंग

जोधपुर टास्क फोर्स फैक्ट फाइलः

  • जोधपुर में 600 से ज्यादा सर्वे टीमें काम कर रही है.
  • 27 सैंपलिंग टीमें मैदान में डटे हैं.
  • 20 एंबुलेंस हमेशा अलर्ट रहती है.
  • 1300 से ज्यादा शिक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी.
  • 4000 नगर निगम के सफाईकर्मी अपना योगदान दे रहे हैं.
  • जोधपुर में 3500 से ज्यादा पीपीई किट का स्टॉक है.
  • 9000 से ज्यादा N-95 मास्क उपलब्ध है.
  • 25000 से ज्यादा ट्रिपल लेयर मास्क भी उपलब्ध है.
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    नगर निगम कर रहा सैनिटाइजेशन

वर्तमान में प्रतिदिन 2 हजार नमूने लिए जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है, जबकि सर्वे में 600 से अधिक टीमें काम कर रही है. इसी तरह जोधपुर नगर निगम के 4000 से अधिक कर्मचारी प्रतिदिन शहर की सफाई व्यवस्था को संभाले हुए हैं. इनके लिए नगर निगम ने मास्क और ग्लब्स की व्यवस्था कर रखी है. इसके अलावा नगर निगम शहर के विभिन्न इलाकों में सैनिटाइजेशन करने के लिए भी अपने फायर ब्रिगेड दौड़ा रहा है, जिनके कर्मचारियों को भी सुरक्षा के तमाम उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं.

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लोगों की हो रही जांच

नगर निगम और स्वास्थय विभाग मिलकर लड़ रहा लड़ाई

नगर निगम के आयुक्त सुरेश कुमार ओला का कहना है कि नगर निगम स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर संयुक्त रूप से यह लड़ाई लड़ रहा है. हाल ही में मौसम में आए बदलाव से जोधपुर में गर्मी तेज हो गई है, ऐसे में पीपीई किट पहनकर नमूना लेना बहुत मुश्किल है. उन्होंने कहा कि इसके जगह पर भामाशाहों ने सैंपलिंग किट उपलब्ध कराए हैं, जिससे मरीज और चिकित्साकर्मी दोनों को संक्रमण का खतरा नहीं रहता है.

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सफाईकर्मी निभा रहे अपनी जिम्मेदारी

कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए टेस्टिंग पर जोर

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने शहर की 108 एंबुलेंस पूरी तरह से कोरोना संक्रमित मरीजों को लाने ले जाने में लगा रखी है. इनके ड्राइवर और नर्सिंग स्टाफ को भी संक्रमण से बचाने के लिए तमाम तरह की सुविधाएं दी गई है. जोधपुर में कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है. जोधपुर में वर्तमान में 1200 से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, 60 हजार से ज्यादा लोगों की अबतक जांच की गई है.

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स्वास्थयकर्मी दे रहे अपना योगदान

जोधपुर में कोरोना का आंकड़ाः

  • जोधपुर में अबतक 66 हजार 830 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है.
  • जिले में 1311 पॉजिटिव केस
  • अबतक 17 लोगों की मौत
  • 1022 मरीज हुए ठीक

अधिकारियों का कहना है, कि जितने ज्यादा टेस्ट होंगे उतने ज्यादा मामले आएंगे और इससे हम संक्रमण की चेन तोड़ सकते हैं. उनका कहना है कि अगर टेस्टिंग रोक दिया जाए तो बहुत बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है. जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित का कहना है कि कोरोना के संक्रमण को रोकने का एकमात्र उपाय ज्यादा से ज्यादा जांच है. हमारे कर्मचारी लगातार फील्ड में जुटे हैं.

अंतिम संस्कार सबसे कठिन काम

अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमित मरीज का अंतिम संस्कार नगर निगम के कर्मचारी ही करते हैं. लेकिन अब सरकार ने थोड़ी राहत देते हुए परिजनों को भी शामिल करने की अनुमति दी है. लेकिन इस दौरान सभी को संक्रमण से बचने के लिए पीपीई किट पहनना होता है. इसके अलावा लगातार सैनिटाइजेशन किया जाता है. वहीं, जिला प्रशासन समय-समय पर ऐसे कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित भी कर रहा है.

जोधपुर. शहर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैले हुए 2 महीने से अधिक का समय हो गया है. इस दौरान नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी लगातार अथक परिश्रम कर कोरोना की रोकथाम और नए रोगियों की पहचान का काम कर रहे हैं. इसमें डोर टू डोर सर्वे और डोर टू डोर सेंपलिंग सबसे महत्वपूर्ण कार्य है. इस पर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमें संयुक्त प्रयास कर रही है. प्रशासन ने जिले में अलग-अलग टास्क फोर्स टीमों का गठन कर रखा है.

जोधपुर टास्क फोर्स का दम

बता दें कि प्रशासन के टास्क फोर्स टीम में डोर-टू-डोर सर्वे, जिसमें बीएलओ और स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं. यह टीम घरों में लक्षण के आधार पर टेस्ट के लिए संदिग्ध चिन्हित करते हैं. इसके अलावा बाहर से आने वालों की जानकारी जुटाते हैं. सैंपलिंग टीम में डॉक्टर, बीएलओ और टेक्नीशियन शामिल किए गए हैं. साथ ही एम्बुलेंस टीम के प्राभारी बनाए गए हैं.

