जोधपुर. देश की जीडीपी में रियल एस्टेट की 7 फिसदी भागीदारी है. जिससे लाखों की संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है. कोरोना के चलते यह सेक्टर भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ. लेकिन अब धीरे धीरे यह पटरी पर लौटने लगा है. लेकिन इस सेक्टर को केंद्र सरकार के बजट से राहत मिल जाए तो इसमें बूस्ट आ सकता है. देखिये यह खास रिपोर्ट...
जोधपुर में रियल एस्टेट सेक्टर अब पटरी पर लौट रहा है. लोगों को रोजगार भी मिलने लगा है. लेकिन जरूरत है इस सेक्टर को बूस्ट करने की. जिससे इसमें तेजी से उछाल आए. जोधपुर में वर्तमान में रियल एस्टेट के अफोर्डेबल सहित करीब 45 प्रोजेक्ट चल रहे हैं. कोरोना के बाद यहां भी काम में तेजी आई है. अब इसे सरकार की ओर से थोडी सहायता मिल जाए तो यह आर्थिक सुस्ती को तोड़ने में कामयाब होगा.
पढ़ें- स्पेशलः केंद्रीय बजट से पर्यटन व्यवसाय को क्या हैं उम्मीदें?
केंद्र सरकार के बजट से जोधपुर के बिल्डर का कहना है कि सरकार को कुछ क्रिएटिव बदलाव करने चाहिए. जिससे इस सेक्टर में तेजी आए. क्योंकि इसमें अगर तेजी आएगी तो बाजार में रोजगार के अवसर बढेंगे सरकार को भी आय होगी.
टैक्स में छूट बढे़
धरती इंफ्रा के निदेशक अनिल टाटिया का कहना है कि इनकम टैक्स में गृह ऋण की रिबेट को बढाना चाहिए. वर्तमान में यह दो लाख रुपए है जिसे अब पांच लाख करने की आवश्यकता है. इससे लोग आवास खरीदने के प्रति रूचि दिखाएंगे और बाजार में लिक्विडीटी बढ़ेगी.
जीएसटी इनपुट वापस लागू हो
पूर्व में बिल्डर को जीएसटी इनपुट क्रेडिट मिलने का प्रावधान था. जिसे हटा दिया गया. इसे वापस लागू किया जाना चाहिए. जिससे लागत में कमी आएगी तो फायदा ग्राहक को होने से लोगों को फायदा होगा.
रॉ मेटेरियल के लिए बने नीति
जोधपुर के बिल्डर्स की मांग है कि लोहा और सीमेंट के रेट पर सरकार नियंत्रण करे. सरकार ऐसी नीतियां बनाए कि रॉ बिल्डिंग मैटेरियल के भाव नियंत्रित रहें. वर्तमान में लोहा डेढ़ गुना महंगा हो गया है. सीमेंट दुगने भावों में बिक रहा है. इससे लागत बढ़ रही है. इसका सीधा असर ग्राहक पर पड़ता है.
पढ़ें- SPECIAL : राजस्थान के पर्यटन को है 'संजीवनी' की दरकार...राज्य सरकार के बजट से बड़ी उम्मीदें
क्रिएटिव शॉल्यूशन की दरकार
वैशाली टाउनशिप के संदीप मेहता का कहना है कि सबवेंशन स्कीम में बिल्डर प्री ईएमआई देता था जिससे फंडिग मिल जाती थी. लेकिन इसे बंद कर दिया गया. इसे वापस शुरू करना चाहिए. अंडर कंट्रक्शन बिल्डिंग में जीएसटी की दरों में सुधार की आवश्यकता है. इस सुधार से काम में तेजी आएगी तो रोजगार बढेगा हम वी शेप ग्रोथ की और बढेंगे.
सरकारी बैंकों का लोन सरल होगा
जीतेंद्र सोलंकी और विजय जयपाल जो प्रोपर्टी व्यवसाय से जुडे़ हैं उनका है कि कोविड के बाद लोग बाहर की कॉलोनियों में रूचि दिखा रहे हैं. लेकिन सरकारी बैंकों की लोन देने की प्रक्रिया में सरलीकरण की आवश्यकता है. खास तौर से विदेश में रहने वाले लोग जो पावर ऑफ एटॉर्नी के माध्यम से खरीद करते हैं. उस पर सरकारी बैंकों ने लोन देना बंद कर दिया है. इसे वापस शुरू करने से निवेश बढ़ेगा. इसके अलावा नियमों में सरलीकरण की सख्त आवश्यकता है. इससे लोग बतौर फ्यूचर इनवेस्ट भी वापस इस तरफ आएंगे जिससे मार्केट बूस्ट होगा.