जोधपुर. शहर में दिनदहाड़े हत्या करने के आरोपी सुल्तान उर्फ बीडा की जमानत याचिका को अपर एवं सेशन न्यायाधीश संख्या दो नीतू आर्य ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया. परिवादी युनूस ने 28 नवम्बर 2019 को सदर कोतवाली थाना जोधपुर में मुकदमा दर्ज कराया था कि उसके पिता नूर मोहम्मद पर आरोपी ने पीछा करते हुए गुलाब सागर पाल हवेली के पास तलवार से हमला किया था.
इस दौरान नूर मोहम्मद की मौत हो गई थी. आरोपी, प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता कैलाश पंचारिया ने वीसी के जरिए पक्ष रखा और जमानत देने की गुहार लगाई. कोर्ट को बताया कि प्रार्थी निर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है. उसने कोई अपराध नहीं किया है. प्रथम सूचना रिपोर्ट में तलवार से मारना बताया गया है, जबकि तलवार की बरामगदी नहीं है.
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अधिवक्ता ने यह भी कहा कि पीएम रिपोर्ट में मृत्यु शॉक से होना बताया गया है. ऐसे में केवल रंजिशवश ही फंसाया गया है. प्रार्थी न्यायिक अभिरक्षा में है, उसकी जमानत मंजूर की जाए. वहीं लोक अभियोजक केशर सिंह नरूका ने प्रार्थी अधिवक्ता के तर्को का खंडन करते हुए कोर्ट को बताया कि प्रार्थी पर गंभीर आरोप हैं. ऐसे में अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत प्रार्थना पत्र खारिज करने योग्य है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी प्रार्थी के जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया.
गौशालाओं के अनुदान पर हुई सुनवाई...
राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश संगीत लोढा और न्यायाधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने गौशालाओं को अनुदान बाबत याचिकाकर्ता अखिल भारतीय संत समाज की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल गौड ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता की ओर से पेश किए गए. अतिरिक्त शपथ पत्र का जवाब देने के लिए तीन दिन का समय चाहा, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई को स्थगित करते हुए 9 जून को मामले सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है.
मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मोती सिंह राजपुरोहित ने वीसी पर बताया कि 27 मई 2020 को कोर्ट द्वारा जारी निर्देशानुसार उन्होंने अतिरिक्त शपथ पत्र कार्यालय में पेश कर दिया है, जिसे रिकार्ड पर ले लिया गया. अधिवक्ता ने बाद में बताया कि कोर्ट के निर्देश के अनुसार उन्होंने पिछली सुनवाई के दौरान जिन बिंदुओं पर अपनी दलीलें पेश की थी. उन पर कोर्ट ने अगली सुनवाई में शपथ पत्र पेश करने के निर्देश दिए थे.