पढ़ें- कोरोना संकट: कोटा स्टोन व्यापार पर मंदी की मार , दिहाड़ी मजदूरों को नहीं मिल रही मजदूरी

प्रशासन में नीति में किया बदलाव

शहर में कोरोना से लड़ने के लिए प्रशासन ने अपनी नीति में थोड़ा सा बदलाव किया है. बता दें कि पूर्व में जहां हॉटस्पॉट इलाके में नमूने लिए जाते थे, अब इसे शहर में मौजूद 25 डिस्पेंसरीज क्षेत्र के रूप में लागू कर दिया है यानी कि हर डिस्पेंसरी के इलाके में हर दिन संदिग्ध रोगियों के नमूने लिए जा रहे हैं. इस काम में 27 टीमें काम कर रही हैं.

कोविड 19,  जोधपुर टास्क फोर्स, Jodhpur Task Force,  COVID-19
थर्मल स्कीनिंग

जोधपुर टास्क फोर्स फैक्ट फाइलः

  • जोधपुर में 600 से ज्यादा सर्वे टीमें काम कर रही है.
  • 27 सैंपलिंग टीमें मैदान में डटे हैं.
  • 20 एंबुलेंस हमेशा अलर्ट रहती है.
  • 1300 से ज्यादा शिक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी.
  • 4000 नगर निगम के सफाईकर्मी अपना योगदान दे रहे हैं.
  • जोधपुर में 3500 से ज्यादा पीपीई किट का स्टॉक है.
  • 9000 से ज्यादा N-95 मास्क उपलब्ध है.
  • 25000 से ज्यादा ट्रिपल लेयर मास्क भी उपलब्ध है.
    कोविड 19,  जोधपुर टास्क फोर्स, Jodhpur Task Force,  COVID-19
    नगर निगम कर रहा सैनिटाइजेशन

वर्तमान में प्रतिदिन 2 हजार नमूने लिए जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्र में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है, जबकि सर्वे में 600 से अधिक टीमें काम कर रही है. इसी तरह जोधपुर नगर निगम के 4000 से अधिक कर्मचारी प्रतिदिन शहर की सफाई व्यवस्था को संभाले हुए हैं. इनके लिए नगर निगम ने मास्क और ग्लब्स की व्यवस्था कर रखी है. इसके अलावा नगर निगम शहर के विभिन्न इलाकों में सैनिटाइजेशन करने के लिए भी अपने फायर ब्रिगेड दौड़ा रहा है, जिनके कर्मचारियों को भी सुरक्षा के तमाम उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं.

कोविड 19,  जोधपुर टास्क फोर्स, Jodhpur Task Force,  COVID-19
लोगों की हो रही जांच

नगर निगम और स्वास्थय विभाग मिलकर लड़ रहा लड़ाई

नगर निगम के आयुक्त सुरेश कुमार ओला का कहना है कि नगर निगम स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर संयुक्त रूप से यह लड़ाई लड़ रहा है. हाल ही में मौसम में आए बदलाव से जोधपुर में गर्मी तेज हो गई है, ऐसे में पीपीई किट पहनकर नमूना लेना बहुत मुश्किल है. उन्होंने कहा कि इसके जगह पर भामाशाहों ने सैंपलिंग किट उपलब्ध कराए हैं, जिससे मरीज और चिकित्साकर्मी दोनों को संक्रमण का खतरा नहीं रहता है.

कोविड 19,  जोधपुर टास्क फोर्स, Jodhpur Task Force,  COVID-19
सफाईकर्मी निभा रहे अपनी जिम्मेदारी

कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए टेस्टिंग पर जोर

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने शहर की 108 एंबुलेंस पूरी तरह से कोरोना संक्रमित मरीजों को लाने ले जाने में लगा रखी है. इनके ड्राइवर और नर्सिंग स्टाफ को भी संक्रमण से बचाने के लिए तमाम तरह की सुविधाएं दी गई है. जोधपुर में कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग पर जोर दिया जा रहा है. जोधपुर में वर्तमान में 1200 से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, 60 हजार से ज्यादा लोगों की अबतक जांच की गई है.

कोविड 19,  जोधपुर टास्क फोर्स, Jodhpur Task Force,  COVID-19
स्वास्थयकर्मी दे रहे अपना योगदान

जोधपुर में कोरोना का आंकड़ाः

  • जोधपुर में अबतक 66 हजार 830 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है.
  • जिले में 1311 पॉजिटिव केस
  • अबतक 17 लोगों की मौत
  • 1022 मरीज हुए ठीक

अधिकारियों का कहना है, कि जितने ज्यादा टेस्ट होंगे उतने ज्यादा मामले आएंगे और इससे हम संक्रमण की चेन तोड़ सकते हैं. उनका कहना है कि अगर टेस्टिंग रोक दिया जाए तो बहुत बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है. जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित का कहना है कि कोरोना के संक्रमण को रोकने का एकमात्र उपाय ज्यादा से ज्यादा जांच है. हमारे कर्मचारी लगातार फील्ड में जुटे हैं.

अंतिम संस्कार सबसे कठिन काम

अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमित मरीज का अंतिम संस्कार नगर निगम के कर्मचारी ही करते हैं. लेकिन अब सरकार ने थोड़ी राहत देते हुए परिजनों को भी शामिल करने की अनुमति दी है. लेकिन इस दौरान सभी को संक्रमण से बचने के लिए पीपीई किट पहनना होता है. इसके अलावा लगातार सैनिटाइजेशन किया जाता है. वहीं, जिला प्रशासन समय-समय पर ऐसे कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित भी कर रहा है.

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