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जोधपुरः हेरिटेज भवन से उच्च न्यायालय का नाम हटाने का विरोध, 2019 तक संचालित हुआ था हाईकोर्ट

जोधपुर के जिस पुराने भवन में हाईकोर्ट का संचालन हो रहा था अब उस भवन को हेरिटेज बिल्डिंग का दर्जा दे दिया गया है. वहीं, अब इस भवन और परिसर के मुख्य द्वार से उच्च न्यायालय की नाम पट्टिका हटाने का काम शुरू हो गया है. इस मामले में सीनियर एडवोकेट नीलकमल बोराणा ने जिला कलेक्टर और पुलिस को पत्र लिखकर इसे तुरंत से रोकने की मांग की है.

जोधपुर हेरिटेज भवन, jodhpur heritage building
हेरिटेज भवन
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Published : Aug 20, 2020, 10:20 AM IST

जोधपुर. हाईकोर्ट के पुराने भवन को हेरिटेज बिल्डिंग का दर्जा दिया गया है. साथ ही यहां से हाईकोर्ट झालामंड बनाए गए नए भवन में पिछले साल शिफ्ट हो गया था. अब हाल ही में इस भवन और परिसर के मुख्य द्वार से उच्च न्यायालय की नाम पट्टिका हटाने का काम शुरू हुआ है. इसको लेकर विरोध भी प्रारंभ हो गया है.

हेरिटेज भवन से उच्च न्यायालय नाम हटाने का विरोध

सीनियर एडवोकेट नीलकमल बोराणा ने जिला कलेक्टर और पुलिस को पत्र लिखकर हेरीटेज बिल्डिंग के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए इसे तुरंत से रोकने की मांग की है. बोराणा ने बताया कि इस परिसर में 1935 में यह भवन बना था और यहां न्यायिक कार्य प्रराम्भ हुए थे. साल 1949 से 2019 तक हाईकोर्ट चला. अब हाईकोर्ट झालामंड में स्थानांतरित हुआ है. ऐसे में इस हेरिटेज भवन पर लिखे गए नाम को हटाना उचित नहीं है. इससे हेरिटेज बिल्डिंग का लुक खराब होता है.

पढ़ेंः हत्या के बाद पति का शव काटकर नाले में फेंकने के मामले में पत्नी सहित सभी आरोपी 5 दिन के पुलिस रिमांड पर

बोराणा ने कहा कि वह इस मामले को लेकर जल्द ही हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर करेंगे. बोराणा की मांग है कि इस बिल्डिंग से नाम नहीं हटाना चाहिए. गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट का पुराने भवन में 70 साल तक संचालन हुआ था.

इसी भवन में लंबे समय तक पूर्ण हाइकोर्ट चला था. 70 के दशक में जयपुर पीठ अलग की गई थी. पिछले साल यहां से हाईकोर्ट झालामंड में शिफ्ट होने के बाद अब इस भवन को जिला न्यायालय को दे दिया गया है. जल्दी इसमें जिला न्यायालय से जुड़ी अदालतों का संचालन शुरू होगा.

जोधपुर. हाईकोर्ट के पुराने भवन को हेरिटेज बिल्डिंग का दर्जा दिया गया है. साथ ही यहां से हाईकोर्ट झालामंड बनाए गए नए भवन में पिछले साल शिफ्ट हो गया था. अब हाल ही में इस भवन और परिसर के मुख्य द्वार से उच्च न्यायालय की नाम पट्टिका हटाने का काम शुरू हुआ है. इसको लेकर विरोध भी प्रारंभ हो गया है.

हेरिटेज भवन से उच्च न्यायालय नाम हटाने का विरोध

सीनियर एडवोकेट नीलकमल बोराणा ने जिला कलेक्टर और पुलिस को पत्र लिखकर हेरीटेज बिल्डिंग के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए इसे तुरंत से रोकने की मांग की है. बोराणा ने बताया कि इस परिसर में 1935 में यह भवन बना था और यहां न्यायिक कार्य प्रराम्भ हुए थे. साल 1949 से 2019 तक हाईकोर्ट चला. अब हाईकोर्ट झालामंड में स्थानांतरित हुआ है. ऐसे में इस हेरिटेज भवन पर लिखे गए नाम को हटाना उचित नहीं है. इससे हेरिटेज बिल्डिंग का लुक खराब होता है.

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बोराणा ने कहा कि वह इस मामले को लेकर जल्द ही हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर करेंगे. बोराणा की मांग है कि इस बिल्डिंग से नाम नहीं हटाना चाहिए. गौरतलब है कि राजस्थान हाईकोर्ट का पुराने भवन में 70 साल तक संचालन हुआ था.

इसी भवन में लंबे समय तक पूर्ण हाइकोर्ट चला था. 70 के दशक में जयपुर पीठ अलग की गई थी. पिछले साल यहां से हाईकोर्ट झालामंड में शिफ्ट होने के बाद अब इस भवन को जिला न्यायालय को दे दिया गया है. जल्दी इसमें जिला न्यायालय से जुड़ी अदालतों का संचालन शुरू होगा.

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