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1 करोड़ की लागत से सर्वजातीय मोक्ष धाम धूल फांक रहा, 8 माह बीत चुका अब तक नहीं मिली अनुमति

जोधपुर शहर का पहला सर्वजातीय मोक्ष धाम करीब 1 करोड़ की लागत से बनकर तैयार है. लेकिन इसका उपयोग शुरू नहीं हो पा रहा है, क्योंकि राज्य सरकार इसके लिए नगर निगम को अनुमति नहीं दे रही है.

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Published : Nov 21, 2019, 10:27 AM IST

जोधपुर. शहर का पहला सर्वजातीय मोक्ष धाम बनकर तैयार है, लेकिन इसका उपयोग शुरू नहीं किया गया है. बता दें कि 8 माह से बनकर तैयार इस मोक्ष धाम को शुरू करवाने के लिए महापौर तीन बार सरकार को पत्र लिख चुके हैं. साथ ही मुख्यमंत्री को भी व्यक्तिगत रूप से मिल कर बता चुके हैं कि सर्व जातीय मोक्ष धाम को शुरू करने की अनुमति प्रदान करें, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई भी जवाब नहीं मिल रहा है.

जोधपुर वासियों को नहीं मिल रही सर्वजातीय मोक्षधाम को शुरू करने की अनुमति

दरअसल, जोधपुर शहर में रियासत काल से ही कई जातियों के लिए अलग-अलग मोक्ष धाम की व्यवस्था की गई थी, जो आज भी कायम है. लेकिन समय के साथ जोधपुर शहर में कुछ ऐसी जातियां भी आकर निवास करने लगी, जिनके मोक्ष धाम नहीं है. ऐसे में सर्व जातीय मोक्ष धाम की आवश्यकता महसूस होने पर नगर निगम जोधपुर ने तत्कालीन सरकार के सहयोग से पहला मोक्ष धाम वार्ड 2 में बनवाया.

इसी तर्ज पर तीन और मोक्ष धाम शहर के अन्य इलाकों में बनने थे, लेकिन पहले मोक्ष धाम के निर्माण कार्य पूर्ण होने के बावजूद प्रदेश में नई सरकार आने पर इसे शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई. इसके चलते अन्य तीन सर्व जातीय मोक्ष धाम का काम भी शुरू नहीं हो पाया है.

महापौर घनश्याम ओझा का कहना है कि क्योंकि राज्य सरकार का फंड इस कार्य में लगा है, ऐसे में सरकार की अनुमति लेनी होती है. इसको लेकर वे मुख्यमंत्री जी को व्यक्तिगत रूप से भी कह चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई अनुमति प्राप्त नहीं हुई.

यह भी पढे़ं : किसी भी कानून के तहत Rooftop Restaurants को नहीं किया जा सकता वैध करार : DLB निदेशक

उन्होंने कहा कि हम चाहते तो खुद अपने स्तर पर भी इसे शुरू कर सकते थे लेकिन हम गरिमा बनाए रखना चाहते हैं. इसके चलते अनुमति का इंतजार कर रहे हैं. मालूम हो कि जोधपुर नगर निगम के महापौर का कार्यकाल 25 नवंबर को समाप्त हो जाएगा और इस बार नगर निगम के चुनाव टाल दिए गए हैं. ऐसे में यहां अब प्रशासक की नियुक्ति होगी.

जोधपुर. शहर का पहला सर्वजातीय मोक्ष धाम बनकर तैयार है, लेकिन इसका उपयोग शुरू नहीं किया गया है. बता दें कि 8 माह से बनकर तैयार इस मोक्ष धाम को शुरू करवाने के लिए महापौर तीन बार सरकार को पत्र लिख चुके हैं. साथ ही मुख्यमंत्री को भी व्यक्तिगत रूप से मिल कर बता चुके हैं कि सर्व जातीय मोक्ष धाम को शुरू करने की अनुमति प्रदान करें, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई भी जवाब नहीं मिल रहा है.

जोधपुर वासियों को नहीं मिल रही सर्वजातीय मोक्षधाम को शुरू करने की अनुमति

दरअसल, जोधपुर शहर में रियासत काल से ही कई जातियों के लिए अलग-अलग मोक्ष धाम की व्यवस्था की गई थी, जो आज भी कायम है. लेकिन समय के साथ जोधपुर शहर में कुछ ऐसी जातियां भी आकर निवास करने लगी, जिनके मोक्ष धाम नहीं है. ऐसे में सर्व जातीय मोक्ष धाम की आवश्यकता महसूस होने पर नगर निगम जोधपुर ने तत्कालीन सरकार के सहयोग से पहला मोक्ष धाम वार्ड 2 में बनवाया.

