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Remarriage After 7 Years: आटे साटे के विवाह के बाद दूरियां बनी, जोधपुर पुलिस ने सात साल बाद करवाया पुनर्विवाह

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Published : Jun 11, 2022, 11:05 AM IST

Updated : Jun 11, 2022, 2:23 PM IST

7 साल पहले जो रिश्ता टूट गया था उसे पुलिस ने जोड़ने का काम किया. जोधपुर में आटा साटा प्रथा (aata sata pratha In Rajasthan) से शादी हुई थी. दो परिवार अधर में लटके थे. बच्चे मां बाप की दूरियों का बोझ सह रहे थे. मामला कोर्ट कचहरी तक पहुंचा लेकिन फिर पुलिस ने सकारात्मक रवैया अपनाते हुए खास अंदाज में दो जोड़ों को मिलवा दिया.

Remarriage After 7 Years
आटे साटे के विवाह के बाद दूरियां बनी

जोधपुर. मारवाड़ में ग्रामीण क्षेत्रों में आटे साटे के विवाह (aata sata pratha In Rajasthan) की परंपरा लंबे समय से जारी है. इसके तहत किसी के घर की बेटी ली जाती है तो अपनी बेटी उस घर में दे दी जाती है. यही कारण है कि जब किसी एक के दांपत्य जीवन में परेशानी आती है तो दोनों प्रभावित होते हैं. उसके बाद कई कानूनी प्रपंच होने से दूरियां बढ़ जाती है. देखा ये भी गया है कि आपस के ये फासले बहुत कम मामलों में सुलझा लिए जाते हैं. इनमें भी अकसर लोगों को कानून के रक्षकों यानी पुलिस पर भरोसा कम ही होता है. लेकिन जोधपुर का ये किस्सा कुछ अलग है. यहां पुलिस के पॉजिटिव रवैए ने दो परिवारों को जिंदा कर दिया.

कैसे हुआ मिलाप और फिर दुराव?: दरअसल, अरटिया खुर्द के रहने वाले जीवन राम की बेटी उषा का विवाह देवातड़ा के गिरधारी राम के साथ हुआ था. इसी तरह गिरधारी राम की बहन धारू का विवाह उषा के भाई विशनाराम से 2015 में हुआ (Remarriage After 7 Years In Jodhpur) था. कुछ समय बाद पारिवारिक झगड़ा होने से दोनों परिवारों के बीच फासले बढ़ गए. करीब एक साल पहले ऊषा और धारू अपने-अपने पिता के घर चली गईं. दोनो तरफ से दहेज प्रताड़ना के मामले दर्ज हो गए. दईजर थाने में दोनो पक्षों के बीच लगातार समझाइश की गई. काउंसलिंग भी करवाई गई लेकिन बात नहीं बनी.

जोधपुर पुलिस ने दूरियों को नजदीकियों में बदला

पढ़ें-Rajasthan Kukari Rasm: कुकड़ी कुप्रथा के बाद पीड़िता ने पुलिस से लगाई सुरक्षा की गुहार

कैसे लौटी खुशियां: काउंसलिंग से बात न संभलते देख जांच रेणु ठाकुर को दी गई.उन्होंने फिर प्रयास शुरू किए और काउंसलर के माध्यम से पति-पत्नी की काउंसलिंग शुरू की तो बातों बातों में दोनों ने बच्चों के भविष्य को लेकर फिक्र जाहिर की. उन्हें वापस साथ रहने के लिए मनाया गया और उसके बाद कोर्ट में बयान करवाए गए. इस तरह दईजर महिला पुलिस थाने की निरीक्षक ने सकारात्मक पहल की. उनकी कोशिश रंग लाई और दोनों परिवारों की खुशियां लौट आईं और इस तरह काफी समय से अभिभावकों को एक साथ देखने की लालसा भी बच्चों की पूरी हो गई.

