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हाईकोर्ट खबर : दुलर्भ बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रोफी के लिए जनहित याचिका...16 करोड़ तक आता है इलाज में खर्च - Rare disease muscular dystrophy

दुलर्भ बिमारी मस्कुलर डिस्ट्रोफी के पीड़ित व्यक्तियों को बुनियादी चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया गया है.

Rare disease muscular dystrophy
मस्कुलर डिस्ट्रोफी के लिए जनहित याचिका
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Published : Apr 16, 2021, 10:50 PM IST

जोधपुर. दुलर्भ बिमारी मस्कुलर डिस्ट्रोफी के पीडित व्यक्तियों को बुनियादी चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया गया है.

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ में स्वावलम्बन फाउंडेशन के अध्यक्ष वैभव भंडारी की ओर से पेश जनहित याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता डॉ सचिन आचार्य और प्रमिला आचार्य ने जनहित याचिका पेश करते हुए बताया कि मस्कुलर डिस्ट्रोफी एक दुलर्भ बीमारी है. जिसके पीडित व्यक्ति की उपचार की संभावित लागत करीब 16 करोड रूपये है.

पढ़ें- Exclusive: राजस्थान पुलिस का गौरवमयी इतिहास रहा है, उसे ध्यान में रखते हुए आगे भी काम किया जाएगा: DGP

उन्होंने याचिका में अनुरोध किया कि जिला स्तर पर मस्कुलर डिस्ट्रोफी से पीडित व्यक्तियों को सबसे बुनियादी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाए प्रदान की जाये. वहीं पीडित रोगियों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक सिस्टम बनाया जाये और पर्याप्त धन की उपलब्ध करवाया जाये. राज्य के साथ साथ जिला स्तर पर एक अलग नोडल निकाय का निर्माण जो न केवल निगरानी कर सकता है बल्कि बीमारी से पीडित रोगियों के उपचार व पुनर्वास मे भी सहायता कर सकता है.

इस तरह के रोग के रोगियों को जीवन के बुनियादी प्रावधानो जैसे की पौष्टिक भोजन,फिजियोथेरेपी,स्वचालित व्हीलचेयर,नर्स सुविधाए दी जाये. इन सभी अनुरोध के साथ दायर जनहित याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व सामाजिक न्याय विभाग के साथ राज्य सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जोधपुर. दुलर्भ बिमारी मस्कुलर डिस्ट्रोफी के पीडित व्यक्तियों को बुनियादी चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को केन्द्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया गया है.

मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत मोहंती और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ में स्वावलम्बन फाउंडेशन के अध्यक्ष वैभव भंडारी की ओर से पेश जनहित याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता डॉ सचिन आचार्य और प्रमिला आचार्य ने जनहित याचिका पेश करते हुए बताया कि मस्कुलर डिस्ट्रोफी एक दुलर्भ बीमारी है. जिसके पीडित व्यक्ति की उपचार की संभावित लागत करीब 16 करोड रूपये है.

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उन्होंने याचिका में अनुरोध किया कि जिला स्तर पर मस्कुलर डिस्ट्रोफी से पीडित व्यक्तियों को सबसे बुनियादी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाए प्रदान की जाये. वहीं पीडित रोगियों की चिंताओं को दूर करने के लिए एक सिस्टम बनाया जाये और पर्याप्त धन की उपलब्ध करवाया जाये. राज्य के साथ साथ जिला स्तर पर एक अलग नोडल निकाय का निर्माण जो न केवल निगरानी कर सकता है बल्कि बीमारी से पीडित रोगियों के उपचार व पुनर्वास मे भी सहायता कर सकता है.

इस तरह के रोग के रोगियों को जीवन के बुनियादी प्रावधानो जैसे की पौष्टिक भोजन,फिजियोथेरेपी,स्वचालित व्हीलचेयर,नर्स सुविधाए दी जाये. इन सभी अनुरोध के साथ दायर जनहित याचिका पर प्रारम्भिक सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व सामाजिक न्याय विभाग के साथ राज्य सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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