इसी तर्ज पर तीन और मोक्ष धाम शहर के अन्य इलाकों में बनने थे, लेकिन पहले मोक्ष धाम के निर्माण कार्य पूर्ण होने के बावजूद प्रदेश में नई सरकार आने पर इसे शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई. इसके चलते अन्य तीन सर्व जातीय मोक्ष धाम का काम भी शुरू नहीं हो पाया है.

महापौर घनश्याम ओझा का कहना है कि क्योंकि राज्य सरकार का फंड इस कार्य में लगा है, ऐसे में सरकार की अनुमति लेनी होती है. इसको लेकर वे मुख्यमंत्री जी को व्यक्तिगत रूप से भी कह चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई अनुमति प्राप्त नहीं हुई.

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उन्होंने कहा कि हम चाहते तो खुद अपने स्तर पर भी इसे शुरू कर सकते थे लेकिन हम गरिमा बनाए रखना चाहते हैं. इसके चलते अनुमति का इंतजार कर रहे हैं. मालूम हो कि जोधपुर नगर निगम के महापौर का कार्यकाल 25 नवंबर को समाप्त हो जाएगा और इस बार नगर निगम के चुनाव टाल दिए गए हैं. ऐसे में यहां अब प्रशासक की नियुक्ति होगी.

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Body:जोधपुर शहर का पहला सर्वजातीय मोक्ष धाम करीब एक करोड़ की लागत से बनकर तैयार है लेकिन इसका उपयोग शुरू नहीं हो पा रहा है क्योंकि राज्य सरकार इसके लिए नगर निगम को अनुमति नहीं दे रही है खास बात यह है कि 8 माह से बनकर तैयार इस मोक्ष धाम को शुरू करवाने के लिए महापौर तीन बार सरकार को पत्र लिख चुके हैं इतना ही नहीं मुख्यमंत्री को भी व्यक्तिगत रूप से भी मिल कर बता चुके हैं कि सर्व जातीय मोक्ष धाम को शुरू करने के लिए अनुमति प्रदान करें लेकिन अभी तक कोई जवाब सरकार की ओर से नहीं मिल रहा है। दरअसल जोधपुर शहर में रियासत काल से ही कई जातियों के लिए अलग-अलग मोक्ष धाम की व्यवस्था की गई थी जो आज भी कायम है लेकिन समय के साथ जोधपुर शहर में कुछ ऐसी जातियां भी आकर निवास करने लगी जिनके मोक्ष धाम नहीं है ऐसे में सर्व जाती है मोक्ष धाम की आवश्यकता महसूस होने पर नगर निगम जोधपुर ने तत्कालीन सरकार के सहयोग से पहला मोक्ष धाम वार्ड नंबर 2 में बनवाया इसी तर्ज पर तीन और मोक्ष धाम शहर के अन्य इलाकों में बनने थे लेकिन पहले मोक्ष धाम के निर्माण कार्य पूर्ण होने के बावजूद प्रदेश में नई सरकार आने पर इसे शुरू करने की अनुमति नहीं दी गई। इसके चलते अन्य तीन सर्व जाति मोक्ष धाम का काम भी शुरू नहीं हो पाया। महापौर घनश्याम ओझा का कहना है कि क्योंकि राज्य सरकार का फंड इस कार्य में लगा है ऐसे में सरकार की अनुमति लेनी होती है इसको लेकर वे मुख्यमंत्री जी को व्यक्तिगत रूप से भी कह चुके हैं लेकिन अभी तक कोई अनुमति प्राप्त नहीं हुई माप और यह भी कहते हैं कि हम चाहते तो खुद अपने स्तर पर भी इसे शुरू कर सकते थे लेकिन हम गरिमा बनाए रखना चाहते हैं इसके चलते अनुमति का इंतजार कर रहे हैं। ज्ञात रहे जोधपुर नगर निगम के महापौर का कार्यकाल 25 नवंबर को समाप्त हो जाएगा और इस बार नगर निगम के चुनाव टाल दिए गए हैं। ऐसे में यहां अब प्रशासक की नियुक्ति होगी।
बाईट घनश्यान ओझा, महापोर जोधपुर नगर निगम


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