जोधपुर. जोधपुर के सरकारी स्कूल्स में शनिवार को नो बैग डे (No Bag Day In Rajasthan) यानी की बिना बस्ते के स्कूल की शुरुआत हो गई हालांकि आज शहर में प्रतियोगी परीक्षा होने से ज्यादातर बड़े स्कूल में अवकाश है लेकिन आठवीं तक के अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित हुए विद्यालय के स्टूडेंट्स ने आज इस अनोखे दिन का खूब आनंद लिया. ईटीवी भारत ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल का जायजा लिया. जहां बच्चों को राजस्थान और भाषा कौशल के बारे में बताया गया.
राजस्थान की भौगोलिक स्थिति, संपदा और जिले के बारे में बताया गया. इसके अलावा भाषा कौशल में अंग्रेजी से हिंदी ट्रांसलेशन, नए मीनिंग, संस्कृत से हिंदी आसान तरीकों से बताया गया. स्टूडेंट्स के साथ-साथ टीचर भी सरकार की इस पहल को काफी सकारात्मक मानते हैं उनका कहना है कि लगातार 6 दिन शिक्षण के बाद 1 दिन बिना किताबों के बातों-बातों और खेल-खेल में होने वाली पढ़ाई उनके मन और मस्तिष्क पर बहुत ज्यादा प्रभाव डालती है और यह काफी फायदेमंद साबित भी है.
बस्ते का बोझ कम करने की कवायद: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्कूल बैग का बोझ हल्का करने की गाइडलाइन जारी की है. जिसके अनुसार बच्चे के स्कूल बैग का बोझ उसके वजन के 10 फीसदी तक होना चाहिए. सप्ताह में एक दिन बिना बैग भी इसी कवायद का हिस्सा है. देश में राजस्थान से पहले मणिपुर, उत्तर प्रदेश भी सप्ताह में एक दिन नो बैग डे लागू कर चुका है.
2 साल बाद फिर बस्ता मुक्त हुए हम!: राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2020 में इसकी घोषणा की गई थी. जिसके अनुसार नए सत्र यानि से अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को शनिवार को बस्ता लेकर स्कूल नहीं जाना होगा इसलिए सभी सरकारी स्कूलों में शनिवार को 'नो बैग डे' मनाया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 फरवरी 2020 को बजट भाषण के दौरान शिक्षा विभाग से संबंधित घोषणाओं में हफ्ते में एक दिन शनिवार को सरकारी स्कूलों में बैग नहीं ले जाने व उस दिन कोई अध्यापन कार्य नहीं किए जाने संबंधी फैसले का एलान किया था. यही वजह है कि सत्र 2022-23 में सप्ताह में प्रत्येक शनिवार को बस्ता मुक्त दिवस मनाया जाएगा.