और विवाह हो गया: 10 जून को दोनों पक्षों से 20-20 लोग बुलाए गए. जो बारात लेकर पूरे बैंड बाजे के साथ थाने पहुंचे. जोड़ों ने अपने अपने जीवन साथी को वरमाला पहनाई और पुनर्विवाह सम्पन्न करा दिया (Remarriage After 7 Years In Jodhpur) गया. रस्मों रिवाज को खुशी खुशी निभाई गई और विधि विधान के साथ दुल्हनें अपने-अपने ससुराल (aata sata pratha In Rajasthan) विदा हो गईं.

जोधपुर. मारवाड़ में ग्रामीण क्षेत्रों में आटे साटे के विवाह (aata sata pratha In Rajasthan) की परंपरा लंबे समय से जारी है. इसके तहत किसी के घर की बेटी ली जाती है तो अपनी बेटी उस घर में दे दी जाती है. यही कारण है कि जब किसी एक के दांपत्य जीवन में परेशानी आती है तो दोनों प्रभावित होते हैं. उसके बाद कई कानूनी प्रपंच होने से दूरियां बढ़ जाती है. देखा ये भी गया है कि आपस के ये फासले बहुत कम मामलों में सुलझा लिए जाते हैं. इनमें भी अकसर लोगों को कानून के रक्षकों यानी पुलिस पर भरोसा कम ही होता है. लेकिन जोधपुर का ये किस्सा कुछ अलग है. यहां पुलिस के पॉजिटिव रवैए ने दो परिवारों को जिंदा कर दिया.

कैसे हुआ मिलाप और फिर दुराव?: दरअसल, अरटिया खुर्द के रहने वाले जीवन राम की बेटी उषा का विवाह देवातड़ा के गिरधारी राम के साथ हुआ था. इसी तरह गिरधारी राम की बहन धारू का विवाह उषा के भाई विशनाराम से 2015 में हुआ (Remarriage After 7 Years In Jodhpur) था. कुछ समय बाद पारिवारिक झगड़ा होने से दोनों परिवारों के बीच फासले बढ़ गए. करीब एक साल पहले ऊषा और धारू अपने-अपने पिता के घर चली गईं. दोनो तरफ से दहेज प्रताड़ना के मामले दर्ज हो गए. दईजर थाने में दोनो पक्षों के बीच लगातार समझाइश की गई. काउंसलिंग भी करवाई गई लेकिन बात नहीं बनी.

जोधपुर पुलिस ने दूरियों को नजदीकियों में बदला

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कैसे लौटी खुशियां: काउंसलिंग से बात न संभलते देख जांच रेणु ठाकुर को दी गई.उन्होंने फिर प्रयास शुरू किए और काउंसलर के माध्यम से पति-पत्नी की काउंसलिंग शुरू की तो बातों बातों में दोनों ने बच्चों के भविष्य को लेकर फिक्र जाहिर की. उन्हें वापस साथ रहने के लिए मनाया गया और उसके बाद कोर्ट में बयान करवाए गए. इस तरह दईजर महिला पुलिस थाने की निरीक्षक ने सकारात्मक पहल की. उनकी कोशिश रंग लाई और दोनों परिवारों की खुशियां लौट आईं और इस तरह काफी समय से अभिभावकों को एक साथ देखने की लालसा भी बच्चों की पूरी हो गई.

और विवाह हो गया: 10 जून को दोनों पक्षों से 20-20 लोग बुलाए गए. जो बारात लेकर पूरे बैंड बाजे के साथ थाने पहुंचे. जोड़ों ने अपने अपने जीवन साथी को वरमाला पहनाई और पुनर्विवाह सम्पन्न करा दिया (Remarriage After 7 Years In Jodhpur) गया. रस्मों रिवाज को खुशी खुशी निभाई गई और विधि विधान के साथ दुल्हनें अपने-अपने ससुराल (aata sata pratha In Rajasthan) विदा हो गईं.

Last Updated : Jun 11, 2022, 2:23 PM IST
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