जोधपुर. नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट ने गहलोत सरकार के कानून-व्यवस्था की रिपोर्ट खोल दी है. आईपीसी की धारा के तहत 3 लाख पांच हजार मुकदमें दर्ज हैं. इनमें से 11 हजार मुकदमें दलितों और महिला उत्पीड़न के हैं.
सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाएं हर जगह हो रही हैं. बारां, बाड़मेर, धौलपुर, सीकर और जयपुर में दुष्कर्म की एक लंबी फेहरिस्त है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि सीएम अशोक गहलोत खुद गृहमंत्री हैं. बीते दो साल से इस सरकार में कोई भी पूर्णकालिक गृहमंत्री नहीं है, जिन पत्रकारों ने ऐसी घटनाओं को उजागर किया. उनके खिलाफ मुकदमें दर्ज किए गए. सरकार के लोग बात लोकतंत्र की करते हैं, लेकिन मीडिया का दमन करना यह अपने आप में इस बात का संकेत है कि गहलोत सरकार सच्चाई से भाग रही है.
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पूनिया ने कहा कि यह सरकार कोरोना संक्रमण में भी मजबूर हो गई सड़कों पर आने के लिए. इसलिए राज्य सरकार चेते, इस मामले में हमने राज्यपाल को भी कहा कि कानून-व्यवस्था की समीक्षा करें. अगर जरूरत पड़े तो हस्तक्षेप करें. राजस्थान देश में सबसे शांत प्रदेश था, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में अब वह सर्वाधिक अपराधों की फेहरिस्त में शामिल होकर अपराध ग्रस्त राजस्थान बन गया है. महिलाओं के साथ 14.8 प्रतिशत अपराधों की वृद्धि हुई है. मुझे लगता है कि राजस्थान ऐसी घटनाओं को लेकर शर्मसार हुआ है. बाड़मेर की घटना को लेकर मैं खुद बाड़मेर जा रहा हूं पीड़िता से मिलने.