जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने यौन शोषण के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम के बेटे नारायण साईं की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आसाराम की मेडिकल रिपोर्ट अधिवक्ता के जरिये परिजनों को देने के निर्देश दिये हैं. नारायण साईं ने मार्च माह में राजस्थान हाईकोर्ट में एक आपराधिक याचिका पेश कर अपने पिता का आयुर्वेद के जरिये बेहतर उपचार कराने की गुहार लगाई थी.
मई माह में आसाराम की तबीयत बिगड़ने पर जेल प्रशासन ने आसाराम को महात्मा गांधी अस्पताल और वहां से एम्स में भर्ती करवाया था. मंगलवार को न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की एकलपीठ में नारायण साईं की याचिका पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संजीव पुनालेकर ने वीसी के जरिये कहा कि याचिकाकर्त के पिता का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार करवाया जा रहा है. आसाराम के परिजनों को उसके उपचार की ना तो जानकारी दी जा रही है और ना ही रिपोर्ट दी जाती है.
सरकार की ओर से अधिवक्ता अनिल जोशी ने एकलपीठ के समक्ष पक्ष रखते हुए बताया कि आसाराम की ओर से खंडपीठ में एसओएस विचाराधीन है. जिसमें उपचार के लिए दो माह की अंतरिम जमानत मांगी है. जिस पर सुनवाई चल रही है. खंडपीठ ने पिछली सुनवाई पर कोविड संक्रमित पाये जाने पर आसाराम का उपचार एम्स में करवाने के लिए निर्देश दिये थे. जिसकी अगली सुनवाई 21 मई को है. ऐसे में दोनों याचिकाओं का ग्राउंड एक ही है और आसाराम का एम्स में कोविड का उपचार चल रहा है.
एम्स से नई रिपोर्ट मंगवाकर 21 मई को खंडपीठ के समक्ष पेश की जानी है. ऐसे में एकलपीठ न्यायाधीश माथुर ने सरकारी अधिवक्ता को निर्देश दिये हैं कि आसाराम के उपचार की रिपोर्ट याचिकाकर्ता को दी जाये. सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि आखिरकार रिपोर्ट किसे दी जाये क्योंकि अस्पताल के बाहर आसाराम के सैकड़ों समर्थक हैं. ऐसे में किसको रिपोर्ट दें. न्यायालय ने निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को समय-समय पर उपचार की रिपोर्ट दी जाये और खंडपीठ में सुनवाई के बाद 26 मई को अब याचिका पर सुनवाई होगी.