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जोधपुर में लगी लोक अदालत, गिले-शिकवे भुलाकर कई जोड़ों ने फिर थामा एक-दूसरे का हाथ

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Published : Dec 12, 2020, 7:16 PM IST

जोधपुर में कोरोना काल में पहली बार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है. शनिवार को हुई लोक अदालत में 6 हजार से ज्यादा मामले रखे गए हैं. इसके लिए 19 बेंचों का गठन किया गया. मुकदमे वापस लेकर कई जोड़ों ने फिर एक-दूसरे का हाथ थाम लिया.

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लोक अदालत में टूटे जुड़े फिर से मिले

जोधपुर. कोरोना काल में पहली बार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. शनिवार को हुई लोक अदालत में 6 हजार से ज्यादा मामले रखे गए हैं. इसके लिए 19 बेंचों का गठन किया गया. खासतौर से लोगों की नजरें पारिवारिक न्यायालय पर थी, जहां कई जोड़ों ने फिर से अपने साथी का हाथ थाम लिया है. 4 साल से अलग-अलग रह रहे घेवरराम और गुड्डी फिर एक हुए हैं.

लोक अदालत में टूटे जुड़े फिर से मिले

इनका विवाह 7 साल पहले हुआ था. उनके अधिवक्ता शिवराम बताते हैं कि परिवार की महत्ता को लेकर पिछले दिनों दोनों की समझाइश का नतीजा है कि सभी मुकदमे वापस हो गए और दोनों फिर से एक हो गए हैं. इसी तरह से कुलवंत और आकांक्षा एक साल से अलग थे. उन्होंने ने भी अपने मतभेद भुलाकर वापस एक होने का फैसला लिया है, जबकि पहले 8 साल साथ रहे. इसी तरह कई अन्य पारिवारिक मामले भी शनिवार को आपसी रजामंदी से सुलझ गए हैं.

यह भी पढ़ें- बूंदी : किसान कानून के खिलाफ उग्र किसानों ने टोल नाकों पर किया प्रदर्शन...बैरिकेड्स लगाकर रोके वाहन

जिला न्यायाधीश रविंद्र जोशी ने बताया कि यह इस वर्ष की तीसरी लोक अदालत है. इससे पहले फरवरी में लोक अदालत का आयोजन हुआ था और उसके बाद कॉविड के चलते अगस्त में ऑनलाइन लोक अदालत हुई थी, लेकिन शनिवार को हुई लोक अदालत में फरियादी और वकील दोनों ही मौजूद रहे. इसके अलावा ऑनलाइन भी सुनवाई की गई है.

जोधपुर. कोरोना काल में पहली बार राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. शनिवार को हुई लोक अदालत में 6 हजार से ज्यादा मामले रखे गए हैं. इसके लिए 19 बेंचों का गठन किया गया. खासतौर से लोगों की नजरें पारिवारिक न्यायालय पर थी, जहां कई जोड़ों ने फिर से अपने साथी का हाथ थाम लिया है. 4 साल से अलग-अलग रह रहे घेवरराम और गुड्डी फिर एक हुए हैं.

लोक अदालत में टूटे जुड़े फिर से मिले

इनका विवाह 7 साल पहले हुआ था. उनके अधिवक्ता शिवराम बताते हैं कि परिवार की महत्ता को लेकर पिछले दिनों दोनों की समझाइश का नतीजा है कि सभी मुकदमे वापस हो गए और दोनों फिर से एक हो गए हैं. इसी तरह से कुलवंत और आकांक्षा एक साल से अलग थे. उन्होंने ने भी अपने मतभेद भुलाकर वापस एक होने का फैसला लिया है, जबकि पहले 8 साल साथ रहे. इसी तरह कई अन्य पारिवारिक मामले भी शनिवार को आपसी रजामंदी से सुलझ गए हैं.

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जिला न्यायाधीश रविंद्र जोशी ने बताया कि यह इस वर्ष की तीसरी लोक अदालत है. इससे पहले फरवरी में लोक अदालत का आयोजन हुआ था और उसके बाद कॉविड के चलते अगस्त में ऑनलाइन लोक अदालत हुई थी, लेकिन शनिवार को हुई लोक अदालत में फरियादी और वकील दोनों ही मौजूद रहे. इसके अलावा ऑनलाइन भी सुनवाई की गई है.

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