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Rajasthan High Court ने अवैध माइनिंग पर माइनिंग विभाग और राजस्थान सरकार से मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने अवैध माइनिंग पर नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में माइनिंग विभाग और राज्य सरकार से जवाब तलब भी किया है.

Rajasthan High Court, अवैध माइनिंग, illegal mining
अवैध माइनिंग पर माइनिंग विभाग और राज्य सरकार से मांगा जवाब
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Published : Jul 16, 2021, 8:59 PM IST

जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) में रोहिला कलान गांव में अवैध माइनिंग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. राजस्थान उच्च न्यायालय की वरिष्ठ न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ में यह सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने ग्रामीणों की जनहित याचिका पर नोटिस जारी करते हुए 25 अगस्त तक जवाब तलब किया है.

ग्रामीणों की ओर से अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने जनहित याचिका (Public Interest Litigation) पेश कर बताया कि आबादी क्षेत्र के पास अवैध रूप से माइनिंग की जा रही है. रोहिला कलान गांव के खसरा नम्बर 556 गैर मुमकिन भाकर की भूमि है. यह करीब 1416 बीघा है. जिसमें से करीब 60 बीघा जमीन माइनिंग विभाग को दे दी गई.

पढ़ें: लैब टेक्नीशियन/सहायक रेडियोग्राफर नियमित भर्ती 2020, चयन निरस्त करने पर HC की अंतरिम रोक

माइनिंग विभाग ने 12 लोगों को इस भूमि पर खनन पट्टे जारी किेए हैं. प्रत्येक को 10,000 वर्गमीटर का आवंटन किया गया है. यानी कुल 1,20,000 वर्गमीटर भूमि पर ही खनन होना चाहिए लेकिन अब तो पूरे खसरे की भूमि पर अवैध रूप से माइनिंग होने लगी है, जबकि माइनिंग गतिविधियों की पाबंदी है.

ग्रामीणों ने माइनिंग विभाग को शिकायत भी दर्ज कराई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका में प्रारम्भिक सुनवाई में नोटिस जारी किए गए हैं. हाईकोर्ट ने माइनिंग विभाग के साथ ही राज्य सरकार से 25 अगस्त तक जवाब तलब किया है.

जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) में रोहिला कलान गांव में अवैध माइनिंग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. राजस्थान उच्च न्यायालय की वरिष्ठ न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ में यह सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने ग्रामीणों की जनहित याचिका पर नोटिस जारी करते हुए 25 अगस्त तक जवाब तलब किया है.

ग्रामीणों की ओर से अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने जनहित याचिका (Public Interest Litigation) पेश कर बताया कि आबादी क्षेत्र के पास अवैध रूप से माइनिंग की जा रही है. रोहिला कलान गांव के खसरा नम्बर 556 गैर मुमकिन भाकर की भूमि है. यह करीब 1416 बीघा है. जिसमें से करीब 60 बीघा जमीन माइनिंग विभाग को दे दी गई.

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माइनिंग विभाग ने 12 लोगों को इस भूमि पर खनन पट्टे जारी किेए हैं. प्रत्येक को 10,000 वर्गमीटर का आवंटन किया गया है. यानी कुल 1,20,000 वर्गमीटर भूमि पर ही खनन होना चाहिए लेकिन अब तो पूरे खसरे की भूमि पर अवैध रूप से माइनिंग होने लगी है, जबकि माइनिंग गतिविधियों की पाबंदी है.

ग्रामीणों ने माइनिंग विभाग को शिकायत भी दर्ज कराई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका में प्रारम्भिक सुनवाई में नोटिस जारी किए गए हैं. हाईकोर्ट ने माइनिंग विभाग के साथ ही राज्य सरकार से 25 अगस्त तक जवाब तलब किया है.

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