जोधपुर. शिक्षा बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों और शिक्षकों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शन करते हुए निजी स्कूल संचालकों और शिक्षकों ने हाल ही में प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा जारी किए गए आदेश को एक सप्ताह के अंदर वापस लेने की मांग की. इसके बाद जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद हालातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने स्कूलों को आर्थिक पैकेज जारी करने की भी मांग की. स्कूल संचालकों और शिक्षकों का आरोप है कि हाईकोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद भी प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने मनमर्जी किए. इसके साथ ही अदालती आदेशों की अवहेलना करते हुए आदेश जारी किया. जबकि अप्रैल माह से लगातार निजी स्कूल संचालक और शिक्षक ऑनलाइन कक्षा लगा रहे हैं. ऐसे में फीस जमा नहीं होने के कारण स्कूल संचालकों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है. जिससे उनका स्कूलों में तैनात शिक्षकों का वेतन देना भी मुश्किल हो गया है.
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स्कूल संचालको ने बताया कि आर्थिक संकट के चलते प्रदेश में चार संचालकों ने आत्महत्या कर ली, लेकिन सरकार के पास कोई शब्द नहीं है. प्रदेश सरकार और शिक्षा मंत्री पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार शिक्षकों की पीड़ा को नहीं समझ रही है. संचालकों ने आरटीई के तहत बकाया स्कूलों का फंड जो कि उनका अधिकार है, जल्द जारी करने की भी मांग रखी.
साथ ही चेतावनी दी कि अगर समय रहते सरकार ने निजी स्कूल संचालकों और शिक्षकों की समस्या को ध्यान में रखते हुए उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया. तो आने वाले दिनों में प्रदेश भर के निजी स्कूल संचालक, शिक्षक और स्कूलों से जुड़े करीब 11 लाख कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे. इतना ही नहीं सरकार के खिलाफ एक बड़ा जन आंदोलन करेंगे. जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.