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जोधपुर: आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति मिलने का रेजिडेंट डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार कर किया विरोध

सेंट्रल काउंसिल इंडियन मेडिकल सिस्टम द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सकों को कुछ सर्जरी करने की अनुमति देने का राजपत्र जारी करने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कार्य बहिष्कार किया. शुक्रवार को जोधपुर में डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने करीब दो घंटे का कार्य नहीं किया.

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रेजिडेंट डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन
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Published : Dec 11, 2020, 1:42 PM IST

जोधपुर. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को कुछ सर्जरी करने की अनुमति देने का राजपत्र जारी करने का विरोध किया. शुक्रवार सुबह 9 बजे डॉक्टर ने काम छोड़ दिया और 11 बजे तक ओपीडी और अन्य इकाइयों में नहीं पहुंचे.

रेजिडेंट डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन

डॉक्टर का कहना है कि नई व्यवस्था में मिक्सओपैथी बनाई जा रही है, जो गलत है. क्योंकि एलोपैथी का अलग इतिहास और व्यवस्था है. इसके डॉक्टर का पाठ्यक्रम अलग है. ऐसे में अगर आयुर्वेद के डॉक्टरों को स्कोर सर्जरी करने की अनुमति दी जाती है तो इससे मरीजों का नुकसान होगा और दोनों चिकित्सा पद्धति में विरोधाभास उत्पन्न हो जाएगा. इसको लेकर जोधपुर में मथुरादास माथुर अस्पताल, महात्मा गांधी अस्पताल और उम्मेद अस्पताल सहित मेडिकल कॉलेज से जुड़े सभी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया.

यह भी पढ़ें: चूरू : 24 दिनों से धरने पर बैठी आशा सहयोगिनियों ने गहलोत सरकार को दी चेतावनी

डॉक्टरों का कहना है कि यह क्रम आगे भी लगातार जारी रहेगा, जब तक कि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं ले लेती. डॉक्टर्स के बहिष्कार का राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन किया है. इस बहिष्कार से दूरदराज से आने वाले मरीजों को काफी परेशानी हुई. सुबह 9 बजे अस्पताल पहुंचने के बावजूद दो घंटे तक वह बैठे रहे. मरीजों के परिजनों का कहना है कि डॉक्टर से आए दिन हड़ताल कर लेते हैं, यह सिलसिला अब रुकना चाहिए.

जोधपुर. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को कुछ सर्जरी करने की अनुमति देने का राजपत्र जारी करने का विरोध किया. शुक्रवार सुबह 9 बजे डॉक्टर ने काम छोड़ दिया और 11 बजे तक ओपीडी और अन्य इकाइयों में नहीं पहुंचे.

रेजिडेंट डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन

डॉक्टर का कहना है कि नई व्यवस्था में मिक्सओपैथी बनाई जा रही है, जो गलत है. क्योंकि एलोपैथी का अलग इतिहास और व्यवस्था है. इसके डॉक्टर का पाठ्यक्रम अलग है. ऐसे में अगर आयुर्वेद के डॉक्टरों को स्कोर सर्जरी करने की अनुमति दी जाती है तो इससे मरीजों का नुकसान होगा और दोनों चिकित्सा पद्धति में विरोधाभास उत्पन्न हो जाएगा. इसको लेकर जोधपुर में मथुरादास माथुर अस्पताल, महात्मा गांधी अस्पताल और उम्मेद अस्पताल सहित मेडिकल कॉलेज से जुड़े सभी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया.

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डॉक्टरों का कहना है कि यह क्रम आगे भी लगातार जारी रहेगा, जब तक कि सरकार इस निर्णय को वापस नहीं ले लेती. डॉक्टर्स के बहिष्कार का राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन किया है. इस बहिष्कार से दूरदराज से आने वाले मरीजों को काफी परेशानी हुई. सुबह 9 बजे अस्पताल पहुंचने के बावजूद दो घंटे तक वह बैठे रहे. मरीजों के परिजनों का कहना है कि डॉक्टर से आए दिन हड़ताल कर लेते हैं, यह सिलसिला अब रुकना चाहिए.

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