जोधपुर. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम रोडवेज के कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार उनकी 4 सूत्रीय मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. जबकि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष खुद रोडवेज कर्मचारियों से मिले और उनको आश्वासन दिया था.
लेकिन अब सरकार के सत्ता में आने के बाद, कोई मांगें पूरी नहीं की गई. रोडवेज कर्मचारी संगठन के प्रदेश सचिव लक्ष्मण सिंह राज पुरोहित ने बताया कि 4 नवंबर 2018 को कांग्रेस के नेताओं ने रोडवेज के कर्मचारियों के साथ वार्ता की थी. लेकिन अब कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है.
नई सरकार आने के बाद से 2 बजट पेश किए गए, जिसमें रोडवेज के लिए सरकार ने कोई घोषणा नहीं की. जबकि रोडवेज के साल 2016 में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों का भुगतान अभी बकाया चल रहा है. 8 हजार पद रिक्त हैं, 2 हजार नई बसों की दरकार है. बावजूद इसके सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है. इसे लेकर कर्मचारी 4 मार्च को जयपुर में एक बड़ी रैली करेंगे. फिर भी सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो रोडवेज का आंदोलन बड़ा रूप लेगा.
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गौरतलब है कि सरकार बनने के बाद रोडवेज कर्मचारियों ने विरोध-प्रदर्शन किया तो सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया. लेकिन सरकार के दूसरे बजट में भी रोडवेज को लेकर किसी तरह का कोई प्रावधान नहीं रखने से नाराज कर्मचारी अब एक बार फिर बड़े आंदोलन की राह पर हैं.