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Rajasthan Highcourt: उदयपुर की लक्ष्मी विलास होटल मामले में सुनवाई टली, अगली तारीख 21 अप्रैल तय - Jodhpur latest news

उदयपुर लक्ष्मी विलास होटल (Udaipur Laxmi Vilas Hotel case) के विनिवेश मामले में सभी पक्षों के अनुरोध पर राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने सुनवाई टाल दी. अब नई तारीख 21 अप्रैल निर्धारित की गई है.

Hearing in Udaipur Laxmi Vilas Hotel case adjourned
लक्ष्मी विलास होटल मामले में सुनवाई टली
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Published : Mar 21, 2022, 8:58 PM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) में उदयपुर की लक्ष्मी विलास होटल (Udaipur Laxmi Vilas Hotel case) के विनिवेश मामले में दायर याचिकाओं पर सभी के संयुक्त अनुरोध पर 21 अप्रैल 2022 तक सुनवाई स्थगित कर दी गई, लेकिन कोर्ट ने कहा कि सभी से अपेक्षा की जाती है कि वह अगली सुनवाई पर बहस शुरू करेंगे.

जस्टिस रेखा बोराणा की अदालत में सोमवार को याचिकाकर्ता यूनियन ऑफ इंडिया बनाम ज्योत्सना सूरी सहित अन्य चार याचिकाए सुनवाई के लिए थीं लेकिन सभी पक्षों के अधिवक्ताओं ने संयुक्त रूप से सुनवाई टालने का अनुरोध किया. इस पर 21 अप्रैल की नई तारीख मुकरर्र कर दी गई.

पढ़ें. लक्ष्मी विलास होटल मामला : HC ने ट्रायल कोर्ट की प्रोसेडिंग पर लगाई रोक, 3 सप्ताह बाद याचिका पर होगी सुनवाई

गौरतलब है कि उदयपुर की लक्ष्मी विलास होटल के विनिवेश मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट में चल रहे मामले में पर अगले आदेश तक अंतरिम रोक लगाने के साथ ही रिकार्ड कॉल कर दिया था. हाईकोर्ट ने 21 अक्टूबर 2020 को याचिकाकर्ता ज्योत्सना सूरी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण शौरी, आशीष गुहा, प्रदीप बैजल और कांतिलाल की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीबीआई कोर्ट की प्रोसीडिंग पर रोक लगा दी थी. भारत होटल्स प्रा. लि. की प्रबंध निदेशक ज्योत्सना सूरी की ओर से सांसद पीपी चौधरी ने पेरवी करते हुए कहा था कि जब इस होटल का विनिवेश हुआ था, उस समय तय कीमत से 25 फीसदी ज्यादा रकम पर किया गया था.

पढ़ें. लक्ष्मी विलास होटल का मामला पहुंचा हाईकोर्ट...CBI कोर्ट के आदेश को दी गई चुनौती, कल होगी सुनवाई

इसके साथ ही उन्होंने सीबीआई की ओर से इस मामले में लगाई गई क्लोजर रिपोर्ट की अनदेखी करने का भी तर्क देते हुए 15 सितंबर 2020 को जारी किए गए जोधपुर की सीबीआई विशेष अदालत के आदेशों को अपास्त करने की मांग की थी. वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण शौरी ने स्वंय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई थी. पूर्व में भी राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी जिसमें कहा गया था कि किसी प्रकार का घोटाला नहीं हुआ है.

हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट की ओर से 15 सितम्बर 2020 को पारित आदेश एवं अगली प्रोसीडिंग पर अंतरिम रोक लगाते हुए रिकार्ड कॉल किया था. सीबीआई कोर्ट ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण शौरी, ज्योत्सना सूरी, आशीष गुहा, प्रदीप बैजल और कान्तिलाल के खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश के साथ सभी की गिरफ्तारी वारंट जारी करने के निर्देश दिये थे जिस पर पूर्व में राजस्थान हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट को जमानती वारंट में तब्दील करते हुए जमानत मुचलके पेश करने के निर्देश दिये थे. सभी ने सीबीआई अदालत में जमानत मुचलके पेश कर दिये थे. सभी पर आरोप था कि उन्होने उदयपुर की लक्ष्मी विलास होटल को विनिवेश गलत तरीके से करते हुए सरकार को सदोष राजस्व की हानि पहुंचाई है.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan Highcourt) में उदयपुर की लक्ष्मी विलास होटल (Udaipur Laxmi Vilas Hotel case) के विनिवेश मामले में दायर याचिकाओं पर सभी के संयुक्त अनुरोध पर 21 अप्रैल 2022 तक सुनवाई स्थगित कर दी गई, लेकिन कोर्ट ने कहा कि सभी से अपेक्षा की जाती है कि वह अगली सुनवाई पर बहस शुरू करेंगे.

जस्टिस रेखा बोराणा की अदालत में सोमवार को याचिकाकर्ता यूनियन ऑफ इंडिया बनाम ज्योत्सना सूरी सहित अन्य चार याचिकाए सुनवाई के लिए थीं लेकिन सभी पक्षों के अधिवक्ताओं ने संयुक्त रूप से सुनवाई टालने का अनुरोध किया. इस पर 21 अप्रैल की नई तारीख मुकरर्र कर दी गई.

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गौरतलब है कि उदयपुर की लक्ष्मी विलास होटल के विनिवेश मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट में चल रहे मामले में पर अगले आदेश तक अंतरिम रोक लगाने के साथ ही रिकार्ड कॉल कर दिया था. हाईकोर्ट ने 21 अक्टूबर 2020 को याचिकाकर्ता ज्योत्सना सूरी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण शौरी, आशीष गुहा, प्रदीप बैजल और कांतिलाल की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सीबीआई कोर्ट की प्रोसीडिंग पर रोक लगा दी थी. भारत होटल्स प्रा. लि. की प्रबंध निदेशक ज्योत्सना सूरी की ओर से सांसद पीपी चौधरी ने पेरवी करते हुए कहा था कि जब इस होटल का विनिवेश हुआ था, उस समय तय कीमत से 25 फीसदी ज्यादा रकम पर किया गया था.

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इसके साथ ही उन्होंने सीबीआई की ओर से इस मामले में लगाई गई क्लोजर रिपोर्ट की अनदेखी करने का भी तर्क देते हुए 15 सितंबर 2020 को जारी किए गए जोधपुर की सीबीआई विशेष अदालत के आदेशों को अपास्त करने की मांग की थी. वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण शौरी ने स्वंय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई थी. पूर्व में भी राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी जिसमें कहा गया था कि किसी प्रकार का घोटाला नहीं हुआ है.

हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट की ओर से 15 सितम्बर 2020 को पारित आदेश एवं अगली प्रोसीडिंग पर अंतरिम रोक लगाते हुए रिकार्ड कॉल किया था. सीबीआई कोर्ट ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण शौरी, ज्योत्सना सूरी, आशीष गुहा, प्रदीप बैजल और कान्तिलाल के खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश के साथ सभी की गिरफ्तारी वारंट जारी करने के निर्देश दिये थे जिस पर पूर्व में राजस्थान हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट को जमानती वारंट में तब्दील करते हुए जमानत मुचलके पेश करने के निर्देश दिये थे. सभी ने सीबीआई अदालत में जमानत मुचलके पेश कर दिये थे. सभी पर आरोप था कि उन्होने उदयपुर की लक्ष्मी विलास होटल को विनिवेश गलत तरीके से करते हुए सरकार को सदोष राजस्व की हानि पहुंचाई है.

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