जोधपुर. लॉकडाउन की पालना नहीं करने और संक्रमण फैलाने के लिए समूह के रूप में एकत्र होने के आरोप में कई लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाया गया था. इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगाते हुए क्रियान्वयन पर रोक लगाकर करीब 24 याचिकाकर्ताओं को राहत दी है.
बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस विजय विश्नोई की अदालत में याचिकाकर्ता दिनेश सिंह और अन्य की ओर से अधिवक्ता विक्रम सिंह राजपुरोहित ने एफआईआर को चुनौती दी. इसके साथ ही एफआईआर को निरस्त करने की याचिका पेश की.
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याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता दिनेश सिंह और अन्य 23 लोगों के खिलाफ जालोर के भोजासर थाने में बीते 23 मार्च 2020 को एफआईआर संख्या 33/2020 दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप है कि नौरवा पुरोहितान में लीला राजपुरोहित और उम्मेद सिंह ने जालोर पुलिस अधीक्षक को शिकायत भेजी थी, जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता और अन्य लोग राज्य से बाहर कार्य करने वाले प्रवासी है और इन दिनो गांव में आए हुए है.
साथ ही बताया गया है कि ना ही इन लोगों की मेडिकल जांच हुई है और ना ही ये लोग नियमों की पालना कर रहे है. सरकार के आदेश के बावजूद एक साथ समूह बनाकर खड़े है. इसकी शिकायत मिलने पर भोजासर थानाधिकारी गीताकुमारी जाप्ते के साथ मौके पर पहुंची और लॉकडाउन के नियमों की पालना के लिए निर्देश दिए. इसके साथ ही इन लोगों पर पुलिस के साथ मारपीट करने का भी आरोप है. इस बीच पुलिस के निर्देशों की पालना नहीं होने पर पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ धारा 188, 269, 270, 332, 353, 147 और 149 में मुकदमा दर्ज किया है.
राजस्थान हाईकोर्ट ने एफआईआर निरस्त कराने की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह में जवाब तलब किया गया है. तब तक एफआईआर के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक लगाते हुए याचिकाकर्ताओ को राहत दी गई है.