जोधपुर. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मनोज गर्ग ने जिला अभिभाषक संघ बालोतरा की ओर से जिला एवं सेशन न्यायालय बालोतरा के लिए नये भवन निर्माण के लिए दायर याचिका में नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. उच्च न्यायालय ने सचिव विधि एवं विधिक कार्य विभाग, निदेशक स्थानीय निकाय विभाग, रजिस्ट्रार राजस्थान उच्च न्यायालय, जिला एवं सेशन न्यायाधीश बालोतरा, जिला कलेक्टर बाडमेर, आयुक्त नगर परिषद बालोतरा एवं तहसीलदार पचपदरा जिला बाडमेर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
जिला अभिभाषक संघ बालोतरा की ओर से अध्यक्ष लादूराम चौधरी की ओर से अधिवक्ता राकेश अरोडा ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका पेश कर पक्ष रखा. अधिवक्ता अरोडा ने न्यायालय को बताया कि जिला एवं सेशन न्यायाधीश बाडमेर की स्थापना वर्ष 1951 में की गयी थी. मुख्यालय बालोतरा रखा गया. वर्तमान कुल सात न्यायालय चल रहे हैं. इसके अलावा इसी भवन में विधिक सहायता केन्द्र एवं जिला कारागृह भी स्थित है. वर्तमान भवन बहुत ही पुराना एवं जर्जर अवस्था में है. सडक से नीचे स्थित होने से बारिश के दिनो में भवन में पानी भी भर जाता है. जिससे न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, कर्मचारियों एवं वादीगण काफी परेशानियों का सामना करते हैं.
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जिला अभिभाषक संघ ने पिछले पन्द्रह साल से नये भवन के लिए कई बार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नही हुई. न्यायालय भवन के स्थानान्तरण के लिए जसोल के खसरा नम्बर 649 एवं 650 में भूमि आंवटित करना प्रस्तावित था. नगर पालिका की ओर से प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है. लेकिन पिछले 11 साल से केवल इस आधार पर भूमि आवंटित नही की गई कि जसोल के खसरा नम्बर 649 एवं 650 की कुछ भूमि के सम्बंध में राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका विचाराधीन है. जबकि इस याचिका को उक्त खसरों की भूमि से कोई सम्बंध नही है.
उच्च न्यायालय ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.