जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने राज्य सरकार को गौशालाओं के रखरखाव संबंधी निर्देश (Rajasthan HC On Gaushalas) दिए हैं. स्पष्ट कहा है कि गाय उपकर की प्राप्त राशि में से प्रदेश की गौशालाओं को वित्तीय सहायता के रूप में तत्काल राशि प्रदान की जाए ताकि वर्तमान में गंभीर सूखे की स्थिति में अमूल्य गोवंश को बचाया जा सके. इसके साथ ही सूखाग्रस्त कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वो अपने जिले में जहां 100 से अधिक गोवंश है वहां दो दिन में एक टैंकर प्रत्येक गौशाला में भेजना सुनिश्चित करें.
वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ में गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित के जरिए याचिका पेश की गई. अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि वर्तमान में प्रदेश में सूखे की स्थिति हो रही है. गौशालाओं में मवेशियों के लिए घास,चारा और पानी की पर्याप्त सुविधा नहीं है. गौशालाओं को पड़ोस के राज्यों से पशुओ के लिए चारा खरीदना पड़ रहा है. वो भी 30-40 रूपये महंगे दामों पर जो कि उचित गुणवत्ता का नही है. गौशालाओं को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.
याचिका में बताया गया कि राजस्थान गौ-संरक्षण एवं प्रवर्धन के नियम 10(1) एवं 11फंड नियम, 2016 के अनुसार गाय उपकर राशि प्राप्त कर रही है जिसमें से अनुदान राशि देने का तत्काल आदेश प्रदान किया जाए.अधिवक्ता ने कहा कि विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में सरकार ने स्वीकार किया कि पिछले तीन सालों में गाय उपकर के रूप में 2,176 करोड़ 5 लाख 46 हजार रुपए की राशि प्राप्त की है.
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याचिका के जरिए प्रार्थना कि गई है कि नियमानुसार सरकार को तत्काल 10 प्रतिशत राशि जारी करने का निर्देश दिया (10 Percent Of Grant For Gaushalas ) जाए ताकि गंभीर स्थिति में लाखों मवेशियों को बचाया जा सके. इसमें राज्य के कई जिलो में सूखे की स्थिति का भी हवाला दिया गया है. एएजी अनिल गौड़ ने निवेदन किया है कि नियमों के तहत ही उसके उपयोग के लिए निर्देश दिए जाएं साथ ही उन्होंने स्वीकार किया कि जो राशि बताई गई है वो प्राप्त हुई है. कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि (Court Directs State Government on Cow Shelters) वर्तमान में गंभीर हालात को देखते हुए गाय उपकर की राशि का उचित उपयोग लाया जाना चाहिए ताकि अमूल्य पशु और गौशालाओं को बचाया जा सके. उन्होंने सरकार को निर्देश दिया कि तत्काल गाय उपकर राशि का उपयोग करते हुए सात दिन में गौशालाओं को वित्तीय सहायता दी जाए.