जोधपुर. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रतिनिधि सभा में इस बात पर चिंतन हुआ कि स्वतंत्रता मिलने के बावजूद (RSS Annual Representative Meeting) अभी पूरी तरह से स्वाधीन नहीं हुए हैं. हमारा अपना तंत्र विकसित नहीं हुआ है. यह बात जोधपुर प्रांत के संघचालक हरदयाल वर्मा ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में दी.
उन्होंने कहा कि संघ की प्रतिवर्ष एक प्रतिनिधि सभा होती है. इस बार यह अहमदाबाद में हुई. इस सभा में इस बात पर चर्चा हुई कि 1947 में हमें बलिदानियों व विभिन्न संगठनों के माध्यम से स्वतंत्रता मिली. लेकिन स्वाधिनता अभी जिस स्तर तक होनी चाहिए थी वह नहीं है. इसमें न्यूनता रही है. हम राजनीतिक दृष्टि से स्वतंत्रत हो गए, लेकिन अपना तंत्र विकसित करने में अभी सक्षम नहीं हैं.
अपनी परंपरा व भारतीय तत्व चिंतन में पीछे हैं. जिसको लेकर संघ काम करेगा. वर्मा ने बताया कि हजार वर्ष तक गुलामी तंज जो भारयितों ने झेला था. जिसके चलते अभी तक प्रत्येक क्षेत्र में हम अपना तंत्र विकसित नहीं कर पाए हैं. लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति अब तक सुनने व देखने को मिलती है. भारतीय परिदृश्य में शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए, जिसमें कृषि व उद्योग पर काम होना चाहिए था.
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उन्होंने बताया कि प्रतिनिधि सभा में देश में बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया. जिसमें देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम के अवसरों को बढ़ावा देने का प्रस्ताव पारित किया गया. भारत में अपनी शक्ति का तंत्र विकसित हो जिससे लोगों के लिए काम के अवसर बढे़ और देश आत्मनिर्भर हो सके.
समाज को विभेद करने वाले एजेंडे चालते हैंः अजमेर में आरएसएस के चित्तौड़ प्रांत संघसंचालक जगदीश राणा ने कहा कि देश में समय-समय पर समाज को भी विभेद करने वाले योजनाबद्ध तरीके से एजेंडे संचालित किए जाते हैं. ऐसे एजेंडों के प्रति समाज को सतर्क रहने की जरूरत है. राणा ने अजमेर में संघ कार्यालय में मंगलवार को प्रेसवार्ता में गुजरात में 11 से 13 मार्च तक आरएएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक में लिए गए प्रस्ताव की जानकारी भी दी.
राजस्थान में आरएसएस के चित्तौड़ प्रांत संघचालक जगदीश राणा ने कहा कि सभी समाज को छोटे-मोटे भेदों से ऊपर उठकर एक रस होकर कार्य करना चाहिए. तभी हमारा देश परम वैभव पर पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि कर्णावती में आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में दिए गए प्रस्ताव पर कार्य शुरू हो चुका है. इसमें सबसे महत्वपूर्ण देश में रोजगार के अवसर अर्जित करने का प्रस्ताव भी है. युवाओं को उनके योग्य अनुसार उघमी प्रशिक्षण देना शामिल है. जिसमें वह रोजगार मांगने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बन सकें.
उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए देश में कई मॉडल विभिन्न क्षेत्रों में तैयार किए गए. इसके अलावा स्किल्ड लेबर भी तैयार करने का कार्य किया जा रहा है. जिसमें लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे. उन्होंने बताया कि 2025 में संघ के 100 वर्ष पूरे होंगे. आगामी 3 वर्षों में संघ की शाखाएं देश में प्रत्येक गांव तक पहुंचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने बताया कि बैठक में कश्मीर में कार्य विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए भी चर्चा हुई थी. वहां भी कार्य लगातार बढ़ रहा है.