जोधपुर. पिछले करीब 6 माह से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत किसान संगठनों ने मंगलवार को भारतीय किसान संघ की अगुवाई में जोधपुर जिला प्रशासन को ज्ञापन देने की घोषणा की थी. इसके तहत जिले के कई इलाकों से किसानों के दल जोधपुर के लिए निकले थे, लेकिन हर जगह पर नाकाबंदी कर उन्हें रोक दिया गया.
जोधपुर शहर में भी दईजर के पास पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों ने नाकाबंदी कर किसानों को प्रवेश नहीं करने दिया. जिले के किसानों ने मंगलवार को विद्युत, समर्थन मूल्य खरीद, सहकारी ऋण सहित विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ के बैनर तले राज्यव्यापी आंदोलन के तहत जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम लिखा 21 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन देने की घोषणा की थी. जिसके तहत जिले के तिंवरी सहित अन्य इलाकों से किसान जोधपुर के लिए रवाना हुए.
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किसान संघ के जिला कार्यकारिणी सदस्य मगराज छंगाणी ने बताया कि कोरोना गाइडलाइंस के तहत किसान ट्रैक्टर या निजी वाहन से जिला मुख्यालय जा रहे थे. उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर पर एक या दो किसान ही बैठे थे. इसके बावजूद किसानों को रोका गया, जबकि जिले में विधायक अपने जन्मदिन पर सैकड़ों की संख्या में लोगों को एकत्र कर लेते हैं. उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है. वहीं, पुलिस का कहना है कि कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए किसानों को रोका गया है, लेकिन उनके जिला अध्यक्ष सहित प्रतिनिधिमंडल को कलेक्टर से मिलने की अनुमति दी गई है.
ये हैं किसानों की मांगें...
आगामी 6 माह के किसानों के कृषि व घरेलू विद्युत बिल माफ हों. कृषि विद्युत बिलों में दिया जाने वाला 833 रुपये प्रतिमाह का विद्युत अनुदान पुनः शुरू करें और विद्युत बिलों में लगने वाला एलपीएस खत्म किया जाए. साथ ही बकाया बिलों की वसूली बंद कर कृषि कनेक्शन काटने पर रोक लगाई जाए. इसके अतिरिक्त भी किसानों की अन्य मांगे भी हैं.