जोधपुर. गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार (Gehlot Cabinet Expansion) के बाद ऐसा माना जा रहा था कि राजस्थान की राजनीति में सबकुछ सही हो जाएगा. लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि इसके लिए पद के साथ दिल और दिमाग का मेल खाना भी जरूरी है. जोधपुर में शुक्रवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला.
दरअसल, शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी (Cabinet Minister Hemaram Choudhary) पहली बार जोधपुर आए तो उनसे मिलने स्थानीय संगठन का कोई नेता नहीं पहुंचा. इतना ही नहीं, सर्किट हाउस में हेमाराम चौधरी ठहरे हुए थे तो आगे वीआईपी सूट में खुद वैभव गहलोत.
वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) सर्किट हाउस आए और उनके साथ उनके कार्यकर्ता, जोधपुर के स्थानीय विधायक और संगठन के लोग भी मौजूद रहे. इतना ही नहीं, प्रदेश संगठन के लोग भी साथ में थे, लेकिन कोई भी हेमाराम चौधरी (Minister Hemaram Choudhary) से शिष्टाचार के नाते मुलाकात करने नहीं पहुंचा. वैभव गहलोत का सर्किट हाउस में होते हुए भी हेमाराम चौधरी से नहीं मिलना (Vaibhav Gehlot did not meet minister Hemaram Choudhary) चर्चा का विषय बन गया.
इसकी वजह यह भी है कि आज पीसीसी के उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी की माता जी का निधन हुआ है. वहां जाकर वैभव गहलोत ने श्रद्धांजलि दी, लेकिन कैबिनेट मंत्री से नहीं मिले. उनके साथ-साथ अन्य कोई नेता और विधायक-कार्यकर्ता हेमाराम से मिलने नहीं गया. कुछ देर बाद सभी कार्यकर्ता और नेता वैभव गहलोत को छोड़ने के लिए एयरपोर्ट रवाना हो गए. चौधरी का स्वागत करने आए कार्यकर्ताओं में चर्चा हुई कि हेमाराम चौधरी सीनियर नेता हैं. ऐसे में वैभव गहलोत का दायित्व बनता था कि उनसे आकर शिष्टाचार भेंट करें.