जोधपुर. कोरोना संक्रमण के बाद से कोचिंग संस्थान बंद हैं. पिछले 9 महीनों से अपने कोचिंग संस्थान पर ताला लगाकर घर पर खाली हाथ बैठे कोचिंग संस्थानों के टीचर आर्थिक तंगी से काफी परेशान चल रहे हैं. प्राइवेट कोचिंग सेंटर में पढ़ाने वाले टीचरों की संख्या बहुत ज्यादा है. इनकी मांग है कि सरकार लगातार सभी तरह के कार्यों के लिए गाइडलाइन जारी कर रही है लेकिन कोचिंग को लेकर अभी तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की.
प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स में पढ़ाने वाले टीचरों की मांग है कि सरकार उनके लिए भी कोरोना गाइडलाइन जारी करें और कोचिंग खोलने की अनुमति दे. टीचरों का कहना है कि वो सरकार की गाइडलाइन का पालन करेंगे. टीचरों की आर्थिक हालात लगातार बिगड़ती जा रही है.
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जोधपुर कोचिंग एसोसिएशन के संजय जैन ने बताया कि सरकार ने अगर जल्द कोचिंगों को फिर से खोलने का फैसला नहीं किया तो कोरोना से तो मरेंगे या नहीं ये तो पता नहीं लेकिन आर्थिक हालातों के चलते जरूर मर जाएंगे. प्राइवेट टीचरों ने अपनी परेशानी सरकार तक पहुंचाने के लिए एसोसिएशन के सदस्यों के साथ जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में बताया गया है कि जोधपुर में 250 से 300 कोचिंग संस्थान चलते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में टीचर पढ़ाते हैं. अगर सरकार जल्द से जल्द इस दिशा में कदम उठाती है तो हजारों परिवारों के लिए राहत पहुंचेगी.