ETV Bharat / city

Rajasthan High Court : पुलिस अधीक्षक बाड़मेर सहित चार अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश पर रोक

राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर (Rajasthan High Court) मुख्यपीठ के जस्टिस दिनेश मेहता ने बुधवार को एक मामले की सुनवाई की. जहां कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक बाड़मेर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बाड़मेर, उप अधीक्षक चौहटन एवं थानाधिकारी पुलिस थाना रामसर के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने के आदेश पर रोक लगा दी है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट
author img

By

Published : Apr 27, 2022, 10:59 PM IST

जोधपुर. पुलिस अधीक्षक बाड़मेर सहित चार अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. परिवादी राऊ राम ने विशिष्ट न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट बाड़मेर के यहां पर एक परिवाद धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत उपरोक्त सभी अधिकारियों के विरुद्ध धारा 166, 166A,167, 174, भारतीय दंड संहिता व धारा 4 अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में प्रस्तुत किया. परिवाद पर विशिष्ट न्यायाधीश ने अपने आदेश 4 अप्रैल 2022 को परिवाद को पुलिस थाना रेडाणा रामसर को प्रेषित कर प्रकरण दर्ज करने के बाद अनुसंधान नतीजा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

पढ़े: रिश्वत में अस्मत मांगने का मामला: बर्खास्त डीएसपी कैलाश बोहरा ने पीड़िता पर लगाए आरोप, कोर्ट ने कहा-जेल अधीक्षक करें कार्रवाई

बाड़मेर एसपी सहित प्रार्थी गण पुलिस अधिकारियों की ओर से उपरोक्त आदेश के विरुद्ध एक आपराधिक विविध याचिका अधिवक्ता दिलीप सिंह उदावत ने प्रस्तुत की. इस याचिका में बहस करते हुए अधिवक्ता ने बताया कि परिवादी ने पूर्व में इसी न्यायालय के समक्ष एक परिवाद प्रार्थी गण के साथ 13 अन्य आरोपी को मुलजिम बनाते हुए प्रस्तुत किया. इस पर विशिष्ट न्यायाधीश ने परिवाद का अवलोकन करने व सुनने के बाद प्रार्थी को छोड़कर शेष अन्य 13 अभियुक्त गणों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के बाद अनुसंधान नतीजा पेश करने का आदेश पारित किया.

इस आदेश के बाद परिवादी की ओर से उन्हीं तथ्यों पर दोबारा (Superintendent of Police Barmer) परिवाद पेश किया गया तथा उसे न्यायालय की ओर से 156 (3) में प्रेषित किया गया. वह विधि सम्मत नहीं है. हाईकोर्ट ने एससी एसटी कोर्ट बाडमेर के आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर परिवादी से जवाब-तलब किया है.

जोधपुर. पुलिस अधीक्षक बाड़मेर सहित चार अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. परिवादी राऊ राम ने विशिष्ट न्यायाधीश एससी एसटी कोर्ट बाड़मेर के यहां पर एक परिवाद धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत उपरोक्त सभी अधिकारियों के विरुद्ध धारा 166, 166A,167, 174, भारतीय दंड संहिता व धारा 4 अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में प्रस्तुत किया. परिवाद पर विशिष्ट न्यायाधीश ने अपने आदेश 4 अप्रैल 2022 को परिवाद को पुलिस थाना रेडाणा रामसर को प्रेषित कर प्रकरण दर्ज करने के बाद अनुसंधान नतीजा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

पढ़े: रिश्वत में अस्मत मांगने का मामला: बर्खास्त डीएसपी कैलाश बोहरा ने पीड़िता पर लगाए आरोप, कोर्ट ने कहा-जेल अधीक्षक करें कार्रवाई

बाड़मेर एसपी सहित प्रार्थी गण पुलिस अधिकारियों की ओर से उपरोक्त आदेश के विरुद्ध एक आपराधिक विविध याचिका अधिवक्ता दिलीप सिंह उदावत ने प्रस्तुत की. इस याचिका में बहस करते हुए अधिवक्ता ने बताया कि परिवादी ने पूर्व में इसी न्यायालय के समक्ष एक परिवाद प्रार्थी गण के साथ 13 अन्य आरोपी को मुलजिम बनाते हुए प्रस्तुत किया. इस पर विशिष्ट न्यायाधीश ने परिवाद का अवलोकन करने व सुनने के बाद प्रार्थी को छोड़कर शेष अन्य 13 अभियुक्त गणों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के बाद अनुसंधान नतीजा पेश करने का आदेश पारित किया.

इस आदेश के बाद परिवादी की ओर से उन्हीं तथ्यों पर दोबारा (Superintendent of Police Barmer) परिवाद पेश किया गया तथा उसे न्यायालय की ओर से 156 (3) में प्रेषित किया गया. वह विधि सम्मत नहीं है. हाईकोर्ट ने एससी एसटी कोर्ट बाडमेर के आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर परिवादी से जवाब-तलब किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.