जोधपुर. जिले में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग कई शिकायतें मिलने के बाद ई-मित्र संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की है. विभाग द्वारा पिछले एक माह के अंदर लगभग 10 से 12 ई-मित्र संचालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है.
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग विभाग द्वारा लाइसेंस रद्द करने का मुख्य कारण इनके संचालकों द्वारा आम जनता से अधिक पैसा वसूली करना बताया जा रहा है. इनकी शिकायत विभाग के पास आई और विभाग ने जांच करने के बाद ई-मित्र संचालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग जोधपुर के एसीपी महेंद्र चौधरी ने बताया कि आम जनता द्वारा संपर्क पोर्टल और कार्यालय में आकर ई-मित्र संचालकों द्वारा नियमित दरों से अधिक पैसा वसूलने की शिकायत मिल रही थी, जिस पर विभाग ने इन शिकायतों की जांच कर ई-मित्र संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की.
एसीपी महेंद्र चौधरी के मुताबिक पिछले एक महीने में 10 से 12 ई मित्र-संचालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. साथ ही एसीपी महेंद्र चौधरी ने ईटीवी भारत के माध्यम से आम जनता से अपील की है कि जनता ई-मित्र पर पानी और बिजली का बिल जमा करवाने जाए तो उनसे कंप्यूटराइज रसीद जरूर लें. ऐसा इसलिए, क्योंकि कंप्यूटराइज रसीद तब ही जारी होती है, जब आपका पैसा संबंधित विभाग में जमा हो जाता है.
एसीपी महेंद्र चौधरी ने बताया कि सभी ई-मित्र केंद्रों के बाहर सरकार द्वारा जारी की गई योजना और उनकी राशि पंपलेट के रूप में लगाई गई है, जिससे उन्हें सभी योजनाओं के आवेदन की राशि के बारे में जानकारी हो और वो नियमित दर से अधिक पैसा ना दें.
साथ ही सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारी का कहना है कि इस संबंध में जनता को भी जागरूक होने की आवश्यकता है और अगर भविष्य में भी नियमित दरों से अधिक पैसा वसूलने की शिकायत मिलती है तो ई-मित्र संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.