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प्रदूषण का मामला: NGT ने दिए स्थानीय निकायों एवं रिको को दो-दो करोड़ रुपए जमा करवाने के आदेश - NGT orders to deposit compensation for pollution

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने जोधपुर, पाली व बालोतरा में स्थित औद्योगिक इकाइयों की ओर से फैलाए जा रहे प्रदूषण के खिलाफ दायर याचिकाओं को निस्तारित करते हुए स्थानीय निकायों एवं रिको को दो-दो करोड़ रुपए की राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए जमा करवाने का आदेश दिया (National Green Tribunal orders in pollution by industrial units) है. इस राशि से पर्यावरण को पहुंचाए गए नुकसान को सुधारने के प्रयास किए जायेंगे.

National Green Tribunal orders in pollution by industrial units
स्थानीय निकायों एवं रिको को दो-दो करोड़ जमा करवाने के आदेश
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Published : Apr 2, 2022, 11:33 PM IST

जोधपुर. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) नई दिल्ली ने जोधपुर, पाली व बालोतरा में स्थित औद्योगिक इकाइयों की ओर से फैलाए जा रहे प्रदूषण के खिलाफ दायर याचिकाओं को निस्तारित करते हुए स्थानीय निकायों एवं रिको को दो-दो करोड़ रुपए की राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए जमा करवाने का आदेश (NGT orders to deposit compensation for pollution) दिया है. इस राशि से पर्यावरण को पहुंचाए गए नुकसान को सुधारने के प्रयास किए जाएंगे.

तीनो जिलों के कलेक्टर, केन्द्र व राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल व केन्द्रीय ग्राउंड वाटर ऑथरेटी की एक कमेटी गठित की गई है, जो दो माह में पर्यावरण सुधार के लिए कार्य योजना को अंतिम रूप देगी. एनजीटी के चैयरपर्सन आर्दश कुमार गोयल की अगुवाई वाली तीन सदस्य पीठ ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि लूणी, जोजरी व बांडी नदी में किसी भी तरह का प्रदूषित पानी नहीं छोड़ा जाएगा. यदि कोई औद्योगिक इकाई या संयंत्र पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन करते हुए पाया जाए, तो उससे क्षतिपूर्ति राशि वसूली जायेगी. ऐसी इकाइयों के खिलाफ कानूनी कारवाई करने एवं उनको सीज करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें: क्या राजस्थान का भिवाड़ी दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है ?

एनजीटी ने केन्द्रीय व राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, केन्द्रीय ग्राउंड वाटर ऑथरेटी व तीनों जिलों के कलेक्टर को सतत निगरानी करने के लिए भी कहा है. इसके साथ ही विस्तृत सर्वे के लिए भी कहा ताकि प्रदूषण फैलाने में लिप्त इकाईयों को सूचीबद्ध किया जा सके व कारवाई की जा सके. एनजीटी ने सेवानिवृत न्यायाधीश प्रकाश टाटिया की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने दो संस्करणों में अपनी रिपोर्ट अधिकरण को सौंपी थी. कमेटी की सिफारिशों को छह माह में लागू करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

जोधपुर. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) नई दिल्ली ने जोधपुर, पाली व बालोतरा में स्थित औद्योगिक इकाइयों की ओर से फैलाए जा रहे प्रदूषण के खिलाफ दायर याचिकाओं को निस्तारित करते हुए स्थानीय निकायों एवं रिको को दो-दो करोड़ रुपए की राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए जमा करवाने का आदेश (NGT orders to deposit compensation for pollution) दिया है. इस राशि से पर्यावरण को पहुंचाए गए नुकसान को सुधारने के प्रयास किए जाएंगे.

तीनो जिलों के कलेक्टर, केन्द्र व राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल व केन्द्रीय ग्राउंड वाटर ऑथरेटी की एक कमेटी गठित की गई है, जो दो माह में पर्यावरण सुधार के लिए कार्य योजना को अंतिम रूप देगी. एनजीटी के चैयरपर्सन आर्दश कुमार गोयल की अगुवाई वाली तीन सदस्य पीठ ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि लूणी, जोजरी व बांडी नदी में किसी भी तरह का प्रदूषित पानी नहीं छोड़ा जाएगा. यदि कोई औद्योगिक इकाई या संयंत्र पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन करते हुए पाया जाए, तो उससे क्षतिपूर्ति राशि वसूली जायेगी. ऐसी इकाइयों के खिलाफ कानूनी कारवाई करने एवं उनको सीज करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

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एनजीटी ने केन्द्रीय व राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल, केन्द्रीय ग्राउंड वाटर ऑथरेटी व तीनों जिलों के कलेक्टर को सतत निगरानी करने के लिए भी कहा है. इसके साथ ही विस्तृत सर्वे के लिए भी कहा ताकि प्रदूषण फैलाने में लिप्त इकाईयों को सूचीबद्ध किया जा सके व कारवाई की जा सके. एनजीटी ने सेवानिवृत न्यायाधीश प्रकाश टाटिया की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने दो संस्करणों में अपनी रिपोर्ट अधिकरण को सौंपी थी. कमेटी की सिफारिशों को छह माह में लागू करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

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