जोधपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर कोरोना का अंधकार मिटाने के लिए जोधपुर शहर के लोगों ने रविवार रात ठीक 9 बजे अपने घरों की लाइटे बंद कर दी और दीपक, मोमबत्ती और मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर कोरोना से लड़ने के लिए अपनी जीवटता का परिचय दिया.
एक ओर जहां पूरे शहर में लोगों ने प्रधानमंत्री के आह्वान को गति दी तो वहीं दूसरी ओर शहर से दूर पाक विस्थापित हिंदुओं की ऐसी बस्ती जो प्रतिदिन की आधारभूत सुविधाओं से भी वंचित है.
ऐले में उन्होंने भी प्रधानमंत्री के इस आह्वान का भरपूर समर्थन करते हुए अपनी झोपड़ियों वह घरों में दीया जलाकर और कोरोना से लड़ने के लिए अपना दृढ़ संकल्प दर्शाया. पाक विस्थापित हिंदुओं से जुड़े भागचंद भील ने बताया कि आज पूरा देश कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है.
ऐसे में हम विस्थापित हिंदुओं का भी कर्तव्य बनता है कि देश के साथ अपना कंधे से कंधा मिलाएं. उन्होंने कहा कि अभी बहुत सारे लोगों को भारत की नागरिकता मिलना बाकी है, लेकिन वह अपने आप को इस देश का नागरिक समझकर ही प्रधानमंत्री के आह्वान का समर्थन कर रहे हैं.
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उन्हें उम्मीद है कि उनके बचे हुए लोगो को भी जल्द नागरिकता मिलेगी. गौरतलब है कि जोधपुर शहर में 8 से 10 हजार पाकिस्तानी हिंदू रह रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में लोगों को अपनी नागरिकता का इंतजार है. देश में इनके नागरिकता देने का कानून पास हो चुका है लेकिन राजस्थान में यह भी लागू नहीं हुआ है.