जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय मुख्यपीठ जोधपुर में मंगलवार को गडीसर झील के संरक्षण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद स्वायत शासन सचिव विभाग के प्रमुख शासन सचिव को 16 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढा व न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ में जैसलमेर की गडीसर झील के संरक्षण को लेकर याचिकाकर्ता व अधिवक्ता मानस रणछोड खत्री व सुनील पालीवाल ने पक्ष रखा.
अधिवक्ता मानस रणछोड़ खत्री ने पक्ष रखते हुए न्यायालय में प्रस्तुत शपथ पत्र पर बहस की. जिसमें याची के अधिवक्ता को सूचना का अधिकार अधिनियम में प्राप्त सूचना के अनुसार गड़ीसर झील व 10 अन्य झीलों की केंद्रीय सरकार द्वारा वर्ष 2010 में राष्ट्रीय झील संरक्षण नीति में शामिल करते हुए विशेषत आईआईटी रुड़की के सहयोग से गडीसर के संरक्षण हेतु योजना तैयार करते हुए डीपीआर तैयार की गई.
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जिसमें गडीसर झील को सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत के मूल्य भूत धार्मिक महत्व की झील बतलाया गया है. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय द्वारा राज्य सरकार की ओर से प्रमुख शासन सचिव स्वायत शासन विभाग जयपुर को व्यक्तिगत रूप से तलब करते हुए उपस्थित रहने के आदेश पारित किए. प्रमुख शासन सचिव जयपुर को राज्य सरकार द्वारा झील विकास प्राधिकरण जयपुर का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
इस प्रकार राष्ट्रीय झील संरक्षण नीति के अनुसार विशेष रूप से तैयार की गई डीपीआर को परियोजना निदेशक द्वारा राजस्थान झील विकास प्राधिकरण अधिनियम प्रभाव में आ जाने के पश्चात झीलों की डीपीआर तैयार करते हुए संपूर्ण रिकॉर्ड को राजस्थान झील विकास प्राधिकरण जयपुर को सुपुर्द किया गया.