जोधपुर. शहर के निचले इलाकों में लगातार बारिश होने से जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. जिला प्रशासन ने बुधवार रात डर्बी कॉलोनी की श्रमिक बस्ती को खाली करवाया. इन्हें सरकारी स्कूल में शिफ्ट किया गया है. वहीं न्यू रूपनगर में सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. नाव से लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है.
न्यू रूपनगर में सेना: सबसे ज्यादा बुरी स्थिति न्यू रूप नगर की है जहां अभी भी 3 से 4 फीट पानी भरा हुआ है. यहां पानी की निकासी सही नहीं होने से घरों के आगे पानी होने से लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. पल पल बदलते हालातों के बीच लोगों को राहत देने के लिए सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. सेना के जवान अपनी नाव के साथ आज सुबह कॉलोनी में पहुंचे. कुछ लोगों को बाहर निकाला. सेना के सहयोग से जरूरत का सामान भी पहुंचाया गया है. इसके अलावा पंप सेट लगाकर पानी की निकासी के प्रयास भी शुरू किए गए हैं.
सेना के सहयोग से जरूरत का सामान भी पहुंचाया गया. इसके अलावा पंप सेट लगाकर पानी की निकासी के प्रयास भी शुरू किए गए हैं. इस बीच क्षेत्र वासी प्रशासन के रवैए से नाखुश हैं. उनका आरोप है कि अधिकारी उनकी सुनते ही नहीं हैं. नगर निगम के सीईओ अरुण पुरोहित को भी यहां लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ा. दिक्कतों से जूझ रहे स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम के पंप में डीजल तक नहीं है. उनके मुताबिक कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं सेना अपना डीजल देकर पंप चलवा रही है.
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क्षेत्र के निवासी गोपाल सिंह ने बताया कि 4 दिन से हम परेशान है प्रशासन का कोई भी अधिकारी सुध लेने के लिए नहीं आया. पीने के पानी का संकट है. बिजली नहीं है अब सेना की टीम आई है. महिलाओं का कहना है कि हमारी सिर्फ इतनी ही विनती है कि पानी प्रशासन निकलवा दे. इलाके के 130 घरों के बाशिंदे परेशान हैं. सोमवार शाम से यहां बिजली गुल है. उधर, संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा डर्बी कॉलोनी की श्रमिक बस्ती का भी मौका मुआयना किय. जहां से लोगों को रात को नजदीक के सरकारी स्कूल में शिफ्ट किया गया था. डर्बी कॉलोनी में भैरव नाला का पानी एकत्र होने से जगह-जगह जल जमाव हो रखा है.
ग्रामीण इलाकों से टूटा सम्पर्क: इधर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी की अधिकता होने से जगह-जगह पर छोटे बांधों और तालाबों के टूटने के समाचार आ रहे हैं. जिसके चलते कई गांवों का संपर्क टूट गया है. आज सुबह बीसलपुर पालासनी गांव के बीच बने बांध के टूट जाने से सड़क बह गई. इसी तरह से लोहावट क्षेत्र में जगह पानी भरने से रेल मार्ग और सड़क मार्ग को नुकसान हुआ है. रेल मार्ग दुरुस्त करने के लिए रात को ही काम शुरू किया गया था.
वहीं, श्रमिक बस्ती को खाली कराने से पहले रात को पुलिस ने बाकायदा मुनादी की और बसों के जरिए लोगों को वहां से निकाला. डर्बी कॉलोनी के आसपास भैरव नाला से आने वाला पानी फैल रहा है. यह क्रम लगातार दो दिनों से जारी है. बुधवार शाम से बारिश की निरंतरता को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने निर्णय लेकर वहां प्रशासन और पुलिस की टीमें लगाई और लोगों को वहां से सुरक्षित स्थानों पर (water logging due to rain in jodhpur) पहुंचाया.
