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Rajasthan HC On Drug Abuse: नशे पर अंकुश के लिए एसओपी तैयार, हाईकोर्ट ने निर्देश के साथ याचिका कर दी निस्तारित

राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ ने नशे पर लगाम लगाने की गर्ज से राज्य सरकार के उठाए कदमों को ध्यान में रखते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया (Rajasthan HC On Drug Abuse).

Rajasthan HC On Drug Abuse
हाईकोर्ट ने निर्देश के साथ याचिका कर दी निस्तारित
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Published : Jul 21, 2022, 8:15 AM IST

जोधपुर. नशे के बढ़ते कारोबार और युवा पीढ़ी के झुकाव को देखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ द्वारा स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर दायर जनहित याचिका पर गंभीर चिंतन और सुनवाई के बाद फैसला सुनाया (Rajasthan HC On Drug Abuse) गया. कोर्ट ने राज्य की ओर से की जा रही प्रभावी कार्रवाई एवं एसओपी को रिकॉर्ड पर लेते हुए एसओपी की पालना के निर्देश के साथ याचिका का निस्तारण किया.

वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश विजय विश्नोई की खंडपीठ में जनहित याचिका पर विस्तृत सुनवाई हुई. न्यायमित्र हर्षद भादू के दिए गए सुझावों को शामिल करते हुए आवश्यक गंभीर खतरे के निवारण के लिए प्रोटोकॉल तैयार किया गया (SOP to curb Drug Menace). जो नई पीढ़ी के भविष्य के लिए खतरा पैदा कर रहे नशे के कारोबार पर अंकुश लगाएगा. कोर्ट ने न्यायमित्र भादु के प्रयासों की सराहना की.

कोर्ट में एएजी पंकज शर्मा ने पिछली सुनवाई पर प्रभारी अधिकारी का अतिरिक्त हलफनामा दायर कर बताया कि खतरे को रोकने और नियंत्रित करने के लिए एनडीपीएस अधिनियम के तहत गतिविधियों को निर्धारित करते हुए एक एसओपी बनाई गई है. एडीजी पुलिस अपराध ने सभी पुलिस उपायुक्तों जोधपुर, जयपुर एवं राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि इसकी पालना की जाए.

पढ़ें-Rajasthan High Court: पुलिस विभाग में रिक्त पदों को लेकर हाईकोर्ट गंभीर, राज्य सरकार को नया हलफनामा पेश करने के दिए निर्देश

प्रस्ताव है कि एक विशेष सेल जिसमें एक सब इंस्पेक्टर, दो हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल शामिल हों को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के सुपरविजन में प्रत्येक थाने में तैनात किया जाए. इसके अलावा भी एनडीपीएस के नियमों के तहत सख्त कार्रवाई के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं ताकि युवा पीढ़ी को नशे से बचाया जा सके. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्देश दिए की एसओपी की अक्षरशः पालना की जाए इसके साथ ही याचिका निस्तारित कर दी.

जोधपुर. नशे के बढ़ते कारोबार और युवा पीढ़ी के झुकाव को देखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्यपीठ द्वारा स्व प्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर दायर जनहित याचिका पर गंभीर चिंतन और सुनवाई के बाद फैसला सुनाया (Rajasthan HC On Drug Abuse) गया. कोर्ट ने राज्य की ओर से की जा रही प्रभावी कार्रवाई एवं एसओपी को रिकॉर्ड पर लेते हुए एसओपी की पालना के निर्देश के साथ याचिका का निस्तारण किया.

वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश विजय विश्नोई की खंडपीठ में जनहित याचिका पर विस्तृत सुनवाई हुई. न्यायमित्र हर्षद भादू के दिए गए सुझावों को शामिल करते हुए आवश्यक गंभीर खतरे के निवारण के लिए प्रोटोकॉल तैयार किया गया (SOP to curb Drug Menace). जो नई पीढ़ी के भविष्य के लिए खतरा पैदा कर रहे नशे के कारोबार पर अंकुश लगाएगा. कोर्ट ने न्यायमित्र भादु के प्रयासों की सराहना की.

कोर्ट में एएजी पंकज शर्मा ने पिछली सुनवाई पर प्रभारी अधिकारी का अतिरिक्त हलफनामा दायर कर बताया कि खतरे को रोकने और नियंत्रित करने के लिए एनडीपीएस अधिनियम के तहत गतिविधियों को निर्धारित करते हुए एक एसओपी बनाई गई है. एडीजी पुलिस अपराध ने सभी पुलिस उपायुक्तों जोधपुर, जयपुर एवं राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि इसकी पालना की जाए.

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प्रस्ताव है कि एक विशेष सेल जिसमें एक सब इंस्पेक्टर, दो हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल शामिल हों को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के सुपरविजन में प्रत्येक थाने में तैनात किया जाए. इसके अलावा भी एनडीपीएस के नियमों के तहत सख्त कार्रवाई के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं ताकि युवा पीढ़ी को नशे से बचाया जा सके. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्देश दिए की एसओपी की अक्षरशः पालना की जाए इसके साथ ही याचिका निस्तारित कर दी.

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