जोधपुर. प्रदेश के दूसरे बड़े महानगर जोधपुर को खुले में शौच से मुक्त घोषित किए हुए लंबा समय हो गया है, लेकिन जोधपुर शहर में मुख्यमंत्री के विधानसभा सरदारपुरा क्षेत्र में स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में शौचालय नहीं होने से यहां के बच्चे खुले में ही शौच करते हैं.
अचरज की बात तो यह है कि पांचवी कक्षा तक का यह विद्यालय एक बड़े कमरे में संचालित किया जाता है. जिसमें पांचों कक्षाएं लगती है, दो अध्यापिका यहां कार्यरत है जो बच्चों को अलग-अलग दिशा में मुंह करके पढ़ाती है और बारी-बारी उनके ब्लैक बोर्ड पर होमवर्क डालती है.
एक कमरे में चलने वाले विद्यालय में छोटा सा किचन भी बनाया गया है. जहां बच्चों के लिए दूध गर्म किया जाता है. विद्यालय की प्रभारी रीना जोशी ने बताया कि एक ही जगह पर सभी क्लास के बच्चे बैठते हैं, तो परेशानी होती है. अगर हम दोनों अध्यापिका ने एक साथ पढ़ाती हैं, तो आवाजें टकराती है. हम कोशिश करते हैं कि आपसी तालमेल रखकर बच्चों को पढ़ाएं.
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उन्होंने बताया कि इस स्कूल में शौचालय भी नहीं है. वर्तमान में विद्यालय का नामांकन 35 से 40 बच्चों का है. जिसमें कुछ बच्चियां भी है. रीना जोशी कहती है कि पूर्व में हम खुद भी लोगों के घरों में जाकर शौच करते थे, लेकिन अब वहां भी मनाही आ गई है. शौचालय नहीं होने से छात्र-छात्राएं खुले में शौच करते हैं. इसको लेकर कई बार पत्र भी लिखे है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई.