कोटा. मेडिकल कॉलेज कोटा के एमबीएस अस्पताल में न्यूरो स्टोक यूनिट आईसीयू में लकवा पीड़ित महिला की आंख की पलक को चूहे के कुतर जाने का मामला सामने आया है. इस मामले में बुधवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला महिला से मिलने अस्पताल पहुंचे. उनके साथ कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा और लाडपुरा विधायक कल्पना देवी भी थीं. इस दौरान बिरला अस्पताल की व्यवस्थाओं से नाखुश (OM Birla not satisfied with MBS hospital arrangement) दिखे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंत्रियों को यहां पर आकर देखना चाहिए कि अस्पताल में क्या व्यवस्थाएं हैं.
लोकसभा स्पीकर पीड़ित मरीज से मिलकर वापस गलियारे से बाहर निकल रहे थे, तभी ओपीडी की पर्ची कटवाने के लिए कई सारी महिलाएं लाइनों में खड़ी थीं. इनमें से कई परिजनों ने लोकसभा स्पीकर से शिकायत कर दी कि वह घंटों से खड़े हुए हैं. इससे स्पीकर नाराज हो गए और उन्होंने एमबीएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना को व्यवस्थाएं सुधारने की हिदायत दी. इस दौरान स्पीकर ने कहा कि डेढ़ घंटे तक लोगों की पर्ची नहीं बनती है. इमरजेंसी के मरीज के साथ भी ऐसा होगा, तब उसे उपचार कब मिलेगा.
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बिरला ने यह भी कहा कि जांचें व दवा फ्री करने से कुछ नहीं होगा. अस्पताल की व्यवस्थाओं को दुरस्त करना होगा. उन्होंने भीड़ कंट्रोल के लिए काउंटर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. बिरला ने इस दौरान इमरजेंसी वार्ड के बाथरूम में भी जाकर जायजा लिया. उन्होंने अस्पताल में सीलन और टूटे हुए खिड़की दरवाजों को देखकर नाराजगी जताई. कई जगह पर टूटी हुई फाल सिलिंग पर भी नाखुश दिखे. उन्होंने कहा कि अस्पताल में बिजली जाने की समस्या हो या पेयजल, साफ-सफाई, बेडशीट और पूरा सिस्टम दुरुस्त होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर पैसे की कमी है, तो वे सांसद कोष व विधायक कोष से पैसा देंगे.
नहीं हो घटना की पुनरावृति, मरीजों का रखे पूरा ध्यान: बिरला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने आईसीयू वार्ड का दौरा किया है. यह पूरा मामला दुखद और पीड़ादायक है. संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में इस तरह से आईसीयू में चूहे महिला मरीज की आंख की पलक को काट दें, यह गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में साफ-सुथरे और हाइजेनिक वार्ड होने चाहिए. सभी मरीजों को स्वस्थ रखने के लिए यह जरूरी है. अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. मैंने प्रशासन को कहा है कि एक बार मंत्री भी यहां आकर अस्पताल को देखें. साथ ही उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया है कि इस तरह की घटना की पुनरावृति नहीं होनी चाहिए. साथ ही कहा कि महिला के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाए.
पांच सदस्यीय जांच कमेटी करेगी : इस मामले की जांच के लिए एमबी अस्पताल अधीक्षक डॉ नवीन सक्सेना ने तीन सदस्य कमेटी गठित की थी. इनको एक दिवस में ही इस पूरे मामले की जांच करके देनी थी, लेकिन अब कमेटी में 3 से बढ़ाकर 5 सदस्य कर दिए गए हैं. न्यूरोलॉजी के एचओडी डॉ दिलीप माहेश्वरी को कमेटी से हटा दिया है. उनकी जगह न्यूरोलॉजी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ भारत भूषण को शामिल किया गया है. इसके अलावा कमेटी के चेयरमैन के तौर पर सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. आरजी मीणा को शामिल किया है. साथ ही नर्सिंग अधीक्षक नवीन शर्मा को भी इसमें जोड़ दिया है.
धारीवाल ने जताई नाराजगी, सख्त कार्रवाई की हिदायत
दूसरी तरफ इस मामले में कोटा उत्तर विधायक और प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने इस संबंध में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना से बात की. साथ ही दोषी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की हिदायत दी है.