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उप-खण्ड अधिकारी अपूर्वा परवाल ने बताया कि अब तक लगभग 200 लोगों को वहां से विस्थापित कर सुरक्षित जगह पहुंचाया जा चुका है. जबकि शेष बचे लोगों की समझाइश कर उन्हें पास के सुरक्षित स्कूल में ले जाने की कार्रवाई (residents shifted to school due to rain) जारी है. ग्रामीण क्षेत्र में भी लगातार बारिश होने से जगह-जगह जल जमाव बन गया है. इसके चलते जिले एकल खोरी गांव में बरसाती पानी से भरी नाड़ी में डूबने से हनुमान विश्नोई नामक युवक की मौत हो गई.
जोधपुर-जैसलमेर रेल खंड पर रेल यातायात प्रभावित: उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के जैसलमेर रेलखंड की पटरियों पर जल भराव की स्थिति बनी हुई है. इसके चलते दूसरे दिन भी ट्रेनों का आवागमन बाधित रहा. बुधवार को जम्मूतवी से जैसलमेर जाने वाली शालीमार एक्सप्रेस को जोधपुर में ही रद्द करना पड़ा. इसमें सवार फलोदी, रामदेवरा और जैसलमेर स्टेशनों को जाने वाले 350 यात्रियों को आठ बसों के माध्यम से उनके गंतव्य स्टेशनों के लिए रवाना किया (rail services are affected due to rain in Jodhpur) गया.
न्यू रूपनगर के हालात देखने मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत खुद उतरे पानी में
शहर के न्यू रूपनगर में चार दिन से बरसात का पानी भरा हुआ है जिसके चलते यहां के बाशिंदे परेशान हैं. गुुरुवार से सेना ने यहां मोर्चा संभाला और इलाकों से पानी निकालने के लिए प्रयास शुरू किए, लेकिन अभी हालात नहीं सुधरे हैं. 130 घरों की बस्ती में साठ ऐसे घर हैं जिनके आगे तीन से चार फीट पानी भरा हुआ है. यहां के हालात का जायाज लेने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत वहां पहुंचे और स्थिति जानने के लिए लोगों के साथ पानी में उतरे अंदर तक जाकर लोगों से मिले. लोगों को आश्वस्त किया की जल्द ही उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा.
लोगों ने शेखावत को बताया कि यहां लगाए गए नगर निगम के पंप के लिए डीजल तक नहीं उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसके बाद शेखावत ने जिला कलेक्टर से सभी अधिकारियों के साथ सर्किट हाउस में शहर के हालात को लेकर बैठक ली. उन्हें कहा कि हर हाल में जल्द ही प्रभावित इलाकों से पानी निकाला जाए. साथ ही शेखावत ने शहर के अन्य इलाकों को लेकर भी प्रशासन से जानकारी प्राप्त कर उन्हें निर्देशित किया.
2016 में भी यही हालात बने थे
शेखावत ने बताया कि 2016 के हालात के बारे में प्रशासन को बताया गया था. हाल ही में यह बताया गया था कि आरयूआईडीपी से प्रोजेक्ट बनाया गया था, लेकिन वह पूरा नहीं हुआ. इसी तरह से शहर के अन्य इलाकों को लेकर भी स्थाई प्लान बनाए गए थे, लेकिन फलीभूत नहीं हुए. तीन साल से जिस तरीके से काम होना चाहिए था वैसा नहीं हुआ. अब स्थाई समाधान की आवश्यकता है.
सूरसागर और गेंवा में भी पानी भरा
बारिश के रुकने के बाद भी निचले इलाकों में पानी की आवक जारी है. इसके चलते सूरसागर क्षेत्र के कई इलाकों में पानी भरा हुआ है. इसके चलते झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को परेशानी हो रही है. उनके घरों में पानी घुस गया है. इसी तरह से गेंवा गांव में भी जल जमाव से परेशानी हो रही है. संभागीय आयुक्त कैलाशचंद्र मीणा ने इन इलाकों को जायजा लिया ओर अधिकारियेां को आवश्यकता के अनुसार व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिए हैं.