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जोधपुर में 10 से ज्यादा ई-मित्र संचालकों के लाइसेंस निरस्त... मिली थी ये शिकायत - canceled

जोधपुर में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने नियमित दरों से अधिक पैसा वसूलने की शिकायत मिलने के बाद 10 से अधिक ई-मित्र संचालकों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं. साथ ही सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग का कहना है कि इस संबंध में जनता को भी जागरूक होने की आवश्यकता है.

जोधपुर में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने ई-मित्र संचालकों के खिलाफ की कार्रवाई
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Published : Jul 18, 2019, 4:34 PM IST

जोधपुर. जिले में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग कई शिकायतें मिलने के बाद ई-मित्र संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की है. विभाग द्वारा पिछले एक माह के अंदर लगभग 10 से 12 ई-मित्र संचालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है.

सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग विभाग द्वारा लाइसेंस रद्द करने का मुख्य कारण इनके संचालकों द्वारा आम जनता से अधिक पैसा वसूली करना बताया जा रहा है. इनकी शिकायत विभाग के पास आई और विभाग ने जांच करने के बाद ई-मित्र संचालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया है.

सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग जोधपुर के एसीपी महेंद्र चौधरी ने बताया कि आम जनता द्वारा संपर्क पोर्टल और कार्यालय में आकर ई-मित्र संचालकों द्वारा नियमित दरों से अधिक पैसा वसूलने की शिकायत मिल रही थी, जिस पर विभाग ने इन शिकायतों की जांच कर ई-मित्र संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की.

एसीपी महेंद्र चौधरी के मुताबिक पिछले एक महीने में 10 से 12 ई मित्र-संचालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. साथ ही एसीपी महेंद्र चौधरी ने ईटीवी भारत के माध्यम से आम जनता से अपील की है कि जनता ई-मित्र पर पानी और बिजली का बिल जमा करवाने जाए तो उनसे कंप्यूटराइज रसीद जरूर लें. ऐसा इसलिए, क्योंकि कंप्यूटराइज रसीद तब ही जारी होती है, जब आपका पैसा संबंधित विभाग में जमा हो जाता है.

जोधपुर में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने ई-मित्र संचालकों के खिलाफ की कार्रवाई

एसीपी महेंद्र चौधरी ने बताया कि सभी ई-मित्र केंद्रों के बाहर सरकार द्वारा जारी की गई योजना और उनकी राशि पंपलेट के रूप में लगाई गई है, जिससे उन्हें सभी योजनाओं के आवेदन की राशि के बारे में जानकारी हो और वो नियमित दर से अधिक पैसा ना दें.

साथ ही सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारी का कहना है कि इस संबंध में जनता को भी जागरूक होने की आवश्यकता है और अगर भविष्य में भी नियमित दरों से अधिक पैसा वसूलने की शिकायत मिलती है तो ई-मित्र संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

जोधपुर. जिले में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग कई शिकायतें मिलने के बाद ई-मित्र संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की है. विभाग द्वारा पिछले एक माह के अंदर लगभग 10 से 12 ई-मित्र संचालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है.

सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग विभाग द्वारा लाइसेंस रद्द करने का मुख्य कारण इनके संचालकों द्वारा आम जनता से अधिक पैसा वसूली करना बताया जा रहा है. इनकी शिकायत विभाग के पास आई और विभाग ने जांच करने के बाद ई-मित्र संचालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया है.

सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग जोधपुर के एसीपी महेंद्र चौधरी ने बताया कि आम जनता द्वारा संपर्क पोर्टल और कार्यालय में आकर ई-मित्र संचालकों द्वारा नियमित दरों से अधिक पैसा वसूलने की शिकायत मिल रही थी, जिस पर विभाग ने इन शिकायतों की जांच कर ई-मित्र संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की.

एसीपी महेंद्र चौधरी के मुताबिक पिछले एक महीने में 10 से 12 ई मित्र-संचालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. साथ ही एसीपी महेंद्र चौधरी ने ईटीवी भारत के माध्यम से आम जनता से अपील की है कि जनता ई-मित्र पर पानी और बिजली का बिल जमा करवाने जाए तो उनसे कंप्यूटराइज रसीद जरूर लें. ऐसा इसलिए, क्योंकि कंप्यूटराइज रसीद तब ही जारी होती है, जब आपका पैसा संबंधित विभाग में जमा हो जाता है.

जोधपुर में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने ई-मित्र संचालकों के खिलाफ की कार्रवाई

एसीपी महेंद्र चौधरी ने बताया कि सभी ई-मित्र केंद्रों के बाहर सरकार द्वारा जारी की गई योजना और उनकी राशि पंपलेट के रूप में लगाई गई है, जिससे उन्हें सभी योजनाओं के आवेदन की राशि के बारे में जानकारी हो और वो नियमित दर से अधिक पैसा ना दें.

साथ ही सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारी का कहना है कि इस संबंध में जनता को भी जागरूक होने की आवश्यकता है और अगर भविष्य में भी नियमित दरों से अधिक पैसा वसूलने की शिकायत मिलती है तो ई-मित्र संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

Intro:जोधपुर
जोधपुर में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग ईमित्र संचालकों के को लेकर शक हो चुका है विभाग द्वारा पिछले एक माह के अंदर लगभग 10 से 12 ईमित्र संचालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है विभाग द्वारा लाइसेंस रद्द करने का मुख्य कारण इनके संचालकों द्वारा आम जनता से अधिक पैसा वसूली करना बताया जा रहा है। जिनकी शिकायत विभाग के पास आई और विभाग ने जांच करने के बाद ईमित्र संचालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया है


Body:सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग जोधपुर के एसीपी महेंद्र चौधरी ने बताया कि आम जनता द्वारा संपर्क पोर्टल और कार्यालय में आकर ईमित्र संचालकों द्वारा नियमित दरों से अधिक पैसा वसूलने की शिकायत मिल रही थी जिस पर विभाग ने इन शिकायतों की जांच कर ईमित्र संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गत एक माह में 10 से 12 ई मित्र संचालकों का लाइसेंस रद्द कर दिया है ।साथ ही एसीपी महेंद्र चौधरी ने ईटीवी भारत के माध्यम से आम जनता से अपील की है कि जनता ईमित्र पर पानी ,बिजली का बिल जमा करवाने जाए तो उनसे कंप्यूटराइज रसीद जरूर लें ।क्योंकि कंप्यूटराइज रसीद तब ही जारी होती है जब आपका पैसा संबंधित विभाग में जमा हो जाता है। एसीपी महेंद्र चौधरी ने बताया कि सभी ईमित्र केंद्रों के बाहर सरकार द्वारा जारी की गई योजना और उनकी राशि पेंपलेट के रूप में लगाई गई है जिससे कि उन्हें सभी योजनाओं के आवेदन की राशि के बारे में जानकारी हो और वे नियमित दर से अधिक पैसा ना दे। साथ ही सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारी का कहना है कि इस संबंध में जनता को भी जागरूक होने की आवश्यकता है ऒर अगर भविष्य में भी नियमित दरों से अधिक पैसा वसूलने की शिकायत मिलती है तो ईमित्र संचालकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।


Conclusion:बाईट महेंद्र चौधरी एसीपी सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग जोधपुर
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