जोधपुर. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट गुरुवार को जोधपुर पहुंचे. इस दौरान उनका कई जगहों पर जोरदार स्वागत किया गया. उनके काफिले में बड़ी संख्या में वाहन शामिल थे. पायलट अपने काफिले के साथ सीधे पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह जसोल के परिवार को संवेदना प्रकट करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने उनके पुत्र मानवेंद्र सिंह से मुलाकात की. उनके साथ विधायक हेमाराम चौधरी, रामनिवास गवारिया, कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी, राजेंद्र चौधरी सहित अन्य नेता थे.
संवेदनाएं प्रकट करने के बाद मीडिया से बात करते हुए पायलट ने कहा कि किसी भी राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार हो, लेकिन अपराध होने के बाद वहां का प्रशासन सरकार क्या रवैया अपनाती है, यह जनता देखती है. अपराध होने के पश्चात हाथरस में यूपी सरकार ने सबूत नष्ट करने की कोशिश की. परिजनों को दूर रखा गया. रात को 2:30 बजे शव का अंतिम संस्कार किया गया. यह नहीं होना चाहिए था.
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पूरे देश में इस बात की चर्चा हो रही है कि क्या कारण थे, जिसके चलते योगी जी ने लोगों को रोके रखा. पूरे गांव को पुलिस से घेर दिया. मीडिया को जाने नहीं दिया. इससे पूरे देश में एक गलत संदेश गया है.
पायलट ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम अपनी बात जरूर रखेंगे. चाहे हाथरस का मामला हो या किसानों का मामला, हर मामले में कांग्रेस सरकार ने जो कानून बनाए थे, उनको बार-बार क्यों बदलने कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को आमदनी दुगनी करने का वादा करके आई थी, क्या अभी तक किसी भी किसान की आमदनी दुगनी हुई.
उन्होंने कहा कि सरकार को तीन कृषि अध्यादेश लाने के लिए राज्य सरकार को कॉन्फिडेंस में लेना चाहिए था. चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया. सरकार किसानों को फायदा देने के बजाय निजी कंपनियों को फायदा देने के लिए काम कर रही है. ऐसी क्या स्थिति हुई, जिसके चलते संसद में इन दिनों पर चर्चा नहीं हुई.
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उन्होंने कहा कि किसान चाहता है कि अच्छा बीज मिले, अच्छा निवेश हो, आमदनी बढ़े. सरकार इन कामों को छोड़कर एमएसपी व मंडी व्यवस्था को खत्म करने की साजिश रच रही है, जिसके लिए किसान जवाब देगा. पूरे देश का किसान आक्रोशित है और कांग्रेस एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते इसका विरोध कर रही है.
भारतीय जनता पार्टी द्वारा राजस्थान में बलात्कार की घटनाओं को मुद्दा बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पता नहीं कितने खंडों में बंट चुकी है. इनके नेता कुछ और बोलते हैं पदों पर बैठे आदमी कुछ और बोलते हैं. मुझे ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी विपक्ष पार्टी होने का दायित्व सही ढंग से नहीं निभा पा